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Ovarian Cyst Meaning in Hindi: ओवेरियन सिस्ट क्या है? लक्षण और इलाज

महिलाओं में अक्सर अंडाशय में छोटी-छोटी थैलियां या गांठें बन जाती हैं, जिन्हें ओवेरियन सिस्ट कहते हैं। ये सिस्ट द्रव से भरे होते हैं और आमतौर पर हानिरहित होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में ये बड़े हो सकते हैं या जटिलताएं पैदा कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम ओवेरियन सिस्ट क्या होता है (Ovarian cyst meaning in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके प्रकार, कारण, लक्षण, निदान और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे।

ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) अंडाशय के अंदर या सतह पर विकसित होने वाली छोटी थैलियां होती हैं। ये आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण बनती हैं। ज्यादातर सिस्ट छोटे होते हैं और स्वयं ही गायब हो जाते हैं, लेकिन कुछ बड़े हो सकते हैं या जटिलताएं पैदा कर सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट क्या होता है? (Ovarian Cyst Meaning in Hindi)

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ओवेरियन सिस्ट, (Ovarian Cyst) जिसे अंडाशय में गांठ भी कहा जाता है, एक तरल या अर्ध-ठोस पदार्थ से भरा थैला होता है जो महिलाओं के अंडाशय पर या उसके अंदर विकसित होता है। अंडाशय गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते हैं और अंडे के साथ-साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का उत्पादन करते हैं। ये सिस्ट आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं। अधिकांश सिस्ट छोटे होते हैं और किसी भी प्रकार के लक्षण पैदा नहीं करते हैं, लेकिन कुछ बड़े हो सकते हैं और दर्द या अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of Ovarian cyst in Hindi)

सिस्ट अक्सर दोनों अंडाशयों में हो सकते हैं, और उन्हें बायां अंडाशय सिस्ट (left ovarian cyst in Hindi) या दायां अंडाशय सिस्ट (right ovarian cyst in Hindi) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है:

1.फंक्शनल सिस्ट (Functional Cysts)

ये सबसे आम प्रकार के सिस्ट हैं जो महिला के मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण बनते हैं। ये आमतौर पर हानिरहित होते हैं और अक्सर अपने आप ही गायब हो जाते हैं।

फॉलिक्युलर सिस्ट: अंडाशय में अंडाणु (एग) विकसित होने के लिए एक छोटी थैली बनती है जिसे फॉलिकल कहते हैं। जब यह फॉलिकल अंडाणु को छोड़ने में असफल रहता है और द्रव से भर जाता है तो फॉलिक्युलर सिस्ट बनता है।

ल्यूटियल सिस्ट: अंडाणु के निकलने के बाद फॉलिकल कॉर्पस ल्यूटियम नामक हार्मोन उत्पादक कोशिकाओं का एक समूह बनाता है। जब इस कॉर्पस ल्यूटियम में द्रव जमा हो जाता है तो ल्यूटियल सिस्ट बनता है।

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2. सिस्टैडेनोमा (Cystadenoma)

ये अंडाशय की सतह पर बनने वाले सिस्ट होते हैं। इनमें पतला पानी जैसा या गाढ़ा बलगम जैसा द्रव हो सकता है।

3. डर्मॉइड सिस्ट (Teratoma)

ये सिस्ट अद्भुत होते हैं क्योंकि इनमें त्वचा, बाल, दांत, या यहां तक कि तंत्रिका ऊतक जैसे विभिन्न प्रकार के ऊतक पाए जा सकते हैं।

4. एंडोमेट्रियॉमा

ये सिस्ट एन्ड्रोमेटियोसिस नामक स्थिति से संबंधित होते हैं, जिसमें गर्भाशय के अस्तर जैसा ऊतक अंडाशय पर बढ़ता है। यदि आपकोओवेरियन सिस्ट के कोई लक्षण हैं या चिंता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

ओवेरियन सिस्ट के कारण (Causes of Ovarian cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट, यानी अंडाशय में बनने वाली गांठें, कई कारणों से हो सकती हैं। आइए इन कारणों को आसान भाषा में समझते हैं, मासिक धर्म चक्र के कारण होने वाले सिस्ट

