Period Meaning in Hindi: मासिक धर्म क्या है? लक्षण और उपचार
पीरियड्स (Periods) जिसे हिंदी में मासिक धर्म कहा जाता है , यौवनावस्था की शुरुआत का संकेत है। को मासिक धर्म या माहवारी भी कहते हैं। हालांकि, इससे जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। संतुलित आहार, स्वच्छता, और नियमित जांच से आप मासिक धर्म को स्वस्थ बना सकती हैं। पीरियड्स (Period Meaning in Hindi) का अर्थ यह है कि महिला का शरीर गर्भधारण करने के लिए सक्षम है। 12 साल की उम्र के आसपास पीरियड्स की शुरुआत हो जाती है।
मासिक धर्म क्या है? (Period Meaning in Hindi/Period in Hindi)
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मासिक धर्म या पीरियड्स, महिलाओं के प्रजनन तंत्र का हिस्सा है। जब कोई लड़की जवान होने लगती है, तो उसके शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तन देखने को मिलते है , और हार्मोनल परिवर्तन के कारण अंडाशय (Ovary) अंडे बनाना शुरू कर देता है। और जब अंडा न फर्टिलाइज हो के महिला के योनि द्वार से म्यूकस और रक्त के साथ बाहर निकलता है। जिससे महिलाओं में रक्तस्राव प्रारंभ होता है, जिसे हम ‘पीरियड्स’, ‘मासिक धर्म’, या ‘माहवारी’ के नाम से जानते हैं।
आप हमारे (Period Meaning in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की मासिक धर्म क्या है? लक्षण और उपचार? एवं पीरियड्स पेन रिलीफ टिप्स जानकारी इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
पीरियड्स सामान्य योनि रक्तस्राव हैं जो महिला के स्वस्थ मासिक चक्र का हिस्सा है। सभी महिलाओं को यौवन से मेनोपॉज के बीच हर महीने पीरियड्स से गुजरना पड़ता है। Period Meaning in Hindi पीरियड्स होना का सही अर्थ है महिला के गर्भाशय की परत का टूटना और मासिक चक्र के दौरान योनि से रक्त का बहना। पीरियड्स की सायकिल 21 दिन की होती है। जिसमें 4-5 दिन तक योनि से ब्लीडिंग होती है।
पीरियड्स क्यों होते हैं? (Why Menstrual Cycle Happens)
डॉ. रश्मि प्रसाद बताते है, मासिक धर्म आमतौर पर लड़कियों में यौवन (Puberty) के दौरान शुरू होता है, जो 11 से 14 साल की उम्र में होता है। इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन होते हैं. जिससे उसका प्रजनन तंत्र सक्रिय हो जाता है। अगर प्रेगनेंसी नहीं होती है तो शरीर का एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल इतना गिर जाता है की पीरियड्स की शुरुआत होती है।
पीरियड्स के सामान्य लक्षण (Symptoms of Period in Hindi)
पीरियड्स शुरू होने से पहले और इसके दौरान, शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिलते हैं। मासिक धर्म शुरू होने से पहले कुछ सामान्य लक्षण दिख सकते हैं। आइए मासिक धर्म के लक्षणों को विस्तार से समझते हैं।
1. पेट में दर्द (Abdominal Pain)
गर्भाशय के संकुचन के कारण पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में ऐंठन या दर्द होना सामान्य है। दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है। कुछ महिलाओं को यह दर्द पीरियड्स शुरू होने से पहले ही महसूस होता है।
2. मूड स्विंग्स (Mood Swings)
पीरियड्स के दौरान अचानक से मूड में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, उदासी या गुस्सा दिख सकता है।
3. थकान महसूस होना (Feeling Tired)
पीरियड्स के दौरान शारीरिक ऊर्जा कम हो सकती है, पर्याप्त आराम और पोषण से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
4. भूख में बदलाव (Change in Appetite)
हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान ज्यादा खाना चाहती हैं, जबकि कुछ की भूख कम हो जाती है।
5. इमोशनल तनाव (Emotional Stress)
महिलाएं इस दौरान चिंता या तनाव महसूस कर सकती हैं। रोज योग करने से इस तनाव को कम कर सकते हैं।
6. पीठ दर्द (Back Pain)
पीरियड्स के समय पीठ के निचले हिस्से में दर्द आम है। योग और हल्की स्ट्रेचिंग करने से इसको कम किया जा सकता है।
पीरियड्स के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
मासिक धर्म के दौरान इंफेक्शन और बीमारियों से बचने कै लिए स्वच्छता का खास ध्यान रखना चाहिए।
- कॉटन अंडरवियर पहने, जो पसीने को सोख लेता है।
- मेंसुरेशन प्रोडक्ट के इस्तेमाल से पहले और बाद में हाथों को साफ रखें।
- सैनिटरी पैड, मेंसुरेशन कप, टैम्पून को हर 4 से 6 घंटे में बदलना चाहिए। हैवी फ्लो में 2-3 घंटे में बदलना चाहिए।
- इंटीमेट एरिया को साफ रखें।
- पीरियड क्रैंप्स में गर्म सिकाई करें
- हरि सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, नट्स का सेवन करें।
- सरल व्यायाम या योगा करें।
- चाय-कॉफी से दूर रहें।
पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होने पर क्या करें?
