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Pregnancy Diet Chart in Hindi: जानिए गर्भावस्‍था में क्या खाना चाहिए

प्रेगनेंसी (Pregnancy) हर महिला के लिए एक खास अनुभव होता है। प्रेगनेंसी के समय महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते रहते है, और इस दौरान सही खान-पान पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि यह माँ और बच्चे दोनों की सेहत को सीधा प्रभावित करता है।

गर्भ में पल रहे बच्चे को सही पोषण देने के लिए माँ के डायट प्लान (Pregnancy Diet Chart in Hindi) में सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल करना काफी जरूरी होता है। प्रेगनेंसी के दौरान खान-पान को लेकर भी कई तरह की गलतफहमियां लोगो के बिच फैली हुई हैं। लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिव्य वात्सल्य ममता IVF के इस Pregnancy Diet in Hindi ब्लॉग में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं। हमारे इस ब्लॉग में आप जो भी पढेंगी ये सब डॉ रश्मि प्रसाद के टीम के सुझाव के आधार पर लिखा गया है।

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प्रेगनेंसी डाइट चार्ट क्या है? (Pregnancy Diet Chart in Hindi)

प्रेगनेंसी की शुरुआत से लेकर बच्चे के जन्म लेने तक डॉक्टर आपको Diet Chart During Pregnancy अपने हर दिन के खान पान पर खास ध्यान देने को कहते हैं।

प्रेगनेंसी के समय डायट का प्लान ऐसा होना चाहिए की मां के साथ – साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जरूरी सभी पोषक तत्व मिलते रहे। प्रेगनेंसी के समय में महिला के शरीर को भारी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए Pregnancy Diet Chart में पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली जैसी हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए। साथ में प्रोटीन, फायबर, आयरन, कैल्शियम की अधिक मात्रा से भरपूर शलजम और बीन्स का भी अधिकतर सेवन करना चाहिए।

दिव्य वात्सल्य ममता IVF के इस सबसे खास ब्लॉग में हम आपको गर्भावस्था के दौरान क्या खाना चाहिए (Pregnancy Diet Chart in Hindi) इस बारे में बहुत ही विस्तार से इस ब्लॉग में हमने बताया है।

प्रेगनेंसी में सही आहार क्यों है जरूरी?

प्रेगनेंसी के दौरान सही आहार लेना बहुत जरूरी है क्योंकि यह ना केवल माँ के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी अति आवश्यक होता है। प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ आहार को लेना निम्नलिखित कारणों से जरूरी है:

प्रेगनेंसी में हर महिला को सही आहार लेना काफी जरूरी है

  • शारीर में ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान सही आहार लेना काफी जरूरी है
  • स्वस्थ आहार स्ट्रेस को भी कम करने में मदद करता है
  • स्वस्थ आहार महिला में गर्भपात होने की जोखिम को भी कम करता है
  • पोषक तत्वों से भरपूर भोजन इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देता है
  • प्रसव के दौरान शारीर स्वस्थ बनाये रखता है

इसलिए, महिला को प्रेगनेंसी के दौरान संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना उन्हें काफी जरूरी होता है।

प्रेगनेंसी में क्या खाएं? (Pregnancy Me Kya Khaye)

प्रेगनेंसी के दौरान आपको सही आहार लेना बहुत जरूरी है क्योंकि इसका सीधा असर मां और बच्चे की सेहत पर पड़ता है। आइए जानते हैं, प्रेगनेंसी में क्या खाएं (Pregnancy Me Kya Khaye) और कौन-कौन से आहार आपके और आपके बच्चे के लिए लाभदायक हो सकते हैं। हमने कुछ यहाँ खास आहार दिए गए हैं जो प्रेगनेंसी में काफी फायदेमंद हो सकते हैं:

