प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early Pregnancy Symptoms in Hindi

पीरियड मिस होना : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में सबसे पहले आता है पीरियड मिस होना। हालांकि कई महिलाओं में प्रेगनेन्सी के बावजूद पीरियड मिस होने की जगह लाइट पीरियड्स आ सकते हैं मतलब की इस दौरान ब्लीडिंग की मात्रा काफी कम होती हैं।

मूड में बदलाव : पीरियड्स के कुछ दिन पहले की तरह प्रेगनेंसी में भी मूड स्विंग्स यानी मूड में बदलाव आना आम बात है। छोटी-छोटी बातों पे चिड़चिड़ापन भी हो सकता हैं। हार्मोन का स्तर बैलेंस होने पर मूड स्विंग्स की समस्या दूर हो जाती हैं, लेकिन कई महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों तक मूड स्विंग्स का अनुभव करती हैं।

थकान महसूस होना : प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाएं बहुत ही ज्यादा थकान महसूस करती हैं। पहले ट्रायमेस्टर से लेकर दूसरे ट्रायमेस्टर तक  थकान महसूस होना आम बात है। वैसे तो दूसरे ट्रायमेस्टर में थकान की समस्या दूर हो जाती हैं लेकिन तीसरे ट्रायमेस्टर में फिर से थकान से सामना करना पड़ सकता हैं।

जी मिचलाना (मॉर्निंग सिकनेस) : आधी से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं। कई महिलाओं को भूख भी नहीं लगती और इतना ही नहीं कई महिलाएं सिर्फ मॉर्निंग में हीं नहीं बल्कि पूरा दिन इस लक्षण को महसूस करती हैं।

चक्कर आना : शरीर में हार्मोनल बदलाव और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव की वजह से प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर आना सामान्य है। यह पहले ट्रायमेस्टर से लेकर छह सप्ताह तक चक्कर महसूस हो सकते हैं। अगर बार बार चक्कर

सांस लेने में तकलीफ : प्रेगनेंसी के तीसरे ट्रायमेस्टर में सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य है। कई माफियाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत में भी ऐसा होता हैं। अगर आपको अस्थमा जैसी बिमारी है तो इसको लेकर डॉक्टर से परामर्श करें।

सिर दर्द और सिर भरी होना : प्रेगनेंसी के पहले और दूसरे ट्रायमेस्टर में सरदर्द की शिकायते ज्यादा रहती हैं। हार्मोन का स्तर और ब्लड वॉल्यूम बढ़ने की वजह से पहले ट्रायमेस्टर में सरदर्द की शिकायते हो सकती हैं।

बार-बार पेशाब लगना : प्रेगनेंसी के वक्त शरीर में प्रवाही का स्तर बढ़ जाता हैं और किडनी की कार्यक्षमता में वृद्धि पाए जाती हैं। गर्भाशय में पल रहे बच्चे की वजह से ब्लैडर पर दबाव आता है। बार बार टायलेट जाना भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों में जाना जाता है।

कब्ज की शिकायत : प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का पाचनतंत्र प्रभावित होता हैं, जिसकी वजह से कब्ज की समस्या हो सकती हैं। कई महिलाओं को इन दौरान बवासीर भी हो सकता हैं। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद यह शिकायते भी दूर हो जाती हैं।

स्तनों के आकार में बदलाव : प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट में सूजन आ जाती हैं। ऐसा हीं कुछ पीरियड्स शुरू होने से पहले भी देखा जाता हैं। प्रेगनेंसी के दौरान निप्पल के आसपास की त्वचा का रंग गहरा हो जाता हैं।

रक्तस्राव और ऐंठन : अगर आपको कोई और लक्षण भी दिख रहे हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इतना ही नहीं अगर ब्लीडिंग हो या फिर पानी की थैली फट जाए, शरीर का तापमान ज्यादा रहता हो