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Ectopic Pregnancy in Hindi: जानिए एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है 

एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy in Hindi) एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगता है। आमतौर पर यह फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube)में होता है, लेकिन कभी-कभी अंडाशय या पेट में भी विकसित हो सकता है। यह गर्भावस्था सामान्य तरीके से विकसित नहीं हो सकती है और जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

इस ब्लॉग में आपको एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) यानी गर्भाशय के बाहर होने वाली गर्भावस्था के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। (ectopic pregnancy meaning in hindi) इसमें इसके कारण, लक्षण, निदान, इलाज और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही, आपके मन में उठने वाले सवालों के जवाब भी दिए गए हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है (Ectopic Pregnancy in Hindi)

एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भ धारण करने के बाद निषेचित अंडा गर्भाशय में जाने के बजाय फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube)या शरीर के अन्य अंगों में फंस जाता है और वहीं विकसित होने लगता है। यह अंडा सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाता है और अंग को फाड़ सकता है जिससे गंभीर खून बह सकता है। अक्सर महिलाओं को यह पता नहीं चल पाता है कि उन्हें एक्टोपिक प्रेगनेंसी है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण (ectopic pregnancy symptoms in hindi) सामान्य गर्भावस्था के लक्षणों जैसे ही होते हैं।

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एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्यों होती है (Ectopic Pregnancy kyu Hoti Hai)

एक्टोपिक गर्भावस्था कई कारणों से हो सकती है। सबसे आम कारणों (Ectopic Pregnancy Causes in Hindi) में फैलोपियन ट्यूब में रुकावट शामिल है, जो पिछले संक्रमण या सर्जरी की वजह से हो सकती है। इसके अलावा, फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) की असामान्य संरचना या जन्मजात दोष भी एक कारण हो सकता है। धूम्रपान, प्रजनन उपचार, और पहले एक्टोपिक गर्भावस्था का इतिहास (Ectopic Pregnancy History) भी इस समस्या का खतरा बढ़ा सकते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण (Causes of Ectopic Pregnancy in Hindi)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कई कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID): यह एक संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। यह अक्सर यौन संक्रमित रोगों के कारण होता है और फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अंडे को गर्भाशय तक जाने में मुश्किल होती है।

एसटीडी (यौन संक्रमित रोग): क्लैमिडिया और गोनोरिया जैसे एसटीडी फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) को नुकसान पहुंचा सकते हैं और एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कारण बन सकते हैं।

पेल्विक सर्जरी: पेल्विक क्षेत्र में हुई सर्जरी के कारण फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) में निशान ऊतक बन सकता है, जिससे अंडे के आवागमन में बाधा आ सकती है।

फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण: फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण होने पर अंडे को गर्भाशय तक जाने में मुश्किल होती है।

फैलोपियन ट्यूब में विकार: जन्मजात विकृतियां या पिछले संक्रमणों के कारण फैलोपियन ट्यूब में विकार हो सकते हैं, जिससे अंडा गर्भाशय के बाहर लग जाता है।

पूर्व में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी: एक बार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) होने के बाद, भविष्य में होने का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान: धूम्रपान फैलोपियन ट्यूब की सिलिया को नुकसान पहुंचा सकता है, जो अंडे को गर्भाशय तक ले जाने में मदद करती हैं।

एंडोमेट्रियोसिस: यह एक स्थिति है जिसमें गर्भाशय के अंदर पाया जाने वाला ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ जाता है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) भी शामिल है।

असिस्टेड रिप्रोडक्शन: IVF जैसे उपचार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy)  का खतरा बढ़ा सकते हैं।

उम्र: उम्र बढ़ने के साथ एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण इन हिंदी (Symptoms of Ectopic Pregnancy in Hindi)

एक्टोपिक गर्भावस्था एक गंभीर स्थिति है जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर विकसित होता है। (ectopic pregnancy ke lakshan in hindi) इसके लक्षण अक्सर सामान्य गर्भावस्था के लक्षणों जैसे ही होते हैं, जिसके कारण महिलाओं को इसकी पहचान करने में मुश्किल होती है।

पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द: यह दर्द अक्सर एक तरफ अधिक होता है।

योनि से रक्तस्राव: यह हल्का या भारी हो सकता है।

कंधे में दर्द: यह दर्द तब होता है जब रक्त पेट की गुहा में फैल जाता है।

चक्कर आना या बेहोशी: यह गंभीर रक्तस्राव के कारण हो सकता है।

मतली और उल्टी: यह गर्भावस्था के सामान्य लक्षणों में से एक है।

पीरियड्स का न आना: यह गर्भावस्था का एक सामान्य संकेत है।

स्तनों में दर्द: यह भी गर्भावस्था का एक सामान्य संकेत है।

श्रोणि क्षेत्र में दर्द: यह दर्द अक्सर तेज होता है और एक तरफ अधिक महसूस होता है।

अधिक पेट में ऐंठन: सामान्य गर्भावस्था में भी पेट में ऐंठन होती है, लेकिन एक्टोपिक गर्भावस्था में यह अधिक तीव्र हो सकती है।

कमजोरी: गंभीर रक्तस्राव के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है।

ये लक्षण अन्य स्थितियों के भी हो सकते हैं, इसलिए यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। (ectopic pregnancy ke lakshan) एक्टोपिक गर्भावस्था का जल्दी पता लगाना और इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है।

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एक्टोपिक गर्भावस्था का निदान (Diagnosis of Ectopic Pregnancy in Hindi)

एक्टोपिक गर्भावस्था एक गंभीर स्थिति है जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होता है। (ectopic pregnancy symptoms in hindi) इसके लक्षणों में पेट दर्द, योनि से रक्तस्राव, कंधे का दर्द, चक्कर आना, मतली आदि शामिल हो सकते हैं, जो सामान्य गर्भावस्था के लक्षणों के समान हैं। (Diagnosis of Ectopic Pregnancy in Hindi) निदान के लिए डॉक्टर रक्त परीक्षण (hCG हार्मोन के स्तर की जांच) और अल्ट्रासाउंड करते हैं। अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की स्थिति देखी जाती है। यदि एक्टोपिक गर्भावस्था की पुष्टि होती है तो तुरंत उपचार आवश्यक होता है, क्योंकि यह स्थिति महिला के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज (Ectopic Pregnancy Treatment in hindi)

एक्टोपिक गर्भावस्था का इलाज गर्भावस्था की अवस्था और महिला की समग्र स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, (Ectopic Pregnancy Treatment in hindi) इसका इलाज दवा या सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।

दवा: छोटे एक्टोपिक गर्भावस्था के मामलों में, मिथोट्रेक्सेट नामक दवा का उपयोग किया जाता है। यह दवा बढ़ते भ्रूण को नष्ट करने में मदद करती है। दवा लेने के बाद, महिला को नियमित रूप से रक्त परीक्षण कराने होते हैं ताकि डॉक्टर यह सुनिश्चित कर सकें कि दवा प्रभावी रूप से काम कर रही है।

सर्जरी: यदि दवा प्रभावी नहीं होती है या यदि गर्भावस्था बड़ी है, तो सर्जरी आवश्यक हो सकती है। सर्जरी के दौरान, डॉक्टर क्षतिग्रस्त फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) को हटा देते हैं। सर्जरी दो प्रकार की होती है:

  • लाप्रोस्कोपी: यह एक कम आक्रामक सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे चीरे लगाकर एक विशेष उपकरण डाला जाता है। इस उपकरण का उपयोग करके डॉक्टर क्षतिग्रस्त ऊतक को हटाते हैं।
  • लैप्रोटोमी: यह एक बड़ी सर्जरी है जिसमें पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है जब गर्भावस्था बहुत बड़ी हो या यदि रक्तस्राव बहुत अधिक हो।

एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy) एक गंभीर स्थिति है और इसका जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए। यदि आपको एक्टोपिक गर्भावस्था के लक्षण( Ectopic Pregnancy symptoms) दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद क्या करे?

