Female Infertility

Pelvic Inflammatory Disease in Hindi (PID) पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग (पीआईडी) PID full form (pelvic inflammatory disease PID) एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। (pelvic inflammatory disease in Hindi) यह संक्रमण आमतौर पर गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में होता है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह बांझपन, एक्टोपिक गर्भावस्था और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

पीआईडी को समझने के लिए, (pelvic inflammatory disease) आइए इसके कारणों, लक्षणों, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से जानें।

In this Article

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग क्या है? (What is pelvic inflammatory disease)

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग (पीआईडी) (pelvic inflammatory disease meaning) एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों, जैसे गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित करता है। यह संक्रमण अक्सर क्लैमिडिया या गोनोरिया जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण होता है। संक्रमण गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर ऊपर की ओर फैलता है। पीआईडी (PID)के लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, और असामान्य योनि स्राव शामिल हो सकते हैं। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो पीआईडी बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग के लक्षण (pelvic inflammatory disease symptoms)

पीआईडी के लक्षणों में शामिल हैं:

  • पेट के निचले हिस्से में दर्द
  • बुखार
  • बदबूदार योनि स्राव
  • यौन संबंध के दौरान दर्द
  • पेशाब करते समय जलन
  • ठंड लगना
  • मतली और उल्टी

ध्यान दें कि इनमें से कुछ लक्षण (symptoms for pelvic inflammatory disease) हल्के हो सकते हैं या बिल्कुल भी न हों। इसलिए, अगर आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग का निदान (pelvic inflammatory disease)

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग (पीआईडी) का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करते हैं। (pelvic inflammatory disease) डॉक्टर इन परीक्षणों से यह जान सकते हैं कि आपको पीआईडी है या नहीं और यदि है, तो किस हद तक है।

निदान प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं:

मेडिकल इतिहास: डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास के बारे में विस्तार से पूछेंगे। इसमें आपके यौन इतिहास, पिछले संक्रमण, और वर्तमान लक्षण शामिल हो सकते हैं।

शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे। इसमें पेट और पेल्विक क्षेत्र का परीक्षण करना शामिल हो सकता है।

पेल्विक परीक्षण: इस परीक्षण में डॉक्टर आपकी योनि और गर्भाशय ग्रीवा की जांच करेंगे।

स्राव का नमूना: डॉक्टर आपकी योनि से स्राव का नमूना ले सकते हैं। इस नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाएगा, जहां इसकी जांच की जाएगी कि इसमें कोई संक्रमण है या नहीं।

रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण से कुछ संक्रमणों और सूजन की पुष्टि हो सकती है।

अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड एक इमेजिंग टेस्ट है जिसका उपयोग आपके पेल्विक क्षेत्र के अंगों की तस्वीरें लेने के लिए किया जाता है। यह डॉक्टर को यह देखने में मदद करता है कि आपके अंगों में कोई सूजन या क्षति है या नहीं।

लेप्रोस्कोपी: यदि अन्य परीक्षणों से पीआईडी (Pid)की पुष्टि नहीं होती है, तो डॉक्टर लेप्रोस्कोपी कर सकते हैं। इसमें आपके पेट में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और एक पतली ट्यूब डाली जाती है जिसके माध्यम से डॉक्टर आपके पेल्विक अंगों को देख सकते हैं।

पैल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग उपचार (pelvic inflammatory disease treatments)

पीआईडी का इलाज (pelvic inflammatory disease) एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। डॉक्टर संक्रमण के प्रकार और गंभीरता के आधार पर उपयुक्त एंटीबायोटिक दवाओं का चयन करेंगे। (pelvic inflammatory disease treatments) उपचार के दौरान आपको यौन गतिविधियों से बचना चाहिए और अपने साथी को भी इलाज करवाना चाहिए।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग के कारण (pelvic inflammatory disease causes)

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। (causes of pelvic inflammatory disease) यह संक्रमण अक्सर यौन संचारित बीमारियों (एसटीआई) के कारण होता है।