अंडाणु का न निकलना: हर महीने अंडाशय से एक अंडाणु निकलता है। कभी-कभी, यह अंडाणु बाहर नहीं निकल पाता और फॉलिकल (एक छोटी थैली) में द्रव भर जाता है, जिससे फॉलिक्युलर सिस्ट (follicular cyst) बन जाता है।

कॉर्पस ल्यूटियम: अंडाणु के निकलने के बाद, फॉलिकल कॉर्पस ल्यूटियम नामक एक संरचना में बदल जाता है। कभी-कभी इसमें द्रव भर जाता है और ल्यूटियल सिस्ट (luteal cyst) बन जाता है।

एंडोमेट्रियोसिस: इस बीमारी में गर्भाशय के अस्तर जैसा ऊतक अंडाशय पर भी बढ़ने लगता है और एंडोमेट्रियॉमा (endometrioma) नामक सिस्ट बना सकता है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी): यह अंडाशय और आसपास के अंगों का संक्रमण है। इससे भी अंडाशय में सिस्ट बन सकते हैं।

असामान्य कोशिका वृद्धि: कभी-कभी अंडाशय में कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं, जिससे डर्मॉइड या सिस्टैडेनोमा जैसे सिस्ट बन सकते हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): यह एक हार्मोनल विकार है जिसमें अंडाशय पर कई छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं।

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Ovarian cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट, यानी अंडाशय में बनने वाली गांठें, हमेशा लक्षण नहीं दिखाती हैं। खासकर छोटे सिस्ट आमतौर पर किसी भी तरह की परेशानी नहीं देते हैं। लेकिन जब ये सिस्ट बड़े हो जाते हैं या जटिलताएं पैदा करते हैं, तो निम्नलिखित ओवरियन सिस्ट के लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

पेट में दर्द: दायां अंडाशय रक्तस्रावी सिस्ट (right ovarian hemorrhagic cyst in Hindi) अचानक और तेज दर्द का कारण बन सकता है, खासकर पेट के निचले दाहिने हिस्से में।

पेट फूलना: अक्सर महिलाओं को लगता है कि उनका पेट फूला हुआ है।

मूत्र और शौच: मूत्र करते समय या शौच करते समय दर्द या बार-बार जाने की इच्छा महसूस हो सकती है।

यौन संबंध: यौन संबंध के दौरान दर्द होना।

मासिक धर्म: मासिक धर्म अनियमित हो सकता है या अधिक दर्दनाक हो सकता है।

अन्य लक्षण: मतली, उल्टी, कमजोरी, चक्कर आना, बुखार आदि भी हो सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट के फटने पर लक्षण

यदि सिस्ट फट जाता है, तो दर्द अचानक और बहुत तेज हो जाता है। इसके अलावा, निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं:

पेट में सूजन: जो कम नहीं होती है।

असामान्य रक्तस्राव: योनि से असामान्य रक्तस्राव हो सकता है।

बुखार: शरीर का तापमान बढ़ सकता है।

उल्टी: लगातार उल्टी हो सकती है।

चक्कर आना: कमजोरी और बेहोशी महसूस हो सकती है।

यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। खासकर अगर आपको तेज दर्द, बुखार या असामान्य रक्तस्राव हो रहा है, तो देरी नहीं करनी चाहिए।

ओवेरियन सिस्ट की जांच (Diagnosis of Ovarian Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करते हैं। इन परीक्षणों (ovarian cyst test) के जरिए डॉक्टर यह जान पाते हैं कि सिस्ट कितना बड़ा है, किस तरह का है और इसका इलाज कैसे किया जाए। आमतौर पर किए जाने वाले जांच:

शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके पेट को दबाकर देखेंगे कि कोई गांठ या सूजन तो नहीं है।

अल्ट्रासाउंड: यह एक दर्द रहित परीक्षण है जिसमें ध्वनि तरंगों का उपयोग करके अंडाशय की तस्वीर ली जाती है। इससे सिस्ट का आकार और प्रकार पता चल जाता है।

सीटी स्कैन या एमआरआई: इन परीक्षणों में एक्स-रे या चुंबकीय तरंगों का उपयोग करके शरीर के अंदर की तस्वीरें ली जाती हैं। इनसे सिस्ट के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी मिलती है।

रक्त परीक्षण: कुछ खास तरह के रक्त परीक्षणों से सिस्ट के प्रकार और अन्य बीमारियों के बारे में पता चल सकता है।

डॉक्टर ये परीक्षण कब और क्यों करवाते हैं?