- पेट पर गर्म सिकाई करें।
- हर्बल या अदरक टी, जैतून का ऑयल, जीरा पानी का सेवन करें।
- पर्याप्त पानी पिएं।
- 1 छोटी चम्मच शहद और 1 छोटी चम्मच अदरक को अच्छे से मिलाएं और उसका सेवन करें।
- अदरक और दालचीनी का पानी पिएं।
- तनाव से दूर रहें।
- पेट पर तेल लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें।
पीरियड्स में क्या नहीं करें?
महिलाओं को अनियमित पीरियड्स में कई प्रकार की परेशानी का सामना करना परता है। जब आपको पीरियड्स आये तोह आपके शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं। इसलिए, अपने खान-पान के साथ-साथ अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
- संबंध न बनाएं : पीरियड्स के समय असुरक्षित संबंध न बनाएं
- खान-पान न छोड़ें : पीरियड्स में खान पान छोड़ना खतरनाक हो सकता है, इसलिए समय पे भोजन करे ।
- शारीरिक कार्यों से बचें : पीरियड्स के दौरान तेज दर्द हो रहा है, तोह शारीरिक कार्यों से बचें
अनियमित पीरियड्स का क्या अर्थ है? (What Does Irregular Period Meaning in Hindi)
अनियमित पीरियड्स महिलाओं के लिए एक चिंता का विषय हो सकते हैं, यदि महिलाओं में पीरियड्स समय पर न आना, अत्यधिक या कम ब्लीडिंग, और पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना जैसी समस्याएँ अनियमित पीरियड्स कहलाते हैं। गर आपको लगातार अनियमित पीरियड्स की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है।
अनियमित पीरियड्स का उपचार (Treatment of Irregular Period in Hindi)
कई महिलाओं को अनियमित पीरियड्स का सामना करना पड़ सकता है। कभी कभी बदलती लाइफस्टाइल भी इसके जिम्मेदार हो सकती है, तो कभी कभी यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में घरेलू उपाय के साथ डॉक्टर से परामर्श करना भी अनिवार्य है।
- कच्ची अदरक का नियमित सेवन पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है।
- कच्चा पपीता गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाता है, जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं।
- अनियमित मासिक धर्म की एक वजह हार्मोनल असंतुलन है, जिसे ठीक करने के लिए एलोवेरा का सेवन करें।
- पीरियड्स को समय से पहले लाने के लिए गर्म दूध और शहद के साथ हल्दी का सेवन करें।
- अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने के लिए गुड़ का सेवन करें।
मासिक धर्म में खान-पान (Diet During Period in Hindi)
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। इस समय में उचित खान-पान मासिक धर्म के लक्षणों को कम करने में भी सहायक होता है। आइए जानें मासिक धर्म में क्या खाना चाहिए और किन चीज़ों से बचना चाहिए।
मासिक धर्म में क्या खाना चाहिए?
1. फल और सब्जियाँ: फलों और हरी सब्जियों में फाइबर, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पोषक तत्व प्रदान करते हैं और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
2. सूखे मेवे और नट्स: बादाम, अखरोट और बीज जैसे चिया सीड्स या फ्लैक्ससीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद करते हैं।
3. हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स: मासिक धर्म के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए हाइड्रेट रहना बहुत महत्वपूर्ण है।
4. साबुत अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स, जैसे साबुत अनाज फाइबर और विटामिन बी से भरपूर होते हैं, जो पाचन में सुधार करते हैं और लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखते हैं।
मासिक धर्म में क्या नहीं खाना चाहिए?