प्रेगनेंसी में खाने के लिए आवश्यक पोषक तत्व

हरी पत्तेदार सब्जियां : इसलिए आपको अपने Diet for Pregnancy in Hindi खान पान में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे की पालक, ब्रोकोली, मेथी जैसी सब्जियां आयरन में फोलिक एसिड और फाइबर की मात्रा भरपूर होती है , इसलिए आपको इसको लेना चाहिए।

फल और उनका रस : फल सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद होते हैं, और गर्भवती महिलाओं के लिए तो इनका महत्व और भी बढ़ जाता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि दिन में एक सेब, दो केले और अन्य ताजे फल जरूर खाने चाहिए। संतरा, सेब, केला जैसे फल में विटामिन एवं मिनरल्स और फाइबर होते हैं, जो आपको प्रेगनेंसी में काफी अहम भूमिका निभाता है।

अनाज : गर्भावस्था के तीसरे महीने से साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी है। यह न केवल मां को स्वस्थ रखता है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। गेहूं, ब्राउन राइस, और ओट्स में फाइबर और ऊर्जा भरपूर होती है, इसलिए आपको ये भी अनाज कभी सेवन करे।

प्रोटीन युक्त : अंडे, मछली, चिकन, दालें और बीन्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो आपको एवं आपके बच्चे के विकास के लिए भी काफी आवश्यक हैं।

डेयरी प्रोडक्ट्स : डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, छाछ और घी गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद जरूरी हैं। ये प्रोटीन और कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जो बच्चे के विकास और मां के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए गर्भवती महिला को दूध, छाछ, दही और घी आवश्यक होते हैं, इसलिए आपको Diet Chart for Pregnancy in Hindi में अपने डाइट में आप भी सभी डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करे ।

प्रेगनेंसी के हर महीने के लिए डाइट प्लान (Indian Pregnancy Diet Chart Month by Month)

प्रेगनेंसी के दौरान सही आहार लेना बहुत जरूरी है। यह आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर बड़ा असर डालता है। एक सामान्य महिला को रोजाना 1800 कैलोरी की जरूरत होती है, जबकि एक गर्भवती महिला को रोजाना 2200 कैलोरी की आवश्यकता होती है।

Pregnancy Diet Chart Month by Month में हर महीने गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए आवश्यक आहार के बारे में जानकारी दी गई है।

1. पहला महीना : पहला महीना में आपको फल, सब्जी और प्रोटीन के लिए दाल और दूध का सेवन करना चाहिए । साथ ही साथ विटामिन B6 के लिए केला, साबूत अनाज, नट्स, रोजाना विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कम से कम 3 सीजनल फल का भी सेवन करना चाहिए ।

2. दूसरा महीना : प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में शिशु की मांसपेशियों का विकास शूरू हो जाता है, ऐसे में मछली और पनीर का भी आपको सेवन करना चाहिए ।

3. तीसरा महीना : प्रेगनेंसी का तीसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है, गर्भपात की संभावना सबसे ज्यादा इस महीने होती है। इस महीने भूर्ण आहार ले रहा होता है। इसलिए कैलोरी का सेवन करें, सीजनल फल, अंडे, संतरा, ब्रोकली और पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी करें।

4. चौथा महीना : प्रेगनेंसी के चौथा महीना में हार्ट बर्न की तकलीफ़ न हो इसलिए ओट्स, केला, सेब, तरबूज, अमरूद, कीवी का सेवन करें। पेट में ऐंठन महसूस न हो इसलिए फ्रूट सलाद और छाछ का सेवन करें।

5. पांचवा महीना : इस महीने बच्चे का तेजी से विकास हो रहा होता है इसलिए खाने में प्रोटीन, फायबर, आयरन और कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। इस महीने फ्रूट सलाद, दलिया, ओट्स, सूजी से बनी खीर, हरि सब्जियां, रोटी, दाल का सेवन करें।

6. छठा महीना : इस महीने मां के साथ साथ बच्चे के वज़न में भी वृद्धि होती है। ऐसे में प्रोटीन से भरपूर बीन्स, अंडे, मछली, मीट, टोफू, पनीर, दाल, ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर सालमोन, टूना मछली, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चावल, अनाज और आलू का सेवन करना चाहिए।