  • जब आपको पेट में दर्द, मासिक धर्म में बदलाव या अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।
  • जब डॉक्टर को शारीरिक परीक्षण के दौरान कोई गांठ महसूस होती है।
  • जब अल्ट्रासाउंड में कोई असामान्यता दिखाई देती है।

ओवरियन सिस्ट के उपचार (Treatment of Ovarian Cyst in Hindi)

ओवेरियन सिस्ट के उपचार का निर्णय सिस्ट के आकार, प्रकार और लक्षणों के आधार पर किया जाता है।(ovarian cyst treatment) छोटे और बिना लक्षण वाले सिस्ट आमतौर पर स्वयं ही गायब हो जाते हैं। बड़े या जटिल सिस्ट के लिए निम्नलिखित उपचार विकल्प उपलब्ध हैं:

  • दवाएं: दर्द को कम करने और सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
  • जन्म नियंत्रण गोलियां: जन्म नियंत्रण गोलियां हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करके सिस्ट के विकास को रोक सकती हैं।
  • सर्जरी: बड़े या जटिल सिस्ट को सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है।

ओवेरियन सिस्ट से कौन प्रभावित हो सकता है? (Who Can Be Affected by Ovarian Cyst in Hindi)

प्रजनन उम्र की महिलाएं: प्रजनन उम्र की महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के कारण ओवेरियन सिस्ट होने की संभावना अधिक होती है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित महिलाएं: PCOS एक हार्मोनल विकार है जो अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट के विकास का कारण बन सकता है।

एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाएं: इस बीमारी में गर्भाशय के अस्तर जैसा ऊतक अंडाशय पर भी बढ़ सकता है और एंडोमेट्रियॉमा नामक सिस्ट बना सकता है।

परिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी को ओवेरियन सिस्ट की समस्या रही है, तो आपको भी होने की संभावना अधिक हो सकती है।

निष्कर्ष

ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) आमतौर पर हानिरहित होते हैं और स्वयं ही गायब हो जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में ये बड़े हो सकते हैं या जटिलताएं पैदा कर सकते हैं। यदि आपको ओवेरियन सिस्ट के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ओवरी में सिस्ट को कैसे खत्म करें?

ओवेरियन सिस्ट का इलाज उसके आकार, प्रकार और लक्षणों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, छोटे सिस्ट अपने आप गायब हो जाते हैं। लेकिन अगर सिस्ट बड़ा है या लक्षण पैदा कर रहा है, तो निम्नलिखित इलाज किए जा सकते हैं:
दवाएं: दर्द कम करने और सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
जन्म नियंत्रण की गोलियां: इन गोलियों से हार्मोन का स्तर संतुलित होता है और सिस्ट छोटा हो सकता है।
सर्जरी: अगर सिस्ट बहुत बड़ा है, जटिलताएं पैदा कर रहा है या कैंसरस होने का संदेह है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

ओवरी में गांठ क्यों बन जाती है?

ओवरी में गांठ कैसे बनती है या सिस्ट बनने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
मासिक धर्म चक्र: मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण सिस्ट बन सकते हैं।
एंडोमेट्रियोसिस: इस बीमारी में गर्भाशय के अस्तर जैसा ऊतक अंडाशय पर भी बढ़ सकता है और सिस्ट बना सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): यह एक हार्मोनल विकार है जो अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट के विकास का कारण बन सकता है।
असामान्य कोशिका वृद्धि: कभी-कभी अंडाशय में कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं, जिससे सिस्ट बन सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट का दर्द कितने समय तक रहता है?

