Sperm Motility Meaning in Hindi: स्पर्म मोटिलिटी क्या होता है?
स्पर्म मोटिलिटी (Sperm Motility) का मतलब है शुक्राणुओं (स्पर्म) की गतिशीलता, यानी उनके तैरने या आगे बढ़ने की क्षमता। यह एक महत्वपूर्ण कारक है जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता (fertility) को प्रभावित करता है।
गर्भधारण करने के लिए महिला का स्वस्थ होना हीं नहीं बल्कि पुरुष की स्पर्म मोटिलिटी का अच्छा होना भी आवश्यक है। Sperm motility meaning in Hindi ब्लॉग में हमने बताया है आम तौर पर आप लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी स्पर्म मोटिलिटी को बढ़ा सकते हैं।
स्पर्म मोटिलिटी क्या होता है (Sperm motility meaning in Hindi)
In this Article
स्पर्म मोटिलिटी का मतलब शुक्राणुओं (स्पर्म) की गति या तैरने की क्षमता है। यह मापता है कि शुक्राणु कितनी अच्छी तरह से और कितनी तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं।
आप हमारे (Sperm Motility Meaning in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की स्पर्म मोटिलिटी क्या होता है? और जरूरी स्तर और उपचार इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
स्पर्म मोटिलिटी फैमिली प्लानिंग के लिए बहुत जरूरी होता है। इनफर्टिलिटी का एक कारण स्पर्म मोटिलिटी भी हो सकता है। स्पर्म जितनी जल्दी से आगे बढ़कर गर्भाशय तक पहुंचकर एग के साथ फर्टिलाइज हो जाए उतनी ही अच्छी स्पर्म की मोटिलिटी होती है। गर्भधारण करने के लिए स्पर्म की मोटिलिटी अच्छी होना जरूरी है। स्पर्म मोटिलिटी अच्छी हो तो गर्भधारण करने में आसानी रहती है।
स्पर्म मोटिलिटी क्यों महत्वपूर्ण है (Why is Sperm Motility Important)
स्पर्म मोटिलिटी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पुरुष की प्रजनन क्षमता का एक प्रमुख संकेतक है। जब शुक्राणु स्वस्थ होते हैं और अच्छी तरह तैर सकते हैं, तो गर्भधारण के मौके बढ़ जाते हैं।
- गर्भधारण में सहायक: शुक्राणुओं का अंडाणु तक पहुंचना और उसे निषेचित करना
- प्रजनन क्षमता का संकेत: अच्छी स्पर्म मोटिलिटी से पुरुष की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है,
- लंबी दूरी तय करना : लंबी दूरी तय करना वे तभी पूरा कर पाते हैं जब उनकी मोटिलिटी अच्छी हो।
स्पर्म मोटिलिटी के प्रकार (Types of Sperm Motility in Hindi)
स्पर्म मोटिलिटी, यानी शुक्राणुओं की गति, उनकी स्वस्थता और गर्भधारण में उनकी भूमिका का एक महत्वपूर्ण पहलू है। आमतौर पर स्पर्म मोटिलिटी (Sperm Motility) के दो प्रकार होते हैं।
1. प्रोग्रेसिव मोटिलिटी
इसमें स्पर्म की गति सीधी और बड़े सर्कल में होती है। यह गर्भधारण के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि ये शुक्राणु अंडाणु तक असानी से पहुंच सकते हैं।
2. नॉन प्रोग्रेसिव मोटिलिटी
इसमें स्पर्म सीधी दिशा में गति नहीं करते और छोटे सर्कल में हीं रहकर आगे बढ़ते हैं। उनकी दिशा निश्चित नहीं होती। वे एक स्थान पर घूमते रहते हैं
और पढ़े : बांझपन क्या हैं, लक्षण और उपचार
लो स्पर्म मोटिलिटी के कारण (Causes of low sperm motility in Hindi)
लो स्पर्म मोटिलिटी (Sperm Motility) के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जिसकी वजह से प्रजनन क्षमता पर भी असर परता है। हमने यहाँ मुख्य कारण बताये है,
• उम्र : बढ़ती उम्र के साथ साथ शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिस से स्पर्म की मोटिलिटी में भी कमी आ सकती है।
• हार्मोनल परिवर्तन : हार्मोन में अगर असंतुलन हो तो उसका प्रभाव स्पर्म मोटिलिटी पर पड़ सकता है। इसलिए स्पर्म मोटिलिटी के लिए हार्मोन संतुलन जरूरी है।
• आल्कोहोल और स्मोकिंग : शराब और सिगरेट के ज्यादा सेवन से भी स्पर्म मोटिलिटी को प्रभावित करती है। जिसकी वजह से गर्भधारण करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
• तनाव और खराब आहार : अत्यधिक तनाव और विटामिन B12 और विटामिन C जैसे विटामिन की कमी की वजह से भी स्पर्म की मोटिलिटी में कमी हो सकती है।
• आनुवंशिक कारण : स्पर्म की कम मोटिलिटी के लिए कभी कभी आनुवंशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
• लाइफस्टाइल : आमतौर पर लाइफस्टाइल आपके शरीर की पूरी सिस्टम को प्रभावित करती है लेकिन सबसे ज़्यादा प्रभावित स्पर्म मोटिलिटी होती है।
• अन्य कारणों : मोटापा और कुछ दवाइयों की वजह से भी स्पर्म मोटिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है।
स्पर्म मोटिलिटी को प्रभावित करने वाले कारक (Key Factors Affecting Sperm Motility in Hindi)
