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Miscarriage Symptoms in Hindi: पहले महीने में गर्भपात के लक्षण, कारण और उपचार 

जानिए  गर्भावस्था के दौरान गर्भपात एक दुखद अनुभव होता है, जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से महिलाओं के लिए बहुत कष्टदायक होता है। गर्भपात 20वें सप्ताह से पहले अचानक गर्भावस्था का समाप्त होना है। लगभग 10% से 20% गर्भधारण गर्भपात में खत्म होते हैं, (Miscarriage Symptoms in Hindi)और इनमें से ज्यादातर पहले महीने में ही हो जाते हैं। कई बार तो गर्भपात तब हो जाता है जब महिलाओं को पता भी नहीं चलता कि वे गर्भवती हैं।

हालाँकि गर्भपात (Abortion) एक सामान्य घटना है, लेकिन यह इसे कम कठिन नहीं बनाता है। यदि आपने गर्भावस्था खो दी है तो भावनात्मक रूप से ठीक होने की प्रक्रिया कैसे शुरू करें, इसके बारे में और जानें। उन कारकों को पहचानें जो गर्भपात (Abortion) के खतरे को बढ़ाते हैं, क्या कारण हो सकते हैं और किस प्रकार की चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।

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गर्भपात क्या है? (miscarriage meaning in Hindi)

गर्भपात, जिसे असहज गर्भपात भी कहा जाता है, (Miscarriage Meaning in Hindi) जो 20 सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु और गर्भाशय से बाहर निकलने को कहते हैं। यह गर्भावस्था के किसी भी समय हो सकता है, लेकिन आमतौर पर पहले 12 हफ्तों में होता है। अधिकांश गर्भपात आपके नियंत्रण से बाहर होते हैं और तब होते हैं जब भ्रूण का विकास रुक जाता है।

गर्भपात के प्रकार (Types of abortion)

गर्भपात,(Abortion) जिसे असहज गर्भपात भी कहा जाता है, गर्भावस्था के 20 सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु और गर्भाशय से निकलना है। यह गर्भावस्था के किसी भी चरण में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर पहले 12 सप्ताह में होता है।

गर्भपात के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. पूर्ण गर्भपात:(Complete abortion)

यह तब होता है जब भ्रूण और सभी गर्भावस्था ऊतक गर्भाशय से बाहर निकल जाते हैं। यह सबसे आम प्रकार का गर्भपात है, और इसमें योनि से रक्तस्राव, ऐंठन और ऊतक या थक्के निकलना शामिल हो सकता है।

2. अधूरा गर्भपात:(Incomplete abortion)

यह तब होता है जब कुछ गर्भावस्था ऊतक गर्भाशय में रह जाते हैं। यह रक्तस्राव, ऐंठन और संक्रमण का कारण बन सकता है। अधूरे गर्भपात के मामलों में, डॉक्टर को शेष ऊतक को निकालने के लिए चिकित्सा या सर्जिकल प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है।

3. चूका हुआ गर्भपात:(missed abortion)

यह तब होता है जब भ्रूण की मृत्यु हो जाती है, लेकिन गर्भाशय से बाहर नहीं निकलती है। यह कोई लक्षण पैदा नहीं कर सकता है, या हल्के रक्तस्राव और ऐंठन का कारण बन सकता है। समय के साथ, भ्रूण का शरीर द्वारा अवशोषण हो जाता है।

4. पुनरावर्ती गर्भपात:(Recurrent miscarriage)

यह तब होता है जब एक महिला को दो या दो से अधिक बार गर्भपात होता है। यदि आपको बार-बार गर्भपात का अनुभव हो रहा है, तो डॉक्टर अंतर्निहित कारणों की जांच करने के लिए परीक्षण कर सकते हैं।

5. मिस्ड मिसकैरेज: (missed miscarriage)

आपका गर्भ गिर गया है, लेकिन आपको पता नहीं है कि ऐसा हुआ है। गर्भपात के कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन अल्ट्रासाउंड से पुष्टि होती है कि भ्रूण की धड़कन नहीं चल रही है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गर्भपात हमेशा महिला के नियंत्रण से बाहर कारणों से होता है। यदि आप गर्भपात का अनुभव कर रही हैं, तो शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ होने के लिए अपने लिए समय निकालना महत्वपूर्ण है। आप सहायता के लिए किसी डॉक्टर, दोस्त या परिवार के सदस्य से भी बात कर सकती हैं।

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गर्भपात के संकेत और लक्षण (Miscarriage Symptoms in Hindi)