7. सातवां महीना : इस दौरान गर्भस्थ शिशु की संज्ञानात्मक और विज़न स्किल विकसित हो रही होती है इसलिए इस महीने अखरोट, अलसी, पालक, खोआ का सेवन करें। लौह तत्व से भरपूर लाल मांस, चिकन, शलजम, तिल, सोयाबीन, सूखे मेवे का सेवन करें।

8. आठवां महीना : इस महीने मां को एनीमिया और विटामिन B12 की कमी हो सकती है। एसिडिटी और सीने में जलन की दिक्कत से बचने के लिए दहीं और फ्रूट सलाद का सेवन करें। एक कटोरी हरी सब्जी और दाल का सेवन करें। नारियल पानी और भिगोएं हुए ड्राय फ्रूट्स का भी सेवन करें।

9. नौवां महीना : इस महीने गर्भस्थ शिशु का संपूर्ण विकास हो चूका होता है। इस महीने पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे, इसके अलावा नारियल का पानी भी पी सकते है। आयरन और विटामिन सी से भरपूर डाइट लें। अगर आप नोर्मल डिलीवरी चाहते है तो हल्दी, लहसुन और अदरक को भी डायट में शामिल करें।

प्रेग्नेंट महिला की सही जीवनशैली (Healthy Lifestyle for Pregnant Women)

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। ये बदलाव न केवल माँ के लिए बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

  • प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर से परामर्श करके हल्का फुल्का व्यायाम जरूरी करें।
  • स्ट्रेस से बचने के लिए मेडिटेशन करें और पर्याप्त नींद लें।
  • प्रेगनेंसी में खान- पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, थोड़े थोड़े अंतराल में कुछ खाते रहना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर द्वारा निर्देशित सभी दवाइयों का समय पर सेवन करें।
  • इस दौरान यात्रा करने से बचें, अगर यात्रा करना जरूरी हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

गर्भवती महिलाओं के लिए हमारे और से आहार के आइडियाज़

क्या आप ये सोच रहे हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए? आज हम आपको अपने स्पेशलिस्ट की तरफ से आपके प्रेगनेंसी के दौरान सुबह का नाश्ता + दोपहर का खाना + इविनिंग स्नैक्स + रात का खाना  डाइट प्लान के संबंध में डिटेल्स में बताने वाले हैं जिनकी मदद से आप अपने पूरे दिन के खान पान को अच्छे से डिजाइन कर सकती हैं।

सुबह का नाश्ता

सुबह के समय नाश्ता करना आपके लिए काफी जरूरी है इसलिए आप सुबह हेल्दी नाश्ता करें। आइये जानते और क्या क्या सुबह के समय नाश्ता में लेना चाहिए..

  • दलिया और दूध
  • ताजे फल (केला, सेब)
  • मूँग दाल का चीला
  • एग ऑमलेट
  • एक कटोरी दही के साथ भरवां परांठे 
  • पालक पनीर के साथ रोटी

दोपहर का खाना

प्रेगनेंसी में आपको दोपहर के समय संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और इसमें दही, छाछ और सुप को भी जरुर शामिल करना चाहिए। और भी चेज दोपहर के समय आप ले सकते है जैसे की…

  • मिश्रित दाल और चपाती
  • लौकी, तोरी या टिंडे जैसी हल्की सब्जियाँ
  • रागी या बाजरे की रोटी
  • छोले या राजमा
  • हरे धनिया की चटनी और पापड़

शाम का नाश्ता

प्रेगनेंसी में शाम के समय नाश्ता के रूप में आप ड्राई फ्रूट्स, ज्यूस, हलवा, चना, ओट्स आदि को भी आप शामिल कर सकते है। एवं आप ये सब भी अपने शाम के स्नैक्स के रूप ले सकते है जैसे की..