स्पर्म मोटिलिटी का अर्थ है शुक्राणुओं की गति, जो प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है। स्पर्म मोटिलिटी को प्रभावित करने वाले ये विभिन्न कारक प्रजनन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारक हमने यहाँ निम्नलिखित दिए हैं:
- आहार (Diet): आपकी डाइट में विटामिन C, विटामिन E, जिंक, और सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स, Omega-3 fatty acids शुक्राणु की मोटिलिटी को बढ़ाने में काफी सहायता देती हैं।
- शारीरिक गतिविधि (Physical Activity): नियमित शारीरिक व्यायाम करने से शुक्राणु की मोटिलिटी बढ़ा सकता है।
- तनाव (Stress): मानसिक तनाव भी स्पर्म मोटिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल है, इसलिए तनाव से बचे।
- बाकू और शराब का सेवन (Tobacco and Alcohol Consumption): धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन शुक्राणुओं की मोटिलिटी को कम कर सकता है।
लो स्पर्म मोटिलिटी की पहचान कैसे करें (How to Test for Low Sperm Motility in Hindi)
स्पर्म मोटिलिटी की जांच जरूरी है, खासकर तब जब आप और आपका साथी लंबे समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं। सही समय पर परीक्षण करे, आइए जानते हैं कि लो स्पर्म मोटिलिटी का परीक्षण कैसे किया जाता है।
- स्पर्म एनालिसिस (Semen Analysis): स्पर्म मोटिलिटी की जांच करने का सबसे सही तरीका स्पर्म एनालिसिस है, इस परीक्षण में शुक्राणुओं की संख्या, मोटिलिटी, की जांच की जाती है।
- घर पर स्पर्म टेस्ट किट (At-Home Sperm Test Kits): आजकल बाजार में ऐसी किट उपलब्ध हैं, ये किट शुक्राणुओं की संख्या और गति की सामान्य जानकारी दे सकती हैं।
लो स्पर्म मोटिलिटी को कैसे डील करें (How to Deal with Low Sperm Motility in Hindi)
लो स्पर्म मोटिलिटी जिससे गर्भधारण में मुश्किल हो सकती है। यह समस्या तनाव पैदा कर सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ उपाय अपनाकर इसे बेहतर भी किया जा सकता है।
- तनाव से दूर रहें
- स्मोकिंग और एल्कोहल से दूर रहें
- टाइट कपड़े न पहनें
- शुगर का सेवन कम करें
स्पर्म मोटिलिटी बढ़ाने वाले फूड्स (Food to increase Sperm Motility in Hindi)
• पम्पकिन सीड्स : पम्पकिन सीड्स पौष्टिक होते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए भी एक अच्छा विकल्प है। यह जिंक का एक अच्छा स्त्रोत होने की वजह से स्पर्म और मेल फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता है। जिंक के पर्याप्त सेवन से स्पर्म की मोटिलिटी में सुधार आता है।
• डार्क चॉकलेट : डार्क चॉकलेट अपने अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है। हालांकि डार्क चॉकलेट अच्छे टेस्ट के साथ हीं स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। एक रिसर्च में पाया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट और एल-आर्जिनिन होने की वजह से यह स्पर्म मोटिलिटी बढ़ाने में मदद करता है।
• पालक : पुरुष की प्रजनन क्षमता के लिए पालक फायदेमंद होता है। पालक में फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है और स्पर्म मोटिलिटी के लिए फोलिक एसिड की अच्छी मात्रा होना जरूरी है।
• अखरोट : अखरोट स्पर्म के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है। अखरोट में स्पर्म मोटिलिटी के लिए जरूरी ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन E और पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।
• खट्टे फलों : खट्टे फलो में विटामिन C जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो पुरुष की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है।
निष्कर्ष
गर्भधारण करने के लिए सिर्फ महिला की हीं नहीं पुरुष की प्रजनन क्षमता भी अच्छी होनी जरूरी है। महिलाओं की तरह पुरुष में इनफर्टिलिटी के लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसमें से एक है स्पर्म मोटिलिटी। अगर स्पर्म सहीं समय पर महिला के एग तक पहुंचने में सफल न हो तो इसके लिए स्पर्म की कम मोटिलिटी (Sperm Motility in Hindi) जिम्मेदार हो सकती है। इसके निदान के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी इसे ठीक किया जा सकता है।
यदि आपको संदेह है कि आपको गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है, तो उपचार के लिए आज ही दिव्य वात्सल्य ममता IVF के फर्टिलिटी डॉक्टर से करे।
और पढ़े :
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
स्पर्म की मोटिलिटी कितना होना चाहिए?
