Female Infertility

Period Miss Causes: पीरियड मिस होने के कारण और घरेलू उपाय

हर महिला के जीवन का एक अहम हिस्सा है पीरियड्स (माहवारी). यह महिलाओं के शारीरिक और हार्मोनल स्वास्थ्य का एक संकेतक भी होता है. लेकिन कभी-कभी पीरियड मिस होने के कारण (Period Miss Causes) तनाव, लाइफस्टाइल में बदलाव या किसी अन्य कारण से पीरियड्स मिस हो सकते हैं. आइए, इस ब्लॉग में पीरियड्स मिस होने के कारणों और कुछ जरूरी सावधानियों को विस्तार से समझते हैं।

पीरियड मिस तथा अनियमित माहवारी होना क्या है?

पीरियड मिस (Period Miss) होना तब होता है जब एक या एक से अधिक मासिक धर्म चक्र गायब हो जाते हैं। अनियमित माहवारी का मतलब है कि आपके पीरियड्स हर महीने एक ही समय पर या एक ही अवधि के लिए नहीं आते हैं।

यह दोनों ही स्थितियां आम हैं और कई कारणों से हो सकती हैं, जिनमें से कुछ गंभीर भी हो सकते हैं।

पीरियड मिस होने के कारण (Period Miss Causes)

गर्भावस्था: पीरियड मिस होने का सबसे आम कारण गर्भावस्था है। यदि आप यौन सक्रिय हैं और आपको लगता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं, तो गर्भावस्था परीक्षण करवाना सबसे अच्छा है।

स्तनपान: स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अक्सर मासिक धर्म वापस आने में देरी होती है, खासकर यदि वे अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं।

तनाव: अत्यधिक तनाव आपके हार्मोन को प्रभावित कर सकता है और आपके पीरियड्स को अनियमित या मिस कर सकता है।

वजन में बदलाव: बहुत अधिक या बहुत कम वजन का होना आपके हार्मोन को भी प्रभावित कर सकता है और आपके पीरियड्स को प्रभावित कर सकता है।

कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि जन्म नियंत्रण गोलियां, एंटीडिप्रेसेंट और एंटीहिस्टामाइन, आपके पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं।

व्यायाम: अत्यधिक व्यायाम भी आपके पीरियड्स को अनियमित या मिस कर सकता है।

थायराइड की समस्याएं: हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म जैसी थायराइड की समस्याएं आपके पीरियड्स को प्रभावित कर सकती हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बनती है और इससे पीरियड्स अनियमित या मिस (Period Miss Causes) हो सकते हैं।

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पीरियड मिस होने के सामान्य कारण

तनाव: जैसा कि ऊपर बताया गया है, तनाव आपके हार्मोन को प्रभावित कर सकता है और आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकता है।

वजन में बदलाव: बहुत अधिक या बहुत कम वजन का होना आपके हार्मोन को भी प्रभावित कर सकता है और आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकता है।

कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि जन्म नियंत्रण गोलियां, एंटीडिप्रेसेंट और एंटीहिस्टामाइन, आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकती हैं।

हार्मोनल असंतुलन: हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म और पीसीओएस जैसी हार्मोनल समस्याएं आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकती हैं।

अंडाशय की समस्याएं: अंडाशय की कुछ समस्याएं, जैसे कि पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और प्रीमेनोपॉज, आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकती हैं।

अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी): आईयूडी एक प्रकार का जन्म नियंत्रण है जो आपके पीरियड्स को अनियमित कर सकता है।

पीरियड मिस होने के लक्षण क्या है?

अनियमित माहवारी का मतलब है कि आपके मासिक धर्म चक्र में बदलाव होता रहता है। यह कई तरह से हो सकता है, जैसे:

अनियमित अंतराल: आपके माहवारी एक दूसरे से कितने दिनों के अंतराल पर आते हैं, यह हर महीने अलग-अलग हो सकता है।

अनियमित अवधि: आपके माहवारी कितने दिनों तक चलते हैं, यह हर महीने अलग-अलग हो सकता है।

अनियमित रक्तस्राव: आपके माहवारी के दौरान कितना रक्तस्राव होता है, यह हर महीने अलग-अलग हो सकता है।

हार्मोनल असंतुलन: यह सबसे आम कारण है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नामक दो हार्मोन मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करते हैं। इन हार्मोनों के स्तर में असंतुलन से पीरियड मिस या अनियमित माहवारी हो सकती है।

तनाव: तनाव आपके शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन के स्तर को बढ़ा सकता है, जो मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकता है।

अधिक वजन या कम वजन होना: शरीर का वजन आपके हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। अधिक वजन या कम वजन होने से पीरियड मिस या अनियमित माहवारी हो सकती है।

थायरॉयड की समस्याएं: थायरॉयड ग्रंथि आपके शरीर के चयापचय को नियंत्रित करती है। थायरॉयड हार्मोन के स्तर में असंतुलन से पीरियड मिस या अनियमित माहवारी हो सकती है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (पीसीओएस): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय में कई छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। पीसीओएस से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड मिस या अनियमित माहवारी हो सकती है।