ओवेरियन सिस्ट के दर्द की अवधि अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो सकती है। यह सिस्ट के आकार, प्रकार और जटिलताओं पर निर्भर करता है।

छोटे सिस्ट: छोटे सिस्ट अक्सर किसी भी तरह का दर्द नहीं करते हैं या बहुत हल्का दर्द होता है जो कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।
बड़े सिस्ट: बड़े सिस्ट या जटिलताओं वाले सिस्ट अधिक गंभीर दर्द का कारण बन सकते हैं जो लंबे समय तक रह सकता है।
फटे हुए सिस्ट: अगर सिस्ट फट जाता है तो अचानक और तेज दर्द होता है जो तुरंत चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

ओवेरियन सिस्ट का कौन सा आकार मिमी में खतरनाक है?

ओवेरियन सिस्ट का खतरनाक आकार मिमी में निर्धारित करना मुश्किल है। क्योंकि खतरा सिर्फ आकार पर ही निर्भर नहीं करता है। यह सिस्ट के प्रकार, स्थान और आपके समग्र स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है।
छोटे सिस्ट: छोटे सिस्ट भी समस्याएं पैदा कर सकते हैं, खासकर अगर वे तेजी से बढ़ रहे हैं या किसी अंग पर दबाव डाल रहे हैं।
बड़े सिस्ट: बड़े सिस्ट फटने या मुड़ने का खतरा अधिक होता है, जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

सामान्यतया, 5 सेमी से बड़े सिस्ट को बड़ा माना जाता है और इन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह एक सटीक नियम नहीं है।

ओवेरियन सिस्ट का कौन सा आकार सेमी में खतरनाक है?

ओवेरियन सिस्ट का खतरा सिर्फ आकार पर ही निर्भर नहीं करता है। हालांकि, सामान्यतः 5 सेमी या उससे अधिक बड़े सिस्ट को बड़ा माना जाता है और इन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ओवेरियन सिस्ट के बारे में किसी भी चिंता के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

ओवेरियन सिस्ट में परहेज

ओवेरियन सिस्ट के इलाज में आहार का बहुत बड़ा रोल होता है। हालांकि, कोई एक खास आहार ऐसा नहीं है जो सभी महिलाओं के लिए फायदेमंद हो। फिर भी, कुछ सामान्य सुझाव हैं जिनका पालन किया जा सकता है:
फाइबर युक्त आहार: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज पाचन को बेहतर बनाते हैं और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
प्रोटीन: मांस, दालें, और दूध जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ कोशिकाओं की मरम्मत और विकास में मदद करते हैं।
विटामिन और मिनरल्स: विटामिन सी, ई, और बी कॉम्प्लेक्स जैसे विटामिन और जिंक, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और सूजन को कम करते हैं।
पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड: इनका सेवन कम करना चाहिए क्योंकि ये हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट में प्रेगनेंसी

ओवेरियन सिस्ट होने पर गर्भधारण करना संभव है, लेकिन कुछ मामलों में यह मुश्किल हो सकता है। छोटे और सरल सिस्ट आमतौर पर गर्भावस्था को प्रभावित नहीं करते हैं, लेकिन बड़े या जटिल सिस्ट गर्भावस्था के दौरान समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
गर्भधारण में कठिनाई: कुछ प्रकार के सिस्ट ओव्यूलेशन (अंडाणु का मुक्त होना) में बाधा डाल सकते हैं, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है।
गर्भपात का खतरा: कुछ मामलों में, सिस्ट गर्भपात का खतरा बढ़ा सकते हैं।
असमय प्रसव: बड़े सिस्ट गर्भाशय पर दबाव डाल सकते हैं और असमय प्रसव का कारण बन सकते हैं।

ओवेरियन सिस्ट का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में ओवेरियन सिस्ट के इलाज के लिए कई जड़ी-बूटियों और उपचारों का उपयोग किया जाता है। इनमें शामिल हैं:
अश्वगंधा: यह एक जड़ी-बूटी है जो सूजन को कम करने और हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है।
शतावरी: यह जड़ी-बूटी महिला प्रजनन तंत्र के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
गुडमार: यह जड़ी-बूटी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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