Hysterectomy Meaning in Hindi: हिस्टेरेक्टॉमी क्या है, प्रक्रिया और फायदे?

गर्भाशय महिला के शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंग है। गर्भाशय की वजह से ही संतान सुख संभव हो पाता है। गर्भाशय में हीं बच्चे का संपूर्ण विकास होता है। हालांकि कुछ महिलाओं को गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है और कुछ मामलों में डॉक्टर महिला को गर्भाशय हटाने का सुझाव भी दे सकते हैं। गर्भाशय हटाने के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy Meaning in Hindi) कहा जाता है।
हिस्टेरेक्टॉमी क्या है? (Hysterectomy Meaning in Hindi)
In this Article
हिस्टेरेक्टॉमी गर्भाशय और सर्विक्स को हटाने की एक सर्जरी हैं। इतना ही नहीं फैलोपियन ट्यूब और ओवरी को हटाने के लिए भी यह सर्जरी की जाती है। इस सर्जरी में पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाया जाता है और गर्भाशय को बहार निकाला जाता है। इस सर्जरी को ओपन सर्जरी भी कहा जाता है।
पेट के अलावा कुछ मामलों में वेजाइना में चीरा लगाकर भी यह सर्जरी की जाती है। गर्भाशय हटाने के बाद पीरियड्स बंद हो जाते हैं और इसके साथ ही गर्भधारण करने की संभावना भी समाप्त हो जाती है।
हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार (Types of Hysterectomy in Hindi)
हिस्टेरेक्टॉमी 3 प्रकार से की जाती है, जो निम्नलिखित हैं:
1. आंशिक हिस्टेरेक्टॉमी
इस सर्जरी में गर्भाशय का केवल ऊपरी भाग हीं हटाया जाता है, गर्भाशय ग्रीवा को रहने दिया जाता है।
2. टोटल हिस्टेरेक्टॉमी
इस सर्जरी में ओवरी के अलावा गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को हटा दिया जाता है। इस सर्जरी में ओवरी को नहीं हटाया जाता, इसलिए सर्जरी के तुरंत बाद मेनोपॉज शुरू नहीं होता है।
3. रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी
गर्भाशय के साथ आसपास के टिशू, गर्भाशय ग्रीवा और वेजाइना के शीर्ष भाग को हटा दिया जाता है। कैंसर की स्थिति में डॉक्टर यह सर्जरी कर सकते हैं। इस सर्जरी में ओवरी हटा दी जाती है, इसलिए सर्जरी के तुरंत बाद मेनोपॉज भी शुरू हो जाता है।
हिस्टेरेक्टॉमी कब और क्यों की जाती है? (When and Why is Hysterectomy Done)
हिस्टेरेक्टॉमी निम्नलिखित समस्याओं में करवाई जाती है:
1. एंडोमेट्रियोसिस
इस स्थिति में गर्भाशय की आंतरिक परत बनाने वाले एंडोमेट्रियल टिशू में असमान्य बढ़ोतरी होने लगती है। जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग, सेक्स के दौरान दर्द, टोयलेट या यूरीन के समय दर्द होना जैसे समस्याएं हो सकती है।
2. एडिनोमायोसिस
इस स्थिति में गर्भाशय की साइज़ बड़ी हो जाना, पीरियड्स शुरू होने से पहले दर्द, अत्यधिक ब्लीडिंग जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
3. फाइब्रॉयड
यह गैर कैंसरयुक्त ट्यूमर होती है। हालांकि कुछ मामलों में फाइब्रॉयड के कारण गंभीर दर्द, अनियमित पीरियड्स जैसे समस्याएं होती हैं। गंभीर दर्द की स्थिति में डॉक्टर गर्भाशय हटाने का सुझाव देते हैं।
4. गर्भाशय पॉलीप्स
यह गैर कैंसरयुक्त ट्यूमर सौम्य ट्यूमर होते हैं जो गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होते हैं।
इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर, पैल्विक में गंभीर दर्द, गर्भाशय का असामान्य विकास जैसी स्थिति में गर्भाशय हटाना आवश्यक हो जाता है।
हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया (Procedure of Hysterectomy in Hindi)
- वेजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी में वेजाइना में चीरा लगाकर अंदर उपकरण डाले जाते हैं।
- एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी में पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाया जाता है और गर्भाशय को निकाला जाता है।
- लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी में पेट में 3-4 चीरे लगाएं जाते हैं। एक चीरें में से कैमरे लगी हुई ट्यूब को पेट के अंदर डाला जाता है।
हिस्टेरेक्टॉमी के फायदे और नुकसान (Benefits and Risks of Hysterectomy in Hindi)
हिस्टेरेक्टॉमी के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं, ऐसे में अगर आप भी हिस्टेरेक्टॉमी करवाना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें:
हिस्टेरेक्टॉमी के फायदे :
- कैंसर की ट्रीटमेंट या फिर कैंसर की संभावना की स्थिति में हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी करवाएं जाती है।
- पीरियड्स के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग, गंभीर दर्द की स्थिति में आराम मिलता है।
- फाइब्रॉयड्स का जोखिम कम रहता है।
