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Pregnancy ke Lakshan :गर्भावस्था के लक्षण

गर्भावस्था एक अद्भुत यात्रा है, जो एक महिला के शरीर में कई बदलाव लाती है। इन बदलावों के साथ ही कुछ विशिष्ट लक्षण भी दिखाई देते हैं, जिन्हें गर्भावस्था लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) कहा जाता है। यह लेख आपको गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों, उनके दिखने के समय और अन्य संबंधित जानकारी प्रदान करेगा।

गर्भावस्था के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को बहुत सारे लक्षण महसूस होते हैं, जबकि कुछ को बहुत कम या कोई भी लक्षण नहीं महसूस होते हैं। इसलिए, यदि आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो एक गर्भावस्था परीक्षण करवाना सबसे अच्छा तरीका है।

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प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण कब दिखाई देते हैं (Pregnancy ke Lakshan)

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण कब दिखते हैं गर्भ धारण होने के बाद हर महिला अलग-अलग तरह से और अलग-अलग समय पर गर्भावस्था के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) महसूस करती है। कुछ महिलाओं को तो गर्भ धारण के कुछ दिनों के अंदर ही लक्षण महसूस होने लगते हैं, जैसे कि थकान या मसिक धर्म में देरी। वहीं, कुछ महिलाओं को गर्भावस्था परीक्षण करने के बाद भी कुछ हफ्तों तक कोई खास लक्षण महसूस नहीं होते हैं। आम तौर पर, गर्भ धारण होने के 2 से 3 सप्ताह के बाद से लेकर 6-41 दिनों के बीच गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण (early Pregnancy Symptoms) दिखाई देना शुरू हो जाते हैं।

पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण (Pregnant hone ke Lakshan)

गर्भावस्था के कुछ लक्षण पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण ही दिखाई देने लगते हैं (Pregnant hone ke Lakshan) ये लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं: 

  • मासिक धर्म न आना 
  • स्तनों में दर्द या कोमलता महसूस होना
  • स्तनों में सूजन आना 
  • निप्पल का रंग गहरा होना 
  • बार-बार पेशाब करने की ज़रूरत होना 
  • थकान महसूस करना 
  • मतली या उल्टी होना 
  • अजीब-सी कमज़ोरी महसूस होना 
  • बार-बार पेशान आना 
  • बार-बार कुछ खाने की इच्छा होना 
  • खाने से चिढ़ होना 
  • बेसल बॉडी टेम्परेचर बढ़ना 
  • डिस्चार्ज के रंगों में बदलाव होना 
  • ऐंठन जैसा महसूस होना
  • पेट फूलना या कब्ज होना 

गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से स्तनों में दर्द और भारीपन महसूस होता है. साथ ही, स्तनों में मौजूद धमनियां दूध का निर्माण करने के लिए बड़ी होने लगती हैं, जिससे स्तनों में भारीपन आता है. (pregnancy symptoms in hindi) गर्भावस्था के दौरान बदलते हॉर्मोन पाचन क्रिया को धीमा कर देते हैं, जिससे पेट में हवा जमा हो जाती है और कब्ज की समस्या हो जाती है. 

अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो घर पर ही गर्भावस्था परीक्षण करा सकते हैं. 

प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में दिखने वाले लक्षण (Pregnancy ke Lakshan)

आमतौर पर, गर्भ धारण होने के पहले हफ्ते में कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते क्योंकि गर्भ अभी बस लगना शुरू होता है। लेकिन, कुछ महिलाओं को बहुत कम समय में ही कुछ बदलाव महसूस हो सकते हैं। (Pregnant hone ke Lakshan) कुछ महिलाओं को गर्भ धारण के पहले हफ्ते में ये लक्षण महसूस हो सकते हैं:

मासिक धर्म में देरी: यह सबसे आम संकेत है कि आप गर्भवती हो सकती हैं।

स्तनों में दर्द या कोमलता: आपके स्तन पहले से ज्यादा दर्द करने लग सकते हैं और कोमल महसूस हो सकते हैं।

अधिक थकान: आपको पहले से ज्यादा थकान महसूस हो सकती है।

मतली: खासकर सुबह के समय आपको मतली आ सकती है।

पेट फूलना: आपको पेट फूला हुआ महसूस हो सकता है।

बार-बार पेशाब आना: आपको बार-बार पेशाब लग सकता है।

मूड में उतार-चढ़ाव: आपका मूड अचानक बदल सकता है।

हल्का खून आना: कभी-कभी गर्भ धारण होने के समय थोड़ा सा खून आ सकता है, इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं।

सफेद पानी आना: वेजाइना से सफेद पानी आ सकता है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण (early Pregnancy Symptoms) कभी-कभी भ्रमित करने वाले हो सकते हैं क्योंकि ये लक्षण अन्य कारकों के कारण भी हो सकते हैं और ज़रूरी नहीं कि इसका मतलब यह हो कि आप गर्भवती हैं.