स्पर्म की मोटिलिटी मेडिकल मापदंडों के अनुसार, एक मिलीलीटर वीर्य में स्पर्म की संख्या 20-110 लाख होनी चाहिए और उनकी मोटिलिटी 40 प्रतिशत तक होनी चाहिए।
स्पर्म मोटिलिटी की गतिशीलता कैसे बढ़ाएं?
स्पर्म मोटिलिटी बढ़ाने के लिए सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श करें, वजह जानने के बाद डॉक्टर की सुचना का पालन करें और अपनी लाइफस्टाइल में भी जरूरी बदलाव करें।
नॉर्मल स्पर्म रिपोर्ट क्या है?
मेडिकल मापदंडों के अनुसार, गर्भधारण करने के लिए एक मिलीलीटर वीर्य में स्पर्म की संख्या 20-110 लाख होनी चाहिए और उनकी मोटिलिटी 40 लाख प्रतिशत तक होनी चाहिए।
शुक्राणु बढ़ाने की दवा कौन सी है?
आमतौर पर डॉक्टर शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्लोमिफेन (Clomiphene) दवाई का सुझाव दे सकते है। हालांकि की यह निदान के बाद ही पता चल सकता है और बिना डॉक्टर से परामर्श किए किसी भी तरह की दवाईयों के सेवन करने से बचें।
कौन सा फल खाने से शुक्राणु बढ़ता है?
विटामिन C से भरपूर खट्टे फल जैसे की संतरा, अंगूर को सेवन करने से स्पर्म मोटिलिटी बढ़ती है।
स्पर्म मोटिलिटी बढ़ाने में कितना समय लगता है?
स्वस्थ आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव करने के एक से दो सप्ताह के भीतर स्पर्म मोटिलिटी बढ़ जाती है लेकिन यह सुधार सभी में अलग अलग समय पर हो सकते हैं।
पुरुष का स्पर्म Motility कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता?
सामान्य: 40% या उससे अधिक गतिशील शुक्राणु प्रजनन क्षमता के लिए अच्छे माने जाते हैं।
कम गतिशीलता (अस्थेनोज़ोस्पर्मिया): 39% से कम गतिशील शुक्राणु गर्भधारण की संभावना कम करते हैं।
स्पर्म मोटिलिटी कैसे बढ़ाये
स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, तनाव कम करना।
धूम्रपान और शराब से परहेज: ये प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
वजन नियंत्रण: मोटापा पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम कर सकता है।
विटामिन और सप्लीमेंट: डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन सी, डी, और ई जैसे सप्लीमेंट ले सकते हैं।
लड़का पैदा करने के लिए स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए
लड़के की संभावना: शुक्राणुओं में Y गुणसूत्र होने पर लड़के की संभावना बढ़ जाती है।
कोई निश्चित काउंट नहीं: स्पर्म काउंट और गुणवत्ता ही लड़के के जन्म की संभावना तय करते हैं।
स्पर्म कितना गाढ़ा होना चाहिए?
सामान्य: थोड़ा गाढ़ा, शहद जैसा।
बहुत पतला या गाढ़ा: प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
स्पर्म गाढ़ा करने के लिए क्या खाएं
फल और सब्जियां: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो शुक्राणु स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
साबुत अनाज: फाइबर और विटामिन बी से भरपूर होते हैं।
नट्स और बीज: स्वस्थ वसा और ओमेगा -3 फैटी एसिड प्रदान करते हैं।
मछली: ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत।
40% शुक्राणु गतिशीलता का क्या अर्थ है?
इसका मतलब है कि 40% शुक्राणु अपने दम पर गति करने में सक्षम हैं।
यह सामान्य प्रजनन क्षमता के लिए स्वीकार्य माना जाता है।
30 दिन में कितना स्पर्म बनता है
30 दिनों में, पुरुषों में लगभग 1500 करोड़ नए शुक्राणु बनते हैं
क्या व्यायाम करने से स्पर्म मोटिलिटी बढ़ती है?
हां, नियमित व्यायाम स्पर्म मोटिलिटी को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
क्या स्पर्म मोटिलिटी उम्र के साथ कम होती है?
हां, उम्र के साथ स्पर्म मोटिलिटी कम हो सकती है। आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद स्पर्म की गति और गुणवत्ता पर असर पड़ने लगता है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।