- एंडोमेट्रियोसिस, एडिनोमायोसिस की स्थिति में राहत मिलती है।
हिस्टेरेक्टॉमी के नुकसान :
- कुछ मामलों में गर्भाशय के साथ साथ ओवरी को भी हटाया जाता है, इस स्थिति में जल्दी मेनोपॉज शुरू हो जाता है।
- सर्जरी के दौरान गर्भाशय के आसपास के अंगों में चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है।
- हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान बहुत सारे टूल्स शरीर के अंदर डाले जाते हैं, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बना रहता है।
- हिस्टेरेक्टॉमी के बाद वेजाइना में सूखापन और इसकी वजह से सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है।
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हिस्टरेक्टॉमी के बाद देखभाल कैसे करें? (How to care after Hysterectomy in Hindi)
- हिस्टरेक्टॉमी के बाद महिला को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो निम्नलिखित हैं:
- लंबी यात्रा और गाड़ी चलाने से बचें
- सर्जरी के 2 महिने तक भारी वजन उठाना, जॉगिंग, सीढियां चढ़ने जैसी एक्टिविटी न करें
- सर्जरी वाली जगह को साफ और सूखा रखें
- सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक ब्लीडिंग हो सकती है, अत्यधिक ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से परामर्श करें
- 2 सप्ताह तक सेक्स न करें
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद गर्भधारण की संभावना (Pregnancy Possibility After Hysterectomy)
गर्भधारण करने के लिए सबसे जरूरी गर्भाशय हीं हिस्टेरेक्टॉमी में हटा दिया जाता है और गर्भाशय में हीं भ्रूण धीरे धीरे विकसित होकर जन्म के लिए तैयार होता है। बच्चा जब तक जन्म के लिए तैयार नहीं हो जाता तब तक वह गर्भाशय में हीं रहता है।
ऐसे में हिस्टेरेक्टॉमी के बाद गर्भधारण करने की संभावना भी संपूर्ण रूप से समाप्त हो जाती है। कुछ मामलों में गर्भाशय के साथ ओवरी भी निकाल दी जाती है, ऐसे में समय से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाता है।
निष्कर्ष
आजकल महिलाओं में गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं बढ़ गई है। गर्भाशय में फाइब्रॉयड, गर्भाशय का आकार बढ़ना, पीरियड्स में समस्या, सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में गर्भाशय हटाना (Hysterectomy Meaning in Hindi) एक अच्छा विकल्प होता है। इतना ही नहीं भविष्य में संभावित कैंसर या गर्भाशय संबंधित दूसरी समस्याओं से बचने के लिए हिस्टेरेक्टॉमी मददगार है। सर्जरी के लिए डॉक्टर आपको विकल्प दे सकते हैं।
अगर आपको इस सर्जरी से जुड़ी कोई चिंता है, तो बेस्ट गाइनेकोलॉजिस्ट हॉस्पिटल पटना में डॉक्टर रश्मि प्रसाद से सलाह लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
हिस्टेरेक्टॉमी क्या है और क्यों की जाती है?
गर्भाशय हटाने के लिए की जाती सर्जरी को हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। गर्भाशय में गांठ, एडिनोमायोसिस, सर्वाइकल कैंसर जैसी गर्भाशय संबंधित समस्याओं में हिस्टेरेक्टॉमी करवाई जाती है।
क्या हिस्टेरेक्टॉमी के बाद मासिक धर्म बंद हो जाता है?
महिला के पीरियड्स उनकी गर्भधारण करने की क्षमता से जुड़े हुए हैं और गर्भधारण करने के लिए गर्भाशय भी अनिवार्य हैं, ऐसे में गर्भाशय हटाने के बाद महिला के मासिक धर्म भी बंद हो जाते हैं।
हिस्टेरेक्टॉमी की प्रक्रिया कितनी जटिल होती है?
रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी सबसे जटिल प्रक्रिया है। इस सर्जरी में गर्भाशय के साथ आसपास के टिशू, गर्भाशय ग्रीवा और वेजाइना के शीर्ष भाग को हटा दिया जाता है।
क्या हिस्टेरेक्टॉमी के बाद गर्भधारण संभव है?
गर्भधारण करने के लिए और गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए गर्भाशय का होना आवश्यक है, ऐसे में हिस्टेरेक्टॉमी के बाद गर्भधारण करना असंभव है।
हिस्टेरेक्टॉमी की सर्जरी में कितना समय लगता है?
हिस्टेरेक्टॉमी की सर्जरी का समय सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है, आमतौर पर इस सर्जरी में 1 से 2 घंटे लगते हैं। हालांकि सर्जरी के बाद कुछ समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है?
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद महिला को आराम की जरूरत रहती है। कम से कम 2 महिने तक भारी वजन उठाना, जॉगिंग, सीढियां चढ़ना, गाड़ी चलाना जैसी एक्टिविटी से बचें।
क्या हिस्टेरेक्टॉमी महंगी प्रक्रिया है?
हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी की लागत उसके प्रकार और समस्या की गंभीरता पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसकी लागत 50 हजार से 2 लाख रुपए तक हो सकती है।