Female Infertility

Ovary Meaning in Hindi: ओवरी क्या है? लक्षण और उपचार

ओवरी(Ovary), जिसे हिंदी में अंडाशय कहा जाता है, ओवरी का मुख्य कार्य एग का निर्माण करना और हार्मोन का उत्पादन करना। ओवरी (Ovary) एक महिला प्रजनन तंत्र का महत्वपूर्ण अंग होता है, जो पेल्विस में स्थित होता है। महिलाओं में दो ओवरी होते हैं जिनका काम अंडे और एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निर्माण करना एवं मासिक धर्म चक्र को भी नियंत्रित करना हैं। हर महिला का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन अंग ओवरी (Ovary meaning in Hindi) है। ओवरी, गर्भाशय के निचले हिस्से में दोनों तरफ होती है। जिसका आकार बादाम के आकार जैसा होता है।

गर्भाशय क्या है? (Ovary Meaning in Hindi/Ovary in Hindi)

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ओवरी (Ovary) महिला प्रजनन के तंत्र का महत्वपूर्ण अंग होता है। यह महिलाओं के शरीर में अंडों उत्पादन करने के साथ ही साथ एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का भी निर्माण करता है , जो प्रजनन और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करते हैं। इस दौरान अगर महिला और पुरुष बिना गर्भनिरोधक के फिजिकल रिलेशन बनाते है तो पुरुष के स्पर्म और अंडा फर्टिलाइज़ होता है, जिससे गर्भावस्था की शुरुआत होती है।

ओवरी का मुख्य कार्य अंडों का निर्माण करना है, जिसे ओव्यूलेशन कहते हैं। ओव्यूलेशन के दौरान एक अंडा फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश करता है और गर्भाशय की ओर बढ़ता है। यदि अंडे का मिलन नहीं होता, तो अंडा विघटित हो जाता है।

ओवरी की संरचना (Structure of the Ovary in Hindi)

ओवरी का काम है अंडाणु बनाना जो महिला के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। ओवरी का आकार बादाम के दाने जैसा होता है। हम अपने ब्लॉग में ओवरी के दो मुख्य भाग और ओवरी की संरचना एवं कार्य को विस्तार से समझाए है, आइये जानते है : ओवरी के दो प्रमुख भाग

1. कॉर्टेक्स (Cortex)

ओवरी का बाहरी भाग को कॉर्टेक्स कहते है, और यही भाग अंडाणुओं के विकास के लिए आवश्यक होते है।

2. मेड्यूला (Medulla)

मेड्यूला को ज़ोना वैस्कुलोसा के नाम से भी जाना जाता है, यह ओवरी के सबसे भीतरी है, जो ओवरी को पोषण प्रदान करती हैं।

ओवरी का कार्य (Function of the Ovary in Hindi)

ओवरी, जिसे अंडाशय भी कहा जाता है, जो महिला प्रजनन में प्रमुख भूमिका निभाता है, आइए, ओवरी के कुछ मुख्य कार्यों को विस्तार से समझते हैं:

अंडाणु उत्पादन (Production of Eggs)

ओवरी का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अंडाणु (Eggs) का उत्पादन करना है। हर माह, ओवरी एक अंडाणु तैयार करती है जो ओव्यूलेशन (Ovulation) के दौरान फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश करता है।

हार्मोन उत्पादन (Hormone Production)

ओवरी दो प्रमुख महिला हार्मोन का उत्पादन करती है: एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)। ये हार्मोन महिला के शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं।

मासिक धर्म चक्र का नियंत्रण (Regulation of Menstrual Cycle)

ओवरी महिला के मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिससे महिलाओं के शरीर में संतुलन बनाए रहता है।

ओवरी कौन-कौन से हार्मोन बनाती हैं? (Which Hormones are Produced by the Ovary)

ओवरी महिलाओं के शरीर में कई महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन करती हैं, जो प्रजनन और शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्य हार्मोन निम्नलिखित हैं:

एस्ट्रोजन (Estrogen)

  • यह हार्मोन अंडाशय (ओवरी) द्वारा उत्पादित होता है।
  • यह अंडों के विकास, गर्भाशय और स्तनों के विकास में मदद करता है।
  • महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)

  • यह हार्मोन गर्भावस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • यह गर्भाशय को गर्भावस्था के लिए तैयार करता है और भ्रूण के विकास में मदद करता है।
  • गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करता है।

टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)

