HSG Test in Hindi: एचएसजी टेस्ट क्या है? और कब करवाना चाहिए?
HSG (Hysterosalpingography) टेस्ट एक विशेष प्रकार की एक्स-रे तकनीक है, जिसका उपयोग महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यह जांचते हैं कि महिलाओं के गर्भाशय (uterus) और फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) में कोई समस्या तो नहीं है। इसको चेक करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है HSG टेस्ट है, और इसी HSG Test in Hindi ब्लॉग को पढने के बाद सम्पूर्ण जानकारी लेंगे।
In this Article
एचएसजी टेस्ट क्या है? (What is HSG test in Hindi)
HSG टेस्ट महिलाओं के प्रजनन प्रणाली की जांच करने के लिए की जाती है। और यह टेस्ट को मुख्य रूप से बांझपन के कारणों को पता लगाने के किया जाता है, एवं इसके द्वरा फैलोपियन ट्यूब्स (जो अंडाशय को गर्भाशय तक जोड़ते हैं) उसकी स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है।
आप हमारे (HSG Test in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे एचएसजी टेस्ट क्या है? और कब किया जाता है इस बारे में बहुत ही विस्तार से हमने अपने ब्लॉग में बताये हैं।
एचएसजी टेस्ट की प्रक्रिया (Procedure of HSG Test in Hindi)
HCG टेस्ट एक विशेष प्रकार की मेडिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए किया जाता है। आइए, इस प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को विस्तार से समझते हैं।
1. परामर्श और योजना (Consultation and Planning): एचएसजी टेस्ट से पहले, डॉक्टर महिला की मेडिकल हिस्ट्री को चेक करते हैं। इसमें पिछले गर्भधारण, सर्जरी संबंधी समस्याओं के बारे में जानकारी शामिल होती है।
2. समय का निर्धारण (Scheduling the Test): एचएसजी टेस्ट आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 7वें से 10वें दिन के बीच किया जाता है, जब महिला का गर्भधारण का कोई खतरा नहीं होता।
3. प्रक्रिया (The Procedure): एचएसजी टेस्ट में गर्भाशय में कॉन्ट्रास्ट डाई का इंजेक्शन लगाया जाता है और इसके बाद एक्स-रे द्वारा गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूबों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है।
4. प्रक्रिया के बाद (After the Procedure): प्रक्रिया के बाद, डॉक्टर आपको कुछ समय तक निगरानी में रख सकते हैं। जब आप ठीक महसूस करें, तो आप घर जा सकती हैं।
HSG टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is a HSG test done)
गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही हो तो इसकी वजह फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज भी हो सकती है, जिसकी जांच करने के लिए HSG टेस्ट किया जाता है।
1. फैलोपियन ट्यूब की जांच : फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज, इंफेक्शन, खींचन जैसे कारणों की जांच करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
2. इंफेक्शन : टोर्च इंफेक्शन प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है ऐसे में इस टेस्ट की मदद से इंफेक्शन की जांच की जा सकती है।
3. इनफर्टिलिटी : गर्भधारण करने में आ रही समस्या की एक वजह इनफर्टिलिटी भी है, ऐसे HSG टेस्ट से उसका भी पता लगाया जा सकता है।
4. बार बार गर्भपात : अगर किसी महिला को बार बार गर्भपात का सामना करना पड़ रहा है, तो इस टेस्ट से उसके कारण का पता लगाया जा सकता है।
5. गर्भाशय की जांच : इस टेस्ट में गर्भाशय का भी एक्स-रे किया जाता है। जिसकी वजह से गर्भाशय की भी जांच करने में मदद मिलती है।
HSG टेस्ट का सही समय जानें (Best Time to Take HSG Test in Hindi)
HSG टेस्ट महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सही समय पर HSG टेस्ट करवाना अत्यंत आवश्यक है, आइए जानते हैं कि HSG टेस्ट के लिए सबसे उपयुक्त समय कब है।
1. मासिक धर्म चक्र के मध्य (Mid-Menstrual Cycle): HSG टेस्ट आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 7 से 10 दिन के बीच किया जाता है।
2. गर्भावस्था के न होने की पुष्टि (Confirmation of No Pregnancy): HSG टेस्ट से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि महिला गर्भवती नहीं है।
3. सर्जरी के बाद (After Surgery): अगर किसी महिला ने हाल ही में गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूबों की सर्जरी कराई है, तो HSG टेस्ट के लिए सही समय सर्जरी के बाद के 2-3 महीने हो सकता है।
HSG टेस्ट डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। आम तौर पर पीरियड्स के पहले सप्ताह से दूसरे सप्ताह के बीच का समय इस टेस्ट के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
HSG टेस्ट के साइड इफेक्ट्स (Potential Side Effects of HSG Test in Hindi)
HSG परीक्षण के साइड इफेक्ट (HGS test ke side effects) आम तौर पर इस प्रक्रिया के बाद मरीज को योनि स्राव हो सकता है। इसके अलावा निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं, जो अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर साइड इफेक्ट्स ज्यादा हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
- मितली
- उल्टी
- ब्लीडिंग
- पेट में दर्द
- बेहोशी और ऐंठन
- इंफेक्शन या एलर्जी
और पढ़े : Beta HCG Test in Hindi
HSG टेस्ट कब नहीं करवाना चाहिए? (When to Avoid the HSG Test in Hindi)
HSG टेस्ट महिलाओं की प्रजनन स्वास्थ्य की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। हालांकि, आइए जानते हैं कि HSG टेस्ट कब नहीं करवाना चाहिए:
- प्रेगनेंसी के दौरान