गर्भाशय फाइब्रॉएड: ये गर्भाशय में गैर-कैंसरग्रस्त ट्यूमर हैं। फाइब्रॉएड भारी रक्तस्राव और पीरियड में दर्द का कारण बन सकते हैं, जिससे पीरियड मिस हो सकते हैं।

गर्भनिरोधक गोलियां: कुछ महिलाओं को जन्म नियंत्रण गोलियां शुरू करने या बंद करने पर अनियमित माहवारी का अनुभव होता है।

अन्य चिकित्सीय स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सीय स्थितियां, जैसे कि प्रोटीन-खोने वाली एंटरोपैथी, सिकल सेल रोग और कुछ दवाएं भी पीरियड मिस या अनियमित माहवारी का कारण बन सकती हैं।

गर्भावस्था और स्तनपान: यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो आपको मासिक धर्म नहीं होगा।

अंडाशय की विफलता: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अंडाशय 40 वर्ष की आयु से पहले काम करना बंद कर देते हैं। इससे पीरियड मिस होना और अंततः रजोनिवृत्ति हो सकती है।

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माहवारी के नहीं होने के नुकसान

पीरियड मिस होने के कारण (Period Miss Causes)और अनियमित माहवारी के कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

गर्भधारण में कठिनाई: यदि आपको नियमित रूप से मासिक धर्म नहीं होते हैं, तो यह जानना मुश्किल हो सकता है कि आप कब उपजाऊ हैं। इससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है।

प्रजनन क्षमता में कमी: अनियमित ओव्यूलेशन के कारण गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। कुछ मामलों में, यह बांझपन का कारण बन सकता है।

हड्डियां कमजोर होना: एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

यह खासकर उन महिलाओं के लिए सच है जो 40 वर्ष से अधिक उम्र की हैं या जिनका मासिक धर्म जल्दी बंद हो जाता है।

मोटे लोगों में दिल से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ना: अनियमित माहवारी वाले मोटे लोगों में उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

एथलीट महिलाओं में उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ना: एस्ट्रोजन जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। एथलीट महिलाओं में, जो अक्सर कम शरीर में वसा रखती हैं और जिनके मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं, ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।

कुछ मामलों में गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ना: अनियमित माहवारी वाले महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।

अत्यधिक रक्तस्राव: अनियमित माहवारी के दौरान, आपको भारी रक्तस्राव का अनुभव हो सकता है, जिससे थकान और एनीमिया हो सकता है।

दर्द: अनियमित माहवारी के दौरान, आपको मासिक धर्म के दौरान तेज दर्द या ऐंठन का अनुभव हो सकता है।

अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: अनियमित माहवारी कुछ स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत हो सकती है, जैसे कि पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या थायरॉयड की समस्याएं।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: अनियमित माहवारी से तनाव, चिंता और अवसाद हो सकता है।

सामाजिक प्रभाव: अनियमित माहवारी सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने में बाधा डाल सकती है और शर्मिंदगी का कारण बन सकती है।

अगर आपके पीरियड्स लेट आते हैं तो आपको तुरंत एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता है।

पीरियड्स मिस होने पर घरेलू उपचार

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपाय वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हैं और इनकी प्रभावशीलता की पुष्टि करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

फिर भी, कुछ महिलाओं को पीरियड मिस होने पर घरेलू उपाय से राहत मिल सकती है:

1. हार्मोन्स को संतुलित करने वाले खाद्य पदार्थ खाएं:

फल और सब्जियां: इनमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं जो हार्मोनल संतुलन में मदद कर सकते हैं।

साबुत अनाज: ये फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो हार्मोन को शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।

स्वस्थ वसा: ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे कि मछली, नट्स और बीज, सूजन को कम करने और हार्मोनल संतुलन में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

2. तनाव कम करें:

तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, जो मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकता है।

योग, ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम और प्रकृति में समय बिताने जैसी गतिविधियां तनाव कम करने में मदद कर सकती हैं।

3. नियमित व्यायाम करें:

व्यायाम तनाव को कम करने और हार्मोनल संतुलन में सुधार करने में मदद कर सकता है।

सप्ताह में अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।

4. पर्याप्त नींद लें:

नींद की कमी से तनाव और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है।

प्रति रात 7-8 घंटे की नींद लेने का लक्ष्य रखें।

5. हर्बल सप्लीमेंट्स:

कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स, जैसे कि शाम का प्राइमरोस और अश्वगंधा, मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद कर सकते हैं।

लेकिन किसी भी हर्बल सप्लीमेंट को लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकते हैं।

6. गर्म सेंक या गर्म पानी की बोतल:

पेट के निचले हिस्से पर गर्म सेंक या गर्म पानी की बोतल लगाने से ऐंठन और दर्द कम हो सकता है, जो मासिक धर्म को शुरू करने में मदद कर सकता है।

7. मालिश:

पेट के निचले हिस्से की मालिश करने से रक्त प्रवाह बढ़ सकता है और मासिक धर्म को शुरू करने में मदद मिल सकती है।

8. एनानास:

एनानास में ब्रोमेलेन नामक एंजाइम होता है, जो सूजन को कम करने और मासिक धर्म को शुरू करने में मदद कर सकता है।

9. अदरक:

अदरक में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो ऐंठन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।

आप अदरक की चाय पी सकते हैं या इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

10. हल्दी:

हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जिसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

आप हल्दी की चाय पी सकते हैं या इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आपको अपने मासिक धर्म में देरी हो रही है या आपको अनियमित मासिक धर्म हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है। वे आपके लक्षणों का मूल्यांकन कर सकते हैं और किसी भी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का पता लगा सकते हैं।

अनियमित पीरियड्स को नॉर्मल करने के घरेलू उपचार

पीरियड लेट आना या अनियमित पीरियड को नॉर्मल करना आसान है। कुछ खास घरेलू उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से पीरियड मिस होने या पीरियड लेट आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। अनियमित पीरियड को नार्मल करने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं:-

फल और सब्जियां: ताजे फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो हार्मोन संतुलन में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, गाजर, संतरे, और पपीता विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं।

साबुत अनाज: साबुत अनाज में फाइबर होता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन को कम करने में मदद मिल सकती है। ओट्स, ब्राउन राइस, और क्विनोआ अच्छे विकल्प हैं।

स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा, जैसे कि ओमेगा -3 फैटी एसिड, सूजन को कम करने और हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। ये वसा मछली, नट्स, और बीजों में पाए जाते हैं।

दही: दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, जो बदले में हार्मोन संतुलन को बेहतर बनाने में योगदान कर सकते हैं।

पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को हाइड्रेटेड रखने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना रात में सोने से पहले पिएं।

अदरक: अदरक भी हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मददगार होता है। आप अदरक की चाय पी सकती हैं या फिर अदरक का टुकड़ा चबाकर खा सकती हैं।

मेथी दाना: मेथी दाना भी पीरियड्स को लाने में मददगार होता है। एक चम्मच मेथी दाना को रात में पानी में भिगो दें और सुबह इस पानी को छानकर पिएं।

धनिया: धनिया के बीज भी हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करते हैं। एक चम्मच धनिया के बीज को पानी में उबालकर छान लें और इस पानी को दिन में दो बार पिएं।

काला जीरा: काला जीरा भी पीरियड्स को लाने में मददगार माना जाता है। आप एक चम्मच काला जीरा को गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। हालांकि, गर्भवती महिलाओं या गर्भवती होने की संभावना रखने वाली महिलाओं को काला जीरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये घरेलू उपाय सभी के लिए कारगर नहीं हो सकते हैं। यदि आपको अनियमित मासिक धर्म की समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है। वे आपके पीरियड्स के अनियमित होने का कारण निर्धारित करने और उचित उपचार की सलाह देने में सक्षम होंगे।

निष्कर्ष

पीरियड्स मिस होना एक आम समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं। घरेलू उपाय जरूर आजमाए जा सकते हैं, लेकिन  इनके पीछे सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं।  डॉक्टर आपकी स्थिति का पता लगाकर सही कारण का पता लगा सकते हैं और उचित इलाज कर सकते हैं। इसलिए आज ही हमारे Gynaecologist Hospital in Patna में विजिट कर स्त्री रोग डॉक्टर रश्मि प्रसाद से संपर्क करे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या हर बार पीरियड मिस होना गर्भावस्था का संकेत है?

नहीं, हर बार पीरियड मिस (Period Miss)होना गर्भावस्था का संकेत नहीं है। इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसा कि ऊपर बताया गया है।

क्या पीरियड्स मिस होना गंभीर है?

जरूरी नहीं। लेकिन अगर आपको लगातार दो या दो से अधिक बार पीरियड्स मिस (Period Miss) हो जाएं या आपके साथ अन्य लक्षण भी हों तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

क्या धूम्रपान पीरियड्स को प्रभावित करता है?

जी हां, धूम्रपान आपके पीरियड्स को (irregular periods) अनियमित कर सकता है और यहां तक ​​कि रजोनिवृत्ति को जल्दी ला सकता है।

पीरियड्स को नियमित रखने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

स्वस्थ वजन बनाए रखें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, तनाव प्रबंधन करें और पर्याप्त नींद लें। ये आदतें आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगी, जिसका सकारात्मक प्रभाव आपके पीरियड्स पर भी पड़ेगा।

पीरियड्स टाइम पर ना आए तो क्या करें?

यहाँ कुछ घरेलू उपाय भी दिए गए हैं जो पीरियड्स को लाने में मदद कर सकते हैं:

नियमित व्यायाम करें।
तनाव कम करें।
स्वस्थ आहार लें।
पर्याप्त नींद लें।
अदरक, हल्दी और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियों का सेवन करें।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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