  • यह हार्मोन मुख्य रूप से पुरुषों में पाया जाता है, लेकिन महिलाओं के ओवरी भी इसका उत्पादन करती हैं।
  • महिलाओं में यह बालों की वृद्धि, यौन इच्छा और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
  • हालांकि, इसकी मात्रा पुरुषों की तुलना में काफी कम होती है।

ओवरी के प्रकार (Types of Ovaries)

महिलाओं के प्रजनन तंत्र में ओवरी का अहम स्थान है। यह हार्मोन का उत्पादन और अंडाणु तैयार करने का कार्य करती है। आइए जानते एवं समझते हैं ओवरी के प्रकार को।

1. बड़े ओवरी (Bulky Ovary Meaning in Hindi)

बढ़े हुए अंडाशय का मतलब है कि दोनों ओवरी का आकार सामान्य से बड़ा हो गया है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे की डिम्बग्रंथि पुटी, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एवं हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से। (और पढ़े : बच्चेदानी में सूजन लक्षण और उपचार)

2. पके हुए अंडाशय (Ripened Ovary Meaning in Hindi)

पका हुआ अंडाशय” उस स्थिति को दर्शाता है जब अंडा परिपक्व होकर गर्भाशय में निकलने के लिए तैयार होता है। इसे ओव्यूलेशन कहा जाता है।

3. बाइकोर्नुएट ओवरी (Bicornuate Ovary Meaning in Hindi)

यह एक दुर्लभ प्रकार की ओवरी होती है, जिसमें ओवरी का आकार सामान्य से भिन्न होता है। यह जन्मजात असामान्यता होती है। (और पढ़े :  बाइकॉर्नुएट गर्भाशय? लक्षण और इलाज)

4. पॉलीसिस्टिक ओवरी (Polycystic Ovaries)

पॉलीसिस्टिक ओवरी में अंडाशय में कई छोटी-छोटी सिस्ट (गांठें) होती हैं। यह पीसीओडी या पीसीओएस नामक समस्या का कारण बन सकती है। (और पढ़े : पीसीओएस के शुरुआती लक्षण और इलाज)

ओवरी की समस्याएँ क्या हैं (Problems of Ovary in Hindi)

जब ओवरी में किसी तरह की समस्या होती है, तो इसका असर सीधे तौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। आइए, जानते हैं ओवरी की कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में:

ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)

ओवेरियन कैंसर में ओवरी और फैलोपियन ट्यूब के आसपास असामान्य सेल्स बढ़ने लगती हैं, जिसके परिणामस्वरूप कैंसर का ट्यूमर बनता है। जिसकी वजह से पेट में लगातार दर्द, ओवरी में सूजन, भूख न लगना, और बार-बार यूरीन जाने की समस्या हो दिखाई दे सकते है

PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम)

महिलओं में हार्मोन में असंतुलन होने के कारण PCOS होता है। इसमें ओवरी (Ovary)में सिस्ट बन जाते है, जिसकी वजह से गर्भधारण करने में मुश्किलो का सामना करना पड़ सकता है। अनियमित पीरियड्स, अनचाहे बालों का उगना, गर्भधारण करने में असफलता, बार बार गर्भपात होना ये सब समस्या हो दिखाई दे सकते है

एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)

यह एक सामान्य समस्या है, जिससे भारत में लगभग 2.6 करोड़ महिलाएं प्रभावित हैं। एंडोमेट्रियोसिस गर्भाशय के अस्तर के टिशू होते है, जो गर्भाशय के बहार बढ़ने लगता है, उसी की वजह से एंडोमेट्रियोसिस की समस्या पैदा होती है।

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID)

PID तब होता है जब यौन संचारित बैक्टीरिया वजाइना से गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, या ओवरी तक पहुँच जाते हैं। जो गर्भधारण में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है।

ओवरी की समस्याओं के कारण क्या हैं (Causes of Ovary in Hindi)

ओवरी की समस्याएँ महिलाओं के स्वास्थ्य पे कई तरह की परेशानियाँ पैदा कर सकती हैं। इन समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं। जो यहाँ कुछ मुख्य कारण हमने बताए हैं जैसे कि :

  1. ओवरी में पोलिप या फ्राइब्रॉइड होना
  2. आल्कोहोल का सेवन या स्मोकिंग करना
  3. अनियमित पीरियड्स
  4. ओवेरियन सिस्ट या फिर ओवरियन संबंधित इंफेक्शन
  5. गर्भाशय में फाइब्रॉइड्स, गर्भाशय का कैंसर, गर्भाशय का रक्तस्राव
  6. जननांगों में संक्रमण
  7. अनियमित तरीके से यौन संबंध

