IVF Treatment

Donor Egg IVF: डोनर एग से माँ कैसे बने सम्पूर्ण जानकारी

मां बनना हर महिला का एक सपना होता है लेकिन कभी कभी गर्भावस्था के लिए जरूरी महिला के एग्स में कमी या फिर खराब गुणवत्ता के चलते गर्भधारण करने में असफलता मिलती है। ऐसे में डोनर एग्स (Donor Egg IVF) की मदद से नि:संतान महिला का मां बनने का सपना पूरा किया जा सकता है।

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डोनर एग आईवीएफ क्या होता है (Donor egg IVF in Hindi)

जब कोई महिला में गर्भधारण के लिए जरूरी एग्स की कमी हो या उनकी गुणवत्ता खराब हो तब स्वस्थ महिला के एग्स यानी डोनर एग्स (Donor Egg) की मदद ली जाती है जिसमें IVF लैब में डोनर महिला के एंड को पुरूष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है।  भ्रूण विकसित होने के बाद उसे नि:संतान महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित किया जाता है।

डोनर एग की जरूरत किन महिलाओं को पड़ती है? (Who needs a donor Egg IVF)

1. बढ़ती उम्र : उम्र के साथ महिलाओं में एग्स बनने की मात्रा कम हो जाती है या फिर उनकी गुणवत्ता में कभी आ जाती है, ऐसे में डोनर एग्स की जरूरत ( donor eggs need) पड़ती है।

2. PCOD या एण्ड्रोमेसियोसिस : महिलाओं में एग समय से पहले बनने बंद हो जाए (प्रीमेच्योर ऑवएरइयन) (premature ovulation) या एग की मात्रा या गुणवत्ता खराब हो

3. जेनेटिक डिसऑर्डर : अगर महिला के संतान में आनुवंशिक विकार (जेनेटिक डिसऑर्डर) होने की संभावना हो, तो उनके लिए डोनर एग्स अच्छा विकल्प है।

4. अंडों की खराब गुणवत्ता : बढ़ती उम्र के साथ साथ की मेडिकल कंडीशन की वजह से महिलाओं में एग्स की गुणवत्ता प्रभावित होती है ऐसे में डोनर एग्स की मदद से मां बनने का सुख प्राप्त हो सकता है।

5. रिप्रोडक्टिव सिस्टम में समस्या : कुछ महिलाओं के अंडाशय पहले से असामान्य होते है ऐसे में गर्भधारण करने के लिए पर्याप्त एग नहीं बन पाते। इतना ही नहीं कई बार किसी कारणवश महिलाओं के अंडाशय को निकाल देना पड़ता है, ऐसे में उन्हें डोनर एग्स की आवश्यकता रहती है।

एग डोनर कैसे चुने जाते है ?(Donor Egg IVF selected)

  • जो महिला शारीरिक रूप से स्वस्थ हो, जिसे कोई जेनेटिक डिसऑर्डर होने की संभावना नहीं है।
  • डोनर महिला के फिजिकल फीचर अपेक्षा के मुताबिक हो।
  • महिला अच्छे परिवार से ताल्लुक रखती हो।
  • अच्छे प्रोफेशन से जुड़ी हो।

महिला एग डोनर के लिए वैसे तो सबकी पसंद अलग अलग हो सकती है। महिला डोनर के लिए आप अपने करीबी दोस्त या रिश्तेदार से भी मदद ले सकते है, इतना ही नहीं किसी एजेंसी या डोनर फाउंडेशन का भी संपर्क कर सकते हैं।

और पढ़े : IVF Process in Hindi

डोनर एग के साथ IVF प्रक्रिया कैसे की जाती है?(Donor egg IVF Procedure)

डोनर एग के साथ आईवीएफ प्रक्रिया अलग-अलग स्ट्रैप्स में की जाती है (Donor egg IVF process in Hindi)

1. हार्मोनल असेसमेंट : जो महिला डोनर एग्स की मदद गर्भधारण करना चाहती हो, उनका फर्टिलिटी एक्सपर्ट सबसे पहले हार्मोनल असेसमेंट करते हैं, जिससे पता लगाया जा सकता है की गर्भधारण करने वाली महिला की बॉडी इस प्रक्रिया के लिए फिट है या नहीं।

2. गर्भाशय के अस्तर (Uterine Lining) को तैयार करना : भ्रूण के प्रत्यारोपण के लिए गर्भाशय के अस्तर को तैयार किया जाता है। गर्भाशय के अस्तर की स्वस्थ और सहीं मोटाई के लिए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की मदद ली जाती है। इससे भ्रूण प्रत्यारोपण सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

3. ओवेरियन स्टिम्युलेशन : महिला एग डोनेशन को ओवेरियन स्टिम्युलेशन दिया जाता है जिससे मैच्योर एग्स का प्रोडक्शन हो पाए। बाद में मैच्योर एग्स को निकाला जाता है और उसे फर्टिलाइज किया जाता है।

4. भ्रूण प्रत्यारोपण : महिला डोनर एग्स को पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में फर्टिलाइज किया जाता है। जिसके बाद धीरे धीरे भ्रूण विकसित होने लगता है। फिर एक से ज्यादा हेल्दी भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।