- बिना कारण ब्लीडिंग हो तब
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर
- हाल ही में गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब की सर्जरी होने पर
यदि आपके मन में कोई संदेह है या आप किसी विशेष परिस्थिति में हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
HSG टेस्ट की कीमत (HSG Test Price in Hindi)
HSG टेस्ट की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि अस्पताल या क्लिनिक का स्थान, सुविधाएं, और प्रक्रिया में उपयोग किए गए उपकरण। भारत में HSG टेस्ट की कीमत आमतौर पर ₹2,000 से ₹5,000 के बीच होती है। बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में यह लागत अधिक हो सकती है, जबकि सरकारी अस्पतालों में यह प्रक्रिया कम खर्चीली हो सकती है।
HSG टेस्ट के लिए तैयारी (Preparation for HSG Test in Hindi)
HSG टेस्ट के लिए सही तैयारी करना महत्वपूर्ण है ताकि प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो सके और आपको आरामदायक अनुभव हो। आइए जानते हैं HSG टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें:
- डॉक्टर की सलाह लें (Consult Your Doctor)
- टेस्ट के समय का निर्धारण (Schedule the Test Time)
- संक्रमण का खतरा न रहे इसलिए टेस्ट से कुछ दिन पहले एंटीबायोटिक्स और डॉक्सीसाइक्लिन दी जा सकती है।
- पीरियड्स के पहले दिन से लेकर टेस्ट हो जाने तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है।
- टेस्ट से पहले डॉक्टर युरीन रोकने के लिए कह सकते हैं ताकि मुत्राशय भरा रहे।
- टेस्ट से पहले सभी गहने और धातु निकालने के लिए कह सकते हैं और आपसे सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कह सकते हैं।
निष्कर्ष
गर्भपात और गर्भधारण जैसी समस्या के लिए वैसे तो कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, उसमें से एक कारण है फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज, इंफेक्शन की परिस्थिति। अगर इसकी सहीं से जांच की जाए तो गर्भधारण करने आ रही दिक्कतो को दूर किया जा सकता है और इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है HSG टेस्ट (HSG Test in Hindi) । जिसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय का एक्स-रे किया जाता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
HSG परीक्षण दर्दनाक है या नहीं
आम तौर पर HSG टेस्ट में दर्द नहीं होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को अस्वस्थता या कमजोरी महसूस हो सकती है, लेकिन अगर ज्यादा दिक्कते हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
HSG Test में कितना समय लगता है?
HSG टेस्ट की सभी प्रक्रिया होने में आम तौर 30 से 60 मिनट का समय लग सकता है।
क्या HSG के बाद उल्टी होना नॉर्मल है?
HSG के बाद उल्टी होना नोर्मल है, यह इनके साइड इफेक्ट्स माने जाते हैं लेकिन अगर ज्यादा तकलीफ हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
टेस्ट के लिए कब नहीं जाना चाहिए?
अगर पीरियड्स चल रहे हो, प्रेगनेंट हो, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या फैलोपियन ट्यूब्स और गर्भाशय की सर्जरी हाल ही में करवाई हो तो टेस्ट के लिए नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा इन सभी कारणों की डॉक्टर से चर्चा करने के बाद निर्णय लेना आवश्यक है।
HSG टेस्ट का खर्च? (HSG test price in Hindi)
HSG टेस्ट का खर्च क्लिनिक और डॉक्टर के अनुभव पर निर्भर करता है, आम तौर पर इसका खर्च 3500 से लेकर 5500 रूपए के बीच में होता है। लेकिन एनेस्थीसिया के साथ HSG टेस्ट करवाया जाए तो इसका खर्च थोड़ा बढ़ सकता है।
क्या थायराइड में प्रेगनेंसी नहीं होती
यह सच नहीं है कि थायराइड में प्रेगनेंसी नहीं होती। थायराइड की समस्याएं गर्भधारण की संभावना को कम कर सकती हैं, लेकिन उचित उपचार के साथ, थायराइड रोगी भी स्वस्थ गर्भावस्था और बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
एचएसजी टेस्ट के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए
एचएसजी टेस्ट के बाद, सामान्यतः 2-3 दिन बाद तक यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए।
यह सलाह दी जाती है क्योंकि:
संक्रमण का खतरा: एचएसजी टेस्ट के दौरान, गर्भाशय ग्रीवा को पतली ट्यूब और डाई के माध्यम से खोला जाता है। इससे संक्रमण का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।
जटिलताएं: दुर्लभ मामलों में, एचएसजी टेस्ट के बाद कुछ जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे कि दर्द, रक्तस्राव या संक्रमण। यौन संबंध बनाने से इन जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है।
गर्भधारण: एचएसजी टेस्ट के बाद, गर्भावस्था की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है। यौन संबंध बनाने से अनपेक्षित गर्भधारण हो सकता है।
अगर आपको कोई असुविधा या चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
एचएसजी परीक्षण के बाद सावधानियां
पैड का उपयोग करें: कम से कम 2-3 दिनों तक पैड का उपयोग करें, क्योंकि आपको हल्का रक्तस्राव या योनि स्राव हो सकता है।
डॉक्टर से संपर्क करें: यदि आपको तेज दर्द, बुखार, भारी रक्तस्राव या योनि से बदबूदार स्राव जैसे कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
विश्राम करें: टेस्ट के बाद थोड़ा आराम करें और ज़्यादा ज़ोरदार गतिविधियों से बचें।
स्वच्छता बनाए रखें: अपने हाथों को बार-बार धोएं और अपने जननांग क्षेत्र को साफ रखें।
यौन संबंध से बचें: 2-3 दिनों तक यौन संबंध बनाने से बचें।