ओवरी की समस्याओं के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Ovary in Hindi)

ओवरी की समस्याएँ महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती हैं। ये समस्याएँ कई लक्षणों के रूप में सामने आ सकती हैं। जब ओवरी में कुछ समस्या हो तो निम्नलिखित लक्षण(Ovary) दिखाई दे सकते है। इनमे से कोई भी लक्षण अगर आपको महसूस हो तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

अनियमित मासिक धर्म (Irregular Periods)

अगर आपके मासिक धर्म में कोई असामान्यता हो, जैसे बहुत जल्दी या बहुत देर से पीरियड्स आना, तो यह ओवरी की समस्याओं का संकेत हो सकता है।

पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द (Severe Period Pain)

अगर आपके पीरियड्स के दौरान दर्द बहुत दर्द महसूस होता है, तो यह ओवरी संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है।

गर्भधारण में कठिनाई (Difficulty in Conceiving)

अगर महिला को गर्भधारण करने में समस्या महसूस करती है, तो यह ओवरी में किसी समस्या का संकेत हो सकता है।

पेट में सूजन और दर्द (Bloating and Abdominal Pain)

अगर पेट में लगातार सूजन और दर्द रहता है, तो यह ओवेरियन कैंसर या किसी अन्य ओवरी समस्या का संकेत हो सकता है।

यूरिन में बदलाव (Changes in Urination)

ओवरी में किसी समस्या के कारण बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है, जो ओवेरियन कैंसर या PID के लक्षण हो सकते हैं।

ओवरी की समस्याओं का इलाज कैसे करें (How to Treat Ovary Problems)

ओवरी की समस्याएँ महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शारीर में कई प्रकार की परेशानियाँ पैदा कर सकती हैं। अगर आपको ओवरी से जुड़ी कोई समस्या नजर आए , तो उपचार के लिए सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श करके जांच करवाएं।

जो आपको मिलेंगे दिव्या वात्सल्य ममता IVF सेंटर में, जो आपकी जरूरी जांच के बाद आपको दवाइयां या फिर तो इलाज के लिए मार्गदर्शन करेंगे। ओवरी संबंधित कुछ समस्याएं ऐसी भी होती है जो कुछ सामान्य इलाज से भी ठीक की जा सकती है। इसके अलावा इसका उपचार भी किया जा सकता है। ओवरी समस्याओं का उपचार निम्नलिखित हो सकता है:

1. दवाएं : ओवरी समस्याओं के इलाज के लिए विभिन्न दवाएं का उपयोग किया जाता है, जो की निम्नलिखित हैं: क्लोमिफेन साइट्रेट, गोनाडोत्रोपिन, अंडाशय उत्तेजक दवा

2. सर्जरी : अधिक गंभीर मामलों में, सर्जरी की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष 

आम तौर पर महिलाए हर बात को लेकर जागरूक रहती है, लेकिन शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग ओवरी (Ovary Meaning in Hindi) को लेकर बहुत कम जागरूक देखी गई है। इसी वजह से आज ओवरी संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही है। अभी हमलोग Overy means in Hindi के बारे में सब कुछ जाने और यदि आपको ओवरी संबंधित समस्याओं के लक्षण को पहचान कर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है, ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ओवरी और बच्चेदानी में क्या अंतर है?

ओवरी में हर महीने अंडा उत्पन्न होता है, इस दौरान अगर महिला और पुरुष का मिलन होता है तो बच्चेदानी (गर्भाशय) में भृण के रूप में शिशु का विकास होता है।

महिलाओं में ओवरी क्या होती है?

ओवरी महिला का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन अंग है। इसमें से हर महीने अंडा उत्पन्न होता है, जिसकी वजह से महिलाओं को मां बनने का सुख प्राप्त होता है।

ओवरी बढ़ने से क्या होता है?

ओवरी का आकार कई कारणों से बढ़ता है, अंडा उत्पन्न होते वक्त ओवरी 5 सेंटीमीटर तक बढ़ जाती है। बढ़ती उम्र के साथ भी इनके आकार में बदलाव होता है, लेकिन यह काफी आम बात है। यह फिर से अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि कई दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क करना अनिवार्य है।

ओवरी निकालने के बाद क्या होता है?