पीआईडी के मुख्य कारण हैं: (pelvic inflammatory disease causes)

क्लैमिडिया और गोनोरिया: ये दो सबसे आम एसटीआई हैं जो पीआईडी (PID in hindi) का कारण बनते हैं। असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से ये संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं।

अन्य बैक्टीरिया: माइकोप्लाज्मा जेनिटालियम जैसे अन्य बैक्टीरिया भी पीआईडी (PID) का कारण बन सकते हैं।

गर्भाशय में सर्जरी: गर्भाशय की सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

प्रसव और गर्भपात: प्रसव या गर्भपात के बाद भी संक्रमण हो सकता है।

आईयूडी: अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी) डालने के बाद भी संक्रमण का खतरा रहता है।

अन्य संक्रमण: कभी-कभी, फ्लू, निमोनिया और स्ट्रेप जैसे संक्रमण के बैक्टीरिया भी पीआईडी (PID)का कारण बन सकते हैं।

पीआईडी (pelvic inflammatory disease pid) ज्यादातर असुरक्षित यौन संबंध के कारण होता है। इसके अलावा, गर्भाशय की सर्जरी, प्रसव, गर्भपात या आईयूडी डालने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

पीआईडी के लक्षणों (PID symptoms) में पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार, बदबूदार योनि स्राव आदि शामिल हो सकते हैं।

पीआईडी का इलाज (PID Treatments) एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है।

अगर पीआईडी का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी की बीमारी का इलाज (Treatment for pelvic inflammatory disease)

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग (पीआईडी) (pelvic inflammatory disease pid) एक गंभीर संक्रमण है जिसका इलाज मुख्य रूप से एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। डॉक्टर संक्रमण की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग प्रकार की एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं। पीआईडी (PiD) का पता लगाने के लिए डॉक्टर क्लैमिडिया या गोनोरिया जैसे संक्रमणों की जांच करते हैं। 

इसके अलावा, अल्ट्रासाउंड के माध्यम से फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। (treatment for pelvic inflammatory disease) पीआईडी से बचाव के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना, नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। अगर पीआईडी (PiD)का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग की दवा (pelvic inflammatory disease medication)

पीआईडी का इलाज मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स से किया जाता है, (pelvic inflammatory disease medication) जो बैक्टीरिया को मारते हैं और पीआईडी के लक्षणों (PID symptoms )को कम करने में मदद करते हैं।

पीआईडी के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं हैं:

सेफालोस्पोरिन: यह दवा संक्रमण के खिलाफ लड़ने में प्रभावी होती है।

टेट्रासाइक्लिन: टेट्रासाइक्लिन एक ऐसी दवा है जो बैक्टीरिया के विकास को रोकती है।

फ्लोरोक्विनोलोन: यह दवा बैक्टीरिया के डीएनए को नुकसान पहुंचाती है।

सेफ्ट्रिएक्सोन और डॉक्सीसाइक्लिन: ये दवाएं भी पीआईडी के इलाज  (PID Treatments)में इस्तेमाल होती हैं।

मेट्रोनिडाजोल: यह दवा कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और परजीवी को मारती है।

कई बार, डॉक्टर एक साथ कई तरह की एंटीबायोटिक दवाएं लिख सकते हैं ताकि संक्रमण को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि:

पूरा कोर्स पूरा करें: दवा का पूरा कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी है, भले ही आपको कुछ दिनों में बेहतर लगने लगे।

यौन साथी का भी इलाज: आपके यौन साथी को भी एंटीबायोटिक दवाएं लेनी चाहिए, भले ही उन्हें कोई लक्षण न हों।

फॉलो-अप: इलाज के बाद डॉक्टर के पास नियमित रूप से जांच करवाएं।

एंटीबायोटिक दवाएं पीआईडी के संक्रमण को तो ठीक कर सकती हैं, लेकिन वे उन निशानों को नहीं मिटा सकतीं जो संक्रमण के कारण आपके श्रोणि में रह गए हों। इसलिए, जितनी जल्दी हो सके इलाज शुरू करना महत्वपूर्ण है।

यदि आपके लक्षणों में सुधार नहीं होता है या नए लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।

पीआईडी में गर्भधारण कैसे संभव है ? (How is pregnancy possible in PID?)