प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं

गर्भावस्था के लक्षण (Pregnancy ke Lakshan) हर महिला में अलग-अलग समय पर दिखाई देते हैं। कुछ महिलाओं को गर्भधारण के कुछ ही दिनों बाद लक्षण महसूस होने लगते हैं, जबकि अन्य को कुछ हफ्तों बाद। आमतौर पर, गर्भावस्था के लक्षण गर्भधारण के 4 से 6 हफ्तों के बाद दिखाई देने लगते हैं।

लेकिन, यह पूरी तरह से व्यक्ति पर निर्भर करता है। कुछ महिलाओं को तो गर्भधारण के 3-4 दिन बाद ही लक्षण महसूस होने लगते हैं। 

गर्भावस्था के पहले सप्ताह में शारीरिक लक्षण नहीं दिखते. (pregnancy symptoms in hindi) गर्भावस्था के दौरान, कई तरह के लक्षण हो सकते हैं, जैसे: 

  • निषेचित अंडे के प्रत्यारोपण के कारण गर्भधारण के 6 से 12 दिन बाद ऐंठन हो सकती है.
  • गर्भधारण के 7 से 14 दिन बाद स्तनों में सूजन, दर्द, झुनझुनी, और भारीपन महसूस हो सकता है.
  • गर्भधारण के 7 से 14 दिन बाद थकान, प्रोजेस्टेरोन का बढ़ना, निम्न रक्त शर्करा, और निम्न रक्तचाप हो सकता है.
  • गर्भधारण के 7 से 14 दिन बाद एस्ट्रोजन के बढ़ने और गैस्ट्रिक खाली होने की धीमी गति के कारण मतली हो सकती है, जिसे मॉर्निंग सिकनेस के रूप में जाना जाता है.
  • गर्भधारण के बाद छठे या आठवें हफ़्ते में बहुत ज़्यादा पेशाब आना शुरू हो सकता है.
  • प्रेगनेंसी के शुरुआती चरण में, महिलाओं को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग, मूड में परिवर्तन, और मांसपेशियों का दर्द भी महसूस हो सकता है. 

गर्भावस्था के दौरान, मतली और उल्टी का अनुभव होने पर, आपको किसी चिकित्सक से मिलना चाहिए. अगर आपको अत्यधिक मतली और निर्जलीकरण का अनुभव हो रहा है, तो आप दिल्ली के किसी अच्छे आईवीएफ़ सेंटर से संपर्क कर सकते हैं. 

प्रारंभिक गर्भावस्था के सामान्य लक्षण (Pregnant hone ke Lakshan)

शुरुआती गर्भावस्था लक्षण (early Pregnancy Symptoms) हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, और कुछ महिलाओं को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं। हालांकि, कई महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में कुछ सामान्य लक्षणों का अनुभव करती हैं।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में ये चीज़ें शामिल हो सकती हैं: 

मासिक धर्म में देरी: यह सबसे आम और पहला संकेत है।

मतली और उल्टी: खासकर सुबह के समय मतली आना आम है।

स्तनों में बदलाव: स्तन बड़े, कोमल और दर्दनाक हो सकते हैं।

थकान: आप पहले से ज्यादा थका हुआ महसूस कर सकती हैं।

बार-बार पेशाब आना: बढ़ता गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डालता है।

पेट फूलना: आपको पेट फूला हुआ महसूस हो सकता है।

मूड में उतार-चढ़ाव: आपका मूड अचानक बदल सकता है।

भूख में बदलाव: आपकी भूख बढ़ सकती है या कम हो सकती है।

सिरदर्द: हार्मोनल परिवर्तन के कारण सिरदर्द हो सकता है।

चक्कर आना: खून का दबाव कम होने से चक्कर आ सकते हैं।

हल्का खून आना: गर्भाशय की दीवार में भ्रूण के लगने से हल्का खून आ सकता है, इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं।

पेट में हल्की ऐंठन: गर्भाशय में भ्रूण के लगने से हल्की ऐंठन महसूस हो सकती है।

योनि स्राव: वेजाइना से सफेद पानी आ सकता है।

इनमें से कई लक्षण तनाव या बीमारी जैसे अन्य कारकों के कारण भी हो सकते हैं. अगर आपको संदेह है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें. 