मां बनने के लिए जरूरी अंडा ओवरी से ही उत्पन्न होता है, ऐसे में ओवरी निकालने के बाद महिला को मां बनने का सुख नहीं मिल पाता। आम तौर पर ओवेरियन कैंसर की परिस्थिति में डॉक्टर ओवरी को निकालने की सलाह देते है।

बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है?

बच्चेदानी की गांठ वैसे तो कैंसर रहित होती है लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान परेशानियां बढ़ सकती है। इसलिए इसका समय पर इलाज करवाना जरूरी है।

ओवरी में गांठ क्यों बनती है

ओवरी में गांठ, जिसे सिस्ट भी कहा जाता है, द्रव या अर्ध-ठोस पदार्थ से भरी थैली होती है जो अंडाशय में विकसित होती है। ये गांठें आम हैं, खासकर प्रजनन आयु की महिलाओं में, और आमतौर पर हानिरहित होती हैं।

ओवरी का साइज कितना होना चाहिए

एक स्वस्थ अंडाशय का आकार लगभग एक अखरोट या अंगूर के समान होता है, जो लगभग 2-3 सेंटीमीटर (1 इंच) व्यास का होता है।
हालांकि, आकार महिला की उम्र, प्रजनन स्थिति और मासिक धर्म चक्र के चरण के आधार पर थोड़ा भिन्न हो सकता है।
अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके अंडाशय के आकार का सटीक मापन किया जा सकता है।

ओवरी में सिस्ट हो तो क्या खाना चाहिए

ओवेरियन सिस्ट वाले अधिकांश महिलाओं को अपने आहार में कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं होती है।
हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे:
फल और सब्जियां: ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
साबुत अनाज: ये फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन में सुधार कर सकते हैं और सूजन को कम कर सकते हैं।
लीन प्रोटीन: ये ऊर्जा प्रदान करते हैं और मांसपेशियों की मरम्मत में मदद करते हैं।
स्वस्थ वसा: ये हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।

ओवरी कैंसर के लक्षण

ओवेरियन कैंसर के शुरुआती चरण में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं।
लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
पेट या श्रोणि में दर्द या सूजन
पेट में भारीपन या दबाव महसूस करना
खाने में जल्दी तृप्ति
मतली या उल्टी
असामान्य योनि स्राव
कब्ज या पेशाब करने में कठिनाई

ओवरी में सिस्ट होने से क्या होता है

ओवरी में सिस्ट होने से पेट दर्द, सूजन, मासिक धर्म अनियमितता, और कुछ मामलों में मतली हो सकती है। अधिकांश सिस्ट हानिरहित होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इलाज की जरूरत पड़ सकती है।

ओवरी किसे कहते हैं,और इसकी भूमिका

अंडाशय, जिसे अंग्रेजी में “Ovaries” कहा जाता है, महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दो छोटे आकार के अंग होते हैं, जो पेट के निचले हिस्से में गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते हैं। अंडाशय का मुख्य कार्य अंडाणु (Eggs) बनाना और महिला हार्मोन, जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, का उत्पादन करना है।

ओवरी का आकार क्यों बदलता है?

ओवरी का आकार बदलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
1. उम्र: उम्र बढ़ने के साथ ओवरी का आकार छोटा हो जाता है।
2. गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान ओवरी का आकार बढ़ता है।
3. सिस्ट्स: ओवरी में सिस्ट्स या गांठें बनने से आकार बड़ा हो सकता है।
4. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): इसमें असामान्य गांठें बनने से ओवरी का आकार बदलता है।

ओवरी की समस्याओं से होने वाली जटिलताएं क्या हैं?

ओवरी में समस्याओं के कारण महिलाओं को कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे की बांझपन, अनियमित मासिक धर्म, सेक्स में दर्द, पेट दर्द यदि ये लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

ओवरी की समस्याओं को कैसे रोकें?

ओवरी की समस्याओं से बचने के लिए महिलाएं निम्नलिखित कदम उठा सकती हैं :

1. स्वस्थ खानपान: पोषक तत्वों से भरपूर आहार ओवरी की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
2. व्यायाम: नियमित व्यायाम ओवरी की समस्याओं को कम कर सकता है।
3. स्वस्थ वजन: अपने वजन को स्वस्थ रखना ओवरी की समस्याओं से बचने में मदद करता है।
4. स्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचें, क्योंकि ये ओवरी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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