5. प्रेगनेंसी टेस्ट : भ्रूण प्रत्यारोपण के दो हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है।

भारत में डोनर एग आईवीएफ सक्सेस रेट (Donor egg IVF success rates in India)

डोनर एग आईवीएफ का सक्सेस रेट (Donor egg IVF success Rate) डोनर महिला की उम्र, भ्रूण की गुणवत्ता, प्रत्यारोपित किए गए भ्रूण की संख्या और गर्भाशय के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। अभ्यास में सामने आया है की 40 साल से ऊपर की महिला में डोनर एग आईवीएफ के सक्सेस रेट में गिरावट आई है। इस प्रक्रिया का सक्सेस रेट 35 साल से ऊपर की महिला में अधिक पाया है। इतना ही डॉक्टर के अनुभव और काबिलियत पर भी निर्भर करता है। अगर आप इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानना चाहते है तो आज ही पटना के फर्टिलिटी सेंटर (Fertility Centre in Patna) में डॉ रश्मि प्रसाद से मुलाकात करे।

डोनर एग्स का उपयोग करने के फायदे और दोष क्या हैं?

डोनर एग्स के जितने फायदे हैं उतने ही दोष भी है। ऐसे में इन सभी चीजों को ध्यान में रखना जरूरी है।

डोनर एग्स के फायदे : (Advantages of Using Donor Eggs)

  • महिला एग डोनर की मदद से आने वाले संतान में आनुवंशिक विकार की संभावना कम हो जाती है।
  • महिला 35 के बाद भी गर्भधारण कर सकती है।
  • जिन महिला में फर्टिलिटी की समस्या हो उनके लिए यह तकनीक आर्शीवाद रूप है।
  • जो महिलाएं बार बार गर्भपात का सामना कर चुकी है इनके लिए यह विकल्प सबसे अच्छा है।

डोनर एग्स के दोष(Cons of Egg Donation)

  • इस प्रक्रिया में एक से अधिक भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिसकी वजह से मल्टिपल प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ जाती है।
  • इस प्रक्रिया में फर्टिलिटी दवा दी जाती है, जिसके साइड इफेक्ट्स की वजह से भजन बढ़ना, सूजन, उल्टी, सिरदर्द, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है।
  • एग निकालने की प्रक्रिया के बाद पेट में दर्द हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर के निर्देशो का पालन करें।
  • इस प्रक्रिया के कारण चिड़चिड़ापन, तनाव जैसे अनुभव हो सकते है।‌

और पढ़े : IVF Failure Reason 

भारत में डोनर एग आईवीएफ की कीमत (Donor egg IVF cost in India)

भारत में डोनर एग आइवीएफ की कीमत (donor egg ivf cost) क्लिनिक के सक्सेस रेट, डॉक्टर के अनुभव और अत्याधुनिक ट्रीटमेंट पर निर्भर करती है। आम तौर पर इसकी कीमत प्रति साइकिल 2.5 लाख से 4.5 लाख तक हो सकती है।

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निष्कर्ष

नि:संतान दंपती के लिए डोनर एग आईवीएफ (Donor Egg IVF) तकनीक आर्शीवाद रूप बनी है। स्वस्थ महिला के एंड को पुरूष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज करके भ्रूण विकसित किया जाता है, जो बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। जिसके बाद 9 महिने के बाद स्वस्थ बच्चे का जन्म संभव होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या कोई भी महिला एग डोनर बन सकती है ?

एग डोनर बनने के लिए महिला की उम्र कम से कम 21 साल की और ज्यादा से ज्यादा 35 साल की होनी चाहिए। 21 से 35 साल की कोई भी स्वस्थ महिला एग डोनर बन सकती है।

डोनर एग के साथ आई वी एफ कितना सफल है?

डोनर एग के साथ आईवीएफ का सफल दर गर्भधारण करने वाली महिला की उम्र पर निर्भर करता है। आम तौर पर इस प्रक्रिया का सफलता दर 60 से 70% होता है।

क्या मरीज के रिश्तेदार एग डोनेट कर सकते है ?

हां, मरीज के रिश्तेदार एग डोनेट कर सकते है, लेकिन डोनर महिला की उम्र 30 से कम होनी चाहिए और वो स्वास्थ्य होनी चाहिए। इतना ही नहीं उनके बच्चे भी स्वस्थ होने चाहिए।

क्या डोनर एग के साथ आई वी एफ सुरक्षित हैं?

आईवीएफ में डोनर महिला की जांच करने के बाद हीं उनके एग का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से डोनर एग के साथ आईवीएफ संपूर्ण सुरक्षित है।

डोनर एग का इस्तेमाल कब करना चाहिए?

अगर आपकी उम्र 40 से ज्यादा हो, आपके एग की गुणवत्ता खराब हो या प्रोडक्शन कम हो रहा हो, जेनेटिक प्रोब्लम हो तो ऐसे में डोनर एग्स का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा विकल्प है।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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