संकेत वे अप्रत्यक्ष लक्षण होते हैं जो गर्भवती महिला को कुछ गलत होने का आभास दिलाते हैं। (garbhpat ke lakshan)लक्षण वे स्पष्ट शारीरिक या भावनात्मक बदलाव होते हैं जो गर्भपात की पुष्टि कर सकते हैं। यहां कुछ संकेत और लक्षण दिए गए हैं जो गर्भपात का संकेत दे सकते हैं:

संकेत:(miscarriage signs)

पेट में ऐंठन या दर्द: यह गर्भाशय में संकुचन के कारण होता है।

योनि से रक्तस्राव या धब्बे: यह हल्का या भारी हो सकता है, और इसमें भूरे या लाल रंग का रक्त शामिल हो सकता है।

योनि से ऊतक या थक्के निकलना: यह गर्भाशय से ऊतक निकलने का संकेत है।

गर्भावस्था के लक्षणों में कमी: जैसे कि मतली, उल्टी, स्तन की कोमलता, और थकान।

पीठ दर्द: यह गर्भाशय में संकुचन के कारण हो सकता है।

कमजोरी या चक्कर आना: रक्तस्राव के कारण रक्तचाप कम होने से यह हो सकता है।

गर्भपात के लक्षण: (garbhpat ke lakshan)

भ्रूण की गतिविधि में कमी या अनुपस्थिति: गर्भवती महिलाएं आमतौर पर 18-20 सप्ताह तक भ्रूण की गति महसूस कर सकती हैं। यदि आप गतिविधि में कमी या अनुपस्थिति महसूस करती हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

गर्भाशय ग्रीवा का फैलना: यह योनि परीक्षा के दौरान डॉक्टर द्वारा जांचा जा सकता है।

अल्ट्रासाउंड में भ्रूण की मृत्यु का पता चलना: यह गर्भपात की पुष्टि करने का सबसे निश्चित तरीका है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी महिलाएं गर्भपात के समान लक्षणों का अनुभव नहीं करती हैं। कुछ महिलाओं को कोई लक्षण बिलकुल नहीं हो सकते हैं, जबकि अन्य को उपरोक्त में से कई लक्षण हो सकते हैं।

गर्भपात होने के कारण (miscarriage ke symptoms in hindi)

पहले महीने में गर्भपात के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

भ्रूण में गुणसूत्र असामान्यताएं: ये असामान्यताएं भ्रूण के विकास को रोक सकती हैं और गर्भपात का कारण बन सकती हैं।

हार्मोनल असंतुलन: प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन गर्भावस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं। इन हार्मोन के स्तर में असंतुलन गर्भपात का कारण बन सकता है।

संक्रमण: कुछ संक्रमण, जैसे कि गर्भाशय ग्रीवा संक्रमण, गर्भाशय तक फैल सकते हैं और गर्भपात का कारण बन सकते हैं।

गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा की समस्याएं: कुछ महिलाओं में गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा की समस्याएं होती हैं जो भ्रूण के विकास को बाधित कर सकती हैं और गर्भपात का कारण बन सकती हैं।

जीवनशैली के कारक: धूम्रपान, शराब का सेवन और नशीली दवाओं का उपयोग गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

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गर्भपात का निदान कैसे किया जाता है?(Miscarriage Diagnosis)

डॉक्टर गर्भावस्था की पुष्टि करने और गर्भपात का निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं:

1. शारीरिक परीक्षण: (Physical Test)डॉक्टर आपके पेट और श्रोणि की जांच करेंगे। वे गर्भाशय के आकार में कोई भी परिवर्तन महसूस कर सकते हैं, जो गर्भपात का संकेत हो सकता है।

2. योनि परीक्षण: (Vaginal examination) डॉक्टर योनि और गर्भाशय ग्रीवा की जांच करने के लिए एक योनिदर्शी का उपयोग करेंगे। वे गर्भाशय ग्रीवा के फैलाव या खुले होने की जांच कर सकते हैं, जो गर्भपात का संकेत हो सकता है।

3. अल्ट्रासाउंड: यह एक इमेजिंग परीक्षण है जो गर्भाशय और भ्रूण की तस्वीरें लेने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। अल्ट्रासाउंड से डॉक्टर यह निर्धारित कर सकते हैं कि भ्रूण जीवित है या नहीं और गर्भावस्था कितनी दूर तक बढ़ी है।

गर्भपात का निदान करने के लिए अन्य परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