1. मीठा और चीनी युक्त खाद्य पदार्थ: अधिक मीठा खाने से शरीर में शुगर लेवल बढ़ सकता है, जिससे ऊर्जा में कमी और मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
2. नमकीन खाना: अधिक नमक वाला भोजन शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाकर सूजन का कारण बन सकता है।
3. तैलीय भोजन: तले हुए और अधिक मसालेदार भोजन सूजन और अपच बढ़ा सकते हैं।
4. कैफीन: चाय, कॉफी, और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थ तनाव और अनिद्रा बढ़ा सकते हैं।
PMS क्या है?
प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) ओवुलेशन और पीरियड्स के बीच का समय होता है। इसके लक्षण शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से देखे जाते हैं। यह मासिक धर्म से 4 दिन पहले दिखता है और मासिक धर्म शुरू होने के 2-3 दिन बाद चला जाता है। PMS के दौरान महिलाएं अधिक भावुक हो जाती है। गुस्सा, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसे लक्षण दिखने मिलते हैं।
PMS का कोई इलाज नहीं है लेकिन कसरत करना, योगा, जॉगिंग करने से मूड अच्छा रहता है। तनाव को दूर रखने के लिए मेडिटेशन करें, अच्छी नींद लें।
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मेनोपॉज किसे कहते हैं
मेनोपॉज बढ़ती उम्र का एक सामान्य हिस्सा है, जिसमें महिलाओं के पीरियड्स रुक जाते हैं। आमतौर पर, अगर 45-55 साल की उम्र की किसी महिला को 12 महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं, तो इसे मेनोपॉज माना जाता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को गर्मी का अधिक अनुभव, बाल झड़ने, योनि में रूखापन, और शरीर में अन्य कई बदलावों का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
महिलाओं में पीरियड्स (Period Meaning in Hindi) यौवनावस्था का संकेत है। पीरियड्स शुरू होना मतलब महिला का गर्भधारण करने के लिए सक्षम होना। हर महिला मेनोपॉज तक हर महीने मेंस्ट्रुअल साइकिल से गुजरती है। आज के समय में कई महिलाएं अनियमित पीरियड्स की परिस्थिति से गुजरती है। कुछ मामलों में डायट में बदलाव कर इसे ठीक किया जा सकता है। जबकि कुछ मामलों में डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पीरियड्स आने से पहले क्या संकेत देता है?
पीरियड्स शुरू होने पहले महिलाओं में शारीरिक और मानसिक दोनों लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे कि मूड स्विंग, पेट फूलना, स्तनों में सूजन, सर दर्द, थकावट इत्यादि जैसे संकेत दिखते हैं।
मासिक धर्म के दौरान दूध क्यों नहीं पीना चाहिए?
डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध, पनीर और आइसक्रीम में एराकिडोनिक एसिड होता है, जो सूजन बढ़ाने का काम करता है। जिससे पीरियड्स में ज्यादा दर्द हो सकता है।
क्या पीरियड्स में चॉकलेट खाना अच्छा है?
चॉकलेट में कैफ़ीन की मात्रा अधिक होती है। ऐसे यह सूजन का कारण बन सकती है। अगर आपको चॉकलेट खाना हीं हैं तो डार्क चॉकलेट का सेवन करें, जिसमें मैग्नीशियम होता है।
मासिक धर्म में PMS क्या होता है?
यह महिलाओं में शारीरिक और भावनात्मक बदलाव देखे जाते हैं। यह ओवुलेशन से मासिक धर्म के बीच का समय होता है। अधिकांश महिलाएं PMS से गुजरती है। (Periods Meaning in Hindi)
पीरियड्स में दर्द कम करने के लिए क्या खाएं?
मैग्नीशियम का सेवन बढ़ाएं। डायट में हरि सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, नट्स को शामिल करें। ज्यादा दर्द होने पर ओवर-द-काउंटर ड्रग ले सकते हैं।
कौन-कौन सी दवाएं मासिक धर्म दर्द को राहत देने में सहायक हैं?
पेरासिटामोल और इबुप्रोफेन जैसी दवाएं मासिक धर्म के दर्द को राहत देने में सहायक हो सकती हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
मासिक धर्म के दर्द को कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
मासिक धर्म के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल से पेट पर सेंक, हल्का व्यायाम, अदरक या कैमोमाइल चाय, और आरामदायक मुद्रा में बैठने की सलाह दी जाती है।
पीरियड्स के दौरान दर्द क्यों होता है?
मासिक धर्म के दौरान दर्द इसलिए होता है क्योंकि गर्भाशय संकुचित होकर रक्त को बाहर निकालता है।