गर्भाधान के लगभग 6-12 दिन बाद निषेचित अंडा गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है. इम्प्लांटेशन के बाद ही आपको गर्भावस्था के पहले कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं. कुछ महिलाओं को शुरुआती दिनों में थोड़ी ऐंठन या यहाँ तक कि स्पॉटिंग का अनुभव होता है

निष्कर्ष

गर्भावस्था के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं (Pregnant hone ke Lakshan) और कुछ महिलाओं को कोई भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं। यदि आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, आप गर्भावस्था के लक्षण जानने के लिए दिव्य वात्सल्य IVF के अनुभवी Dr. Rashmi Prasad से भी सलाह ले सकती हैं। आज ही 9771038137 पर कॉल करें और मुफ्त में परामर्श लें।

गर्भावस्था एक अद्भुत यात्रा है, और इसे पूरी तरह से अनुभव करने के लिए स्वस्थ रहें और नियमित चेकअप करवाएं।

FAQs

पहला महीना पहला सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण (1st Month first Week Pregnancy Ke Lakshan)

गर्भावस्था के पहले सप्ताह में दिखने वाले लक्षण: (pregnancy symptoms in hindi) आमतौर पर गर्भावस्था के पहले हफ्ते में कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं क्योंकि गर्भ अभी बस लगना शुरू होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को बहुत कम समय में ही कुछ बदलाव महसूस हो सकते हैं जैसे कि मासिक धर्म में देरी, स्तनों में दर्द या कोमलता, थकान आदि। लेकिन ये लक्षण अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था की पुष्टि के लिए गर्भावस्था परीक्षण करवाना या डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण

अंडा फटने यानी ओव्यूलेशन के तुरंत बाद गर्भावस्था के कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं। अगर अंडा निषेचित हो जाता है, तो गर्भाशय की दीवार में लगने के बाद ही कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के छूटने के समय के आसपास या थोड़ा देर से महसूस होते हैं। इनमें मतली, उल्टी, थकान, स्तनों में दर्द, और मूड स्विंग्स शामिल हो सकते हैं। हालांकि, ये लक्षण अन्य कारणों से भी हो सकते हैं, इसलिए गर्भावस्था की पुष्टि के लिए एक गर्भावस्था परीक्षण करवाना सबसे अच्छा तरीका है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में पेट में दर्द

जी हां, प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में पेट में दर्द होना आम बात है। (Pregnant hone ke Lakshan) यह दर्द हल्का या मध्यम हो सकता है और गर्भाशय के फैलने, हार्मोनल बदलावों या इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के कारण हो सकता है। हालांकि, अगर दर्द बहुत तेज हो या लगातार रहे तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। क्योंकि यह कभी-कभी एक्टोपिक प्रेगनेंसी या अन्य गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।

गर्भवती का पहला लक्षण क्या है?

गर्भवती होने का सबसे आम पहला लक्षण मासिक धर्म में देरी होना है। हालांकि, हर महिला के शरीर अलग-अलग होते हैं, इसलिए लक्षण भी अलग-अलग समय पर और अलग तरीके से दिखाई दे सकते हैं। कुछ अन्य शुरुआती लक्षणों में थकान, स्तनों में दर्द, मतली, और बार-बार पेशाब आना शामिल हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, ये लक्षण अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती हैं, तो एक गर्भावस्था परीक्षण करना सबसे अच्छा तरीका है।

हाथ की नाड़ी से प्रेगनेंसी चेक कैसे करें?

हाथ की नाड़ी से प्रेगनेंसी चेक करना संभव नहीं है। गर्भावस्था का पता लगाने के लिए नाड़ी देखने की कोई वैज्ञानिक विधि नहीं है। गर्भावस्था का पता लगाने का सबसे सटीक तरीका है होम प्रेग्नेंसी टेस्ट करना या डॉक्टर से संपर्क करना। ये टेस्ट मूत्र में HCG हार्मोन की मौजूदगी की जांच करते हैं जो गर्भावस्था के दौरान बढ़ता है।

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है

गर्भ ठहरने के बाद उल्टी कब शुरू होती है, इसका कोई निश्चित समय नहीं होता। यह महिला से महिला में अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर, गर्भावस्था के 5वें सप्ताह के आसपास मतली और उल्टी शुरू होती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को पहले या बाद में भी यह समस्या हो सकती है। इसे “मॉर्निंग सिकनेस” कहते हैं, लेकिन यह दिन के किसी भी समय हो सकती है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं प्रेग्नेंट हूं

आप गर्भवती हैं या नहीं, यह जानने के लिए आप एक होम प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। यह टेस्ट आपकी पेशाब से यह पता लगाता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो आपको एक डॉक्टर से मिलना चाहिए। गर्भावस्था के कुछ शुरुआती लक्षण हैं जैसे कि मिसिंग पीरियड्स, उल्टी, थकान, और स्तनों में दर्द।

प्रेगनेंसी में स्पर्म अंदर जाने से क्या होता है

यह एक आम भ्रम है कि गर्भावस्था के दौरान स्पर्म के अंदर जाने से कुछ होता है। एक बार जब कोई महिला गर्भवती हो जाती है, तो गर्भाशय में एक भ्रूण विकसित हो जाता है और गर्भाशय ग्रीवा बंद हो जाती है। इस दौरान स्पर्म के अंदर जाने से गर्भावस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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