  • उबले अंडे या एग सैंडविच
  • मूँग स्प्राउट्स चाट
  • नारियल पानी और सूखे मेवे
  • पनीर टिक्का या ग्रिल्ड पनीर सैंडविच
  • वेजिटेबल सूप

रात का खाना

प्रेगनेंसी में आपको रात के समय हल्का भोजन करना चाहिए ताकि उसे पचाने में कोई दिक्कत न हो।

  • वेज पुलाव या दाल-खिचड़ी
  • पनीर या टोफू की सब्जी
  • तंदूरी रोटी और मिक्स वेज
  • हल्का सलाद और रायता
  • गाजर का हलवा या सेब का खीर

प्रेगनेंसी में सही समय पर भोजन करने का महत्व

प्रेगनेंसी के दौरान सही समय पर भोजन करना बहुत जरूरी है। यह न केवल माँ के स्वास्थ्य के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।

  • ऊर्जा का स्तर बनाए रखना
  • भोजन का पाचन
  • मूड को सुधारना
  • वजन का सही नियंत्रण

प्रेगनेंसी डाइट के लिए सुझाव

  • कोशिश करें कि आप दिन में तीन टाइम मुख्य भोजन करे और कम से कम दो से तीन बार स्नैक्स जरुर करे ।
  • फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज का भी जरुर सेवन करें।
  • पानी पीना बिलकुल भी न भूलें, इससे हाइड्रेशन में भी अच्छा रहता है।

गर्भावस्था में किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए? (What to Avoid Eating in Pregnancy in Hindi)

कैफीन: कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है, जो आपके ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ाता है, इसलिए कैफीन ज्यादा मात्रा में लेने से गर्भावस्था पर बुरा असर पर सकता है।

कच्चे या अधपके अंडे और मांस : कच्चे या अधपके अंडे और मांस में सैल्मोनेला बैक्टीरिया हो सकता है, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है। इसलिए कच्चा या आधा पका अंडे न खाएं, ऐसा करने से इंफेक्शन होने का ख़तरा रहता है।

पपीता और अनानास : इन फलों में ऐसे तत्व होते हैं जो गर्भाशय को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे गर्भपात का खतरा हो सकता है। इसलिए गनेंसी में आपको पपीता, कटहल और अनानास का सेवन करने से बचना चाहिए

अत्यधिक मसालेदार और तला-भुना भोजन : मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी और अपच को बढ़ा सकते हैं। इसलिए तली हुई और मसालेदार चीज़ों का भी आपको सेवन कम करना चाहिए

प्राकृतिक और प्रोसेस्ड फूड : प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड में नमक और वसा की मात्रा ज्यादा होती है, जो गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान आपको पैकेज्ड फूड से भी दुरी बनाये रखना चाहिए

Pregnancy Diet Chart in Hindi अगर आपको प्रेगनेंसी में किसी भी तरह के फल का सेवन करने के साथ ही साथ गर्भावस्था में प्रेगनेंसी में किन आहार से बचना चाहिए को लेकर कोई कन्फ्यूजन है तो उसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें और फिर उसका सेवन या उससे परहेज करें।

प्रेगनेंसी में महिलाओं के लिए डाइट चार्ट संबंधी सुझाव (Pregnancy Diet Chart in Hindi)

  • डायाबिटीस से बचने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा मिठाई और शुगर के सेवन से आप बचें।
  • हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, ताजे फलों का जूस पिएं।
  • विटामिन, मिनरल, फाइबर, मिनरल से भरपूर आहार का सेवन करें।