पीआईडी (pid in hindi) से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भधारण संभव है, लेकिन संक्रमण के कारण बांझपन, एक्टोपिक गर्भावस्था (गर्भाशय के बाहर गर्भधारण) और अन्य प्रजनन समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

यदि आपको (pelvic inflammatory disease pid) पीआईडी के कारण गर्भधारण में समस्या आ रही है या गर्भपात हो रहा है, तो आपको एक फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और गर्भावस्था को सुरक्षित बनाए रखने के लिए उपयुक्त उपचार सुझाएंगे।

पीआईडी के कारण (pelvic inflammatory disease causes) फैलोपियन ट्यूब में समस्या होने पर, आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आईवीएफ में, निषेचन प्रक्रिया को प्रयोगशाला में किया जाता है और भ्रूण को सीधे गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है, जिससे एक्टोपिक गर्भावस्था का खतरा कम हो जाता है।

निष्कर्ष

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी रोग (pid in hindi) एक गंभीर संक्रमण है जिसका समय पर इलाज बहुत महत्वपूर्ण है। (treatment for pelvic inflammatory disease) अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह बांझपन और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, अगर आपको पीआईडी के कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।

FAQs

पेल्विक सूजन की बीमारी के लिए सबसे अच्छा इलाज क्या है?

पेल्विक सूजन की बीमारी (PID) का इलाज डॉक्टर ही कर सकते हैं। आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज किया जाता है। बीमारी की गंभीरता के आधार पर इलाज की अवधि अलग-अलग हो सकती है। अगर इसका जल्दी इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे कि गर्भधारण में मुश्किलें, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और क्रोनिक पेल्विक पेन। इसलिए, अगर आपको PID के लक्षण दिख रहे हैं तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।

पेल्विक इन्फेक्शन कैसे होता है?

पेल्विक इन्फेक्शन आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। जब योनि या गर्भाशय ग्रीवा से बैक्टीरिया आपके गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय तक पहुंच जाते हैं, तो वे संक्रमण पैदा कर सकते हैं। कई बार, यह संक्रमण अनसुरक्षित यौन संबंध के कारण होता है।

पेल्विक अल्ट्रासाउंड कैसे होता है?

पेल्विक अल्ट्रासाउंड एक जांच है जिसमें ध्वनि तरंगों का उपयोग करके पेट और श्रोणि के अंदर के अंगों की तस्वीरें ली जाती हैं। इस जांच में, आपकी पेट पर एक जेल लगाई जाती है और फिर एक उपकरण को त्वचा पर चलाया जाता है। यह उपकरण ध्वनि तरंगें भेजता है जो अंगों से टकराकर वापस आती हैं। इन ध्वनि तरंगों को कंप्यूटर पर तस्वीर में बदल दिया जाता है। यह जांच बिल्कुल दर्द रहित होती है और इसमें कुछ ही मिनट लगते हैं।

पेल्विक मसल्स का क्या काम होता है?

पेल्विक मसल्स हमारे शरीर के निचले हिस्से में होती हैं। ये मसल्स मूत्राशय, आंतों और गर्भाशय को सहारा देने का काम करती हैं। ये मसल्स मूत्र और मल को रोकने में भी मदद करती हैं। जब हम छींकते हैं, खांसते हैं या हंसते हैं, तो ये मसल्स इन अंगों को नीचे खिसकने से रोकती हैं।

पीआईडी रोग का कारण बनता है

पीआईडी यानी श्रोणि सूजन रोग, ज्यादातर बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। ये बैक्टीरिया अक्सर यौन संबंध के दौरान फैलते हैं, जैसे कि क्लैमिडिया या गोनोरिया। कभी-कभी, अन्य प्रकार के बैक्टीरिया भी इस बीमारी का कारण बन सकते हैं। ये बैक्टीरिया गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय में संक्रमण फैला सकते हैं।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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