रक्त परीक्षण: (blood test)HCG (मानव绒न हार्मोन) नामक हार्मोन की मात्रा को मापने के लिए रक्त परीक्षण किया जा सकता है। HCG Test का स्तर गर्भावस्था के दौरान बढ़ता है, और यदि यह गिर जाता है, तो यह गर्भपात का संकेत हो सकता है।

भ्रूण ऊतक परीक्षण: (Fetal tissue testing)यदि गर्भपात हो चुका है, तो डॉक्टर भ्रूण ऊतक का परीक्षण कर सकते हैं कि क्या कोई आनुवंशिक असामान्यताएं हैं जो गर्भपात का कारण बनीं।

यदि आपको गर्भपात का निदान किया जाता है, तो आपका डॉक्टर आपके साथ उपचार के विकल्पों पर चर्चा करेगा। उपचार के विकल्पों में शामिल हो सकते हैं:

प्राकृतिक गर्भपात: (Natural abortion)यह तब होता है जब शरीर स्वाभाविक रूप से गर्भपात को पूरा करता है।

दवा-प्रेरित गर्भपात: (Drug-induced abortion)दवाओं का उपयोग गर्भाशय को सिकोड़ने और भ्रूण को बाहर निकालने के लिए किया जा सकता है।

शल्य चिकित्सा गर्भपात: (Surgical abortion)यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसमें गर्भाशय से भ्रूण को हटा दिया जाता है।

गर्भपात एक महिला के लिए एक कठिन और भावनात्मक अनुभव हो सकता है। यदि आप गर्भपात का अनुभव कर रही हैं, तो समर्थन के लिए किसी मित्र, परिवार के सदस्य या चिकित्सक से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।

गर्भपात के उपचार(Miscarriage Treatments)

गर्भपात एक कठिन अनुभव हो सकता है, और (Miscarriage Treatments) उपचार का सबसे अच्छा तरीका आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और चिकित्सीय सलाह पर निर्भर करता है। गर्भपात के उपचार के तीन मुख्य विकल्प हैं:

प्राकृतिक गर्भपात: यह तब होता है जब शरीर स्वाभाविक रूप से गर्भपात को पूरा करता है। इसमें योनि से रक्तस्राव और ऐंठन शामिल हो सकती है। प्राकृतिक गर्भपात आमतौर पर प्रारंभिक गर्भावस्था में होता है।

दवा-प्रेरित गर्भपात: इसमें दवाओं का उपयोग किया जाता है गर्भाशय को सिकोड़ने और भ्रूण को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। यह विकल्प आमतौर पर प्रारंभिक गर्भावस्था में भी उपयोग किया जाता है।

शल्य चिकित्सा गर्भात: यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसमें गर्भाशय से भ्रूण को हटा दिया जाता है। यह विकल्प आमतौर पर बाद की गर्भावस्था में या तब उपयोग किया जाता है जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं।

निम्नलिखित कारक उपचार के विकल्प को प्रभावित कर सकते हैं:

गर्भधारण का चरण: गर्भधारण जितना जल्दी होगा, प्राकृतिक गर्भपात या दवा-प्रेरित गर्भपात उतना ही अधिक संभावित होगा।

आपका चिकित्सा इतिहास: यदि आपके पास कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है, तो आपका डॉक्टर यह निर्धारित करेगा कि कौन सा उपचार विकल्प आपके लिए सबसे सुरक्षित है।

आपकी व्यक्तिगत वरीयताएं: आपकी व्यक्तिगत भावनाओं और धार्मिक विश्वासों को उपचार के निर्णय में कारक बनाया जा सकता है।

अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है ताकि आप सभी उपलब्ध विकल्पों को समझ सकें और आपके लिए सबसे उपयुक्त निर्णय ले सकें।

गर्भपात के बाद के लक्षण (Symptoms After a Miscarriage)

गर्भपात के बाद, आपके शरीर को ठीक होने और हार्मोन के स्तर को सामान्य होने में कुछ समय लगेगा। आपको कुछ शारीरिक और भावनात्मक लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। (abortion complete hone ke lakshan)

शारीरिक लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • योनि से रक्तस्राव और ऐंठन
  • थकान
  • मतली और उल्टी
  • स्तन दर्द सिरदर्द

भावनात्मक लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • उदासी
  • चिंता
  • क्रोध
  • अपराधबोध
  • भ्रम

यदि आपको कोई गंभीर लक्षण हैं, जैसे कि भारी रक्तस्राव, तेज दर्द या बुखार, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

गर्भपात के बाद गर्भावस्था(Pregnancy After a Miscarriage)