एक्टोपिक गर्भावस्था के बाद, (after ectopic pregnancy)डॉक्टर की सलाह के अनुसार आराम करें, संतुलित आहार लें और दवाएं नियमित रूप से लें। भावनात्मक रूप से स्वयं को संभालने के लिए परिवार और दोस्तों का सहारा लें। अगली गर्भावस्था के लिए डॉक्टर की सलाह का पालन करें और किसी भी असामान्य लक्षण (ectopic pregnancy symptoms) जैसे तेज बुखार, पेट दर्द, अधिक रक्तस्राव या सांस लेने में कठिनाई होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय के साथ और उचित देखभाल के साथ आप पूरी तरह से ठीक हो सकती हैं।

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एक्टोपिक प्रेगनेंसी टेस्ट किट(Ectopic Pregnancy test kit)

घर पर एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy) का पता लगाने के लिए कोई विशेष टेस्ट किट उपलब्ध नहीं है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी टेस्ट किट (ectopic pregnancy test kit) बाजार में उपलब्ध हैं, वे केवल यह बता सकती हैं कि आप गर्भवती हैं या नहीं। ये किट यह नहीं बता सकतीं कि गर्भावस्था गर्भाशय के अंदर हो रही है या बाहर। एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy) का पता लगाने के लिए आपको एक डॉक्टर से मिलना होगा और कुछ परीक्षण करवाने होंगे।

निष्कर्ष

एक्टोपिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy in hindi) एक गंभीर स्थिति है जिसका जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए। यदि आपको उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं कि आपके साथ कुछ असमान्य हो रहा है, तो तत्पर रहें और दिव्य वात्सल्य ममता IVF Hospital in Patna में विजिट कर डॉ रश्मि प्रसाद से संपर्क करे ।

FAQs

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

जी हां, बिल्कुल। कई महिलाएं एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बाद (after ectopic pregnancy) भी स्वस्थ गर्भावस्था को पूरा करती हैं। हालांकि, डॉक्टर आमतौर पर कुछ समय के लिए गर्भधारण करने से बचने की सलाह देते हैं ताकि शरीर ठीक हो सके और भविष्य में गर्भावस्था के जोखिम को कम किया जा सके।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी में पीरियड्स होते हैं?

नहीं, एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) में नियमित पीरियड्स नहीं होते हैं। जब एक महिला गर्भवती होती है, चाहे वह गर्भाशय में हो या गर्भाशय के बाहर, आमतौर पर मासिक धर्म चक्र रुक जाता है। हालांकि, एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) में हल्का योनि से रक्तस्राव हो सकता है, लेकिन यह मासिक धर्म नहीं होता।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है?

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) का पता लगाने में समय लग सकता है। यह व्यक्ति के लक्षणों और गर्भावस्था की अवस्था पर निर्भर करता है। आमतौर पर, रक्त परीक्षण (hCG हार्मोन के स्तर की जांच) और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से इसका पता चलता है। अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube)की जांच की जाती है। यदि आपको कोई असामान्य लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है?

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) का पता लगाने में समय लग सकता है। यह व्यक्ति के लक्षणों और गर्भावस्था की अवस्था पर निर्भर करता है। आमतौर पर, रक्त परीक्षण (hCG हार्मोन के स्तर की जांच) और अल्ट्रासाउंड के माध्यम से इसका पता चलता है। अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube)की जांच की जाती है। यदि आपको कोई असामान्य लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए?

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी ऑपरेशन के बाद, संतुलित आहार लेना जरूरी है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसा वाला दूध, मछली, चिकन, मेवे और बीज जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल करें। जंक फूड, तले हुए भोजन, अधिक चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों से बचें। कैफीन और शराब से भी परहेज करें। व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर आहार योजना अलग-अलग हो सकती है, इसलिए अपने डॉक्टर से विस्तृत सलाह लें। पर्याप्त आराम करें, दवाएं समय पर लें और किसी भी जटिलता के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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