प्रेगनेंसी में शिशु के विकास के लिए Pregnancy Diet Chart अपने डाइट चार्ट में सभी पोषण युक्त आहार को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आपको अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । डॉ आपके BMI के मुताबिक आपका डायट प्लान बनायेंगे जो सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि शिशु को भी सभी पोषक तत्वों देने में मदद करेगा। अगर आप भी ऐसा हीं प्रेगनेंसी डायट प्लान चाहते है तो आज ही संपर्क करें दिव्या वात्सल्य ममता IVF Centre in Patna में डॉ रश्मि प्रसाद से जो आपके लिए सही डाइट प्लान बनाने में मदद करेंगे।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी के दौरान मां के साथ साथ शिशु के विकास के लिए पोषण युक्त आहार बहुत ही जरूरी होता है। खान पान ऐसा होना चाहिए जो शिशु के विकास में भी सहायक हो। इसके लिए प्रेगनेंसी के दौरान डायट चार्ट (Pregnancy Diet Chart in Hindi) तैयार करना और उसे फॉलो करना भी जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान आपको खान-पान की अच्छी आदतें आपके बच्चे की वृद्धि और विकास पर लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रेगनेंसी में भोजन कितनी बार करना उचित होता है?

प्रेगनेंसी में 3 से 4 घंटे के अंतराल में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन आपको लेना चाहिए। भोजन ऐसा होना चाहिए जो आसानी से पच सके। प्रेगनेंसी के दौरान 10 से 12 किलो वजन बढ़ना आम बात है इसलिए खाने पीने में आपको संकोच नही करना चाहिए ।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान मुझे सप्लीमेंट्स लेने चाहिए?

जी, हां आपको प्रेगनेंसी के दौरान आपको कुछ सप्लीमेंट जरूरी पर सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर से परामर्श किये आपको कोई भी प्लीमेंट का सेवन नही करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में सुबह उठकर क्या खाना चाहिए

प्रेगनेंसी में आपको मॉर्निंग टाइम पे मॉर्निंग सिकनेस होना आम बात है इसलिए सुबह उठकर आपको एक गिलास गाय के दूध का सेवन करना चाहिए जिस से आपको मॉर्निंग सिकनेस में राहत मिलती है।

प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में क्या नहीं खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में पपीता, कटहल, ओयली और मसालेदार भोजन से से दूर रहना चाहिए। साथ ही पैकेज्ड फूड से भी आप दूर रहें।

प्रेगनेंसी में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में आपको आसानी से पच सके वैसे हीं आहार का सेवन करना चाहिए । एक हीं बार में ज्यादा खाने की जगह थोडे थोडे अंतराल में आपको खाना चाहिए । डायबिटीज़ के जोखिम से बचने के लिए मिठाई और शुगर का ज्यादा सेवन करने से आप बचें।

प्रेगनेंसी में मुझे कितनी कैलोरी लेनी चाहिए?

एक सामान्य महिला को रोजाना 1800 कैलोरी की जरूरत होती है, जबकि गर्भवती महिलाओं को लगभग 2200 कैलोरी लेनी चाहिए।

क्या प्रेगनेंसी में मछली खाना ठीक है?

हाँ, मछली खाना अच्छा है, लेकिन आपको कुछ मछलियों से बचना चाहिए, जैसे कि कच्ची या अधपकी मछली।

क्या मुझे प्रेगनेंसी में जंक फूड से बचना चाहिए?

हाँ, जंक फूड से बचना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। इसकी जगह पौष्टिक आहार लेना चाहिए।

1 to 3 month Pregnancy Diet Chart in Hindi

गर्भावस्था के पहले तीन महीने बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में शरीर को कई जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जैसे फॉलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन, और कैल्शियम।

Pregnancy Diet Chart Month by Month Pdf

गर्भावस्था के दौरान सही आहार आपकी और आपके शिशु की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। एक संतुलित भोजन चार्ट शिशु के सही विकास और आपको स्वस्थ रखने में काफी मदद कर सकता है। इसलिए Pregnancy Diet Chart का PDF बना ले जो आपको संपूर्ण डाइट योजना प्रदान करेगा, जिसमें पोषक तत्वों से भरपूर व्यंजनों की सूची भी होगी।

प्रेगनेंसी में सुबह खाली पेट कौन सा फल खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में आपको सुबह खाली पेट केला, सेब, अनार, या संतरा खाना काफी फायदेमंद होता है। ये फल शरीर को ऊर्जा और पोषण देते हैं और पाचन को भी बेहतर बनाते हैं।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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