आप गर्भपात के बाद जल्द ही गर्भवती हो सकती हैं, भले ही आपको अभी तक मासिक धर्म न हुआ हो। यदि आप गर्भवती होने की योजना नहीं बना रही हैं, तो जन्म नियंत्रण का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।

बार-बार खून बहना, गर्भपात का कारण(Miscarriage Causes)

यदि आपको बार-बार गर्भपात हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। बार-बार गर्भपात के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय की समस्याएं और संक्रमण शामिल हैं।

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गर्भपात को रोकने के प्राकृतिक तरीके(Miscarriage Prevention)

गर्भपात को रोकने (Miscarriage Prevention) का कोई प्राकृतिक तरीका 100% प्रभावी नहीं है। हालांकि, कुछ चीजें हैं जो आप गर्भपात के खतरे को कम करने के लिए कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

असुरक्षित यौन संबंध से बचना: असुरक्षित यौन संबंध गर्भावस्था का मुख्य कारण है।

जन्म नियंत्रण का उपयोग करना: जन्म नियंत्रण के कई अलग-अलग प्रकार उपलब्ध हैं, इसलिए आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प खोजने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

स्वस्थ वजन बनाए रखना: अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित महिलाओं में गर्भपात होने का खतरा अधिक होता है।

धूम्रपान न करना: धूम्रपान से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।

शराब का सेवन सीमित करना: अत्यधिक शराब का सेवन गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल सामान्य दिशानिर्देश हैं और हर महिला के लिए अलग-अलग परिणाम हो सकते हैं। यदि आप गर्भपात को रोकने के तरीकों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।

निष्कर्ष (Miscarriage Symptoms in Hindi Conclusion)

गर्भपात एक दुखद अनुभव हो सकता है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह असामान्य नहीं है। कई महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी बिंदु पर गर्भपात का अनुभव करती हैं। उचित देखभाल और समर्थन के साथ, आप इस अनुभव से उबर सकती हैं और फिर से गर्भवती होने का प्रयास कर सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Miscarriage Symptoms in Hindi FAQs)

अधूरा गर्भपात के लक्षण और उपचार?

अधूरा गर्भपात वह स्थिति है जिसमें गर्भावस्था का कुछ हिस्सा, जैसे कि भ्रूण या प्लेसेंटा, गर्भाशय से बाहर नहीं निकलता है। अधूरे गर्भपात के लक्षणों में शामिल हैं:
योनि से रक्तस्राव
पेट में दर्द या ऐंठन
पीठ दर्द
बुखार
ठंड लगना
दुर्गंधयुक्त योनि स्राव

पहली तिमाही में गर्भपात का कारण बनता है?

पहली तिमाही में गर्भपात का सबसे आम कारण आनुवंशिक असामान्यताएं हैं। भ्रूण में गुणसूत्रों की संख्या में असामान्यताएं गर्भावस्था को जारी रखने के लिए आवश्यक उचित विकास को रोक सकती हैं।
                               
अन्य संभावित कारणों में हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण, चिकित्सीय स्थितियां और जीवनशैली के कारक शामिल हैं।

गर्भपात कितने समय तक चलता है?

गर्भपात कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक चल सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी दूर गर्भवती थीं और आपका शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है।
                  
यदि आपको लगता है कि आप गर्भपात कर रही हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। वे आपका मार्गदर्शन कर सकते हैं और किसी भी जटिलता को रोकने में मदद कर सकते हैं।

बार बार गर्भपात होने से कैसे बचे?

बार-बार गर्भपात होना अपेक्षाकृत असामान्य है। इसे दो या दो से अधिक लगातार गर्भपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।
 
हालाँकि, कुछ चीज़ें जो आप बार-बार गर्भपात के जोखिम को कम करने के लिए कर सकती हैं, उनमें शामिल हैं:
 
गर्भधारण से पहले फोलिक एसिड लेना
धूम्रपान छोड़ना
शराब का सेवन सीमित करना
एक स्वस्थ वजन बनाए रखना
संक्रामक रोगों से बचाव
अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई किसी भी दवा को नियमित रूप से लेना

कैसे पता करें कि मिसकैरेज हो गया है

रक्तस्राव: हल्का या भारी, रक्त के थक्के भी हो सकते हैं
पेट दर्द या ऐंठन: तेज या हल्का, पीठ में भी जा सकता है
ऊतक या भ्रूण का निकलना
गर्भावस्था के लक्षणों में कमी: मतली, स्तन में सूजन आदि
शंका हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें!

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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