Female Infertility

Beta HCG Test in Hindi: Beta HCG टेस्ट क्या है? कब करें

HCG गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर से स्त्रावित होने वाला एक हार्मोन है। यह प्लेसेंटा के जरिए रिलीज होता है और गर्भावस्था के चरणों को निर्धारित करने में मदद करता है। आइये जानते है (Beta HCG Test in Hindi) प्रेगनेंट महिला पर किए जाने वाला एक नियमित प्रशिक्षण है। इस प्रशिक्षण से भ्रूण पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। अगर HCG का लेवल सामान्य है तो इसका मतलब है की गर्भस्थ शिशु स्वस्थ हैं।

Beta HCG टेस्ट क्या है? (Beta HCG Test in Hindi)

गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर HCG हार्मोन का उत्पादन शुरू कर देता है। गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में इसका लेवल दोगुना बढ़ जाता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए की परिक्षण किए जाते हैं उनमें से एक है HCG। इस परिक्षण से गर्भावस्था के पहलुओं का निदान और पुष्टि करने में मदद मिलती है। गर्भावस्था की जीवनक्षमता और प्रक्रिया के बारे में जानने में मदद मिलती है। HCG लेवल में असामान्यता होने का मतलब गर्भावस्था की जटिलता हो सकता है।

और पढ़े : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण?

Beta एचसीजी टेस्ट कैसे करें? (How to Do the Beta HCG Test in Hindi)

बीटा HCG टेस्ट 2 तरीकों से किया जाता है। (Beta HCG Test)

1. HCG ब्लड टेस्ट : इसमें ब्लड सैंपल कलेक्टर किए जाते हैं। इस ब्लड को लेबोरेटरी में टेस्ट के लिए भेजा जाता है। इसके जरिए ब्लड में HCG के स्तर को निर्धारित किया जाता है। गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए यह टेस्ट बहुत जरूरी है। HCG का सामान्य स्तर गर्भस्थ शिशु के स्वस्थ होने का संकेत है।

2. HCG यूरिन टेस्ट : महिला के शरीर में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया के 10 दिन बाद महिला के यूरिन में HCG का स्तर बढ़ने लगता है। HCG के स्तर का बढ़ना गर्भावस्था की शुरुआत के भी संकेत है। गर्भावस्था के जोखिम को कम करने के लिए HCG लेवल को मोनिटर करना बहुत जरूरी है।

Beta HCG टेस्ट क्यों किया जाता है?( Purpose of Beta HCG test in Hindi)

Beta HCG टेस्ट की मदद से गर्भावस्था का पता लगाने से लेकर गर्भस्थ शिशु के विकास के बारे में जानने के लिए किया जाता है। (Beta HCG test for pregnancy)

1. गर्भावस्था की शुरुआत : गर्भावस्था की शुरुआत में HCG का स्तर बढ़ जाता है। अगर HCG का स्तर 5 MIU से ज्यादा है तो यह गर्भावस्था का संकेत है।

2. स्वस्थ गर्भावस्था : गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर HCG स्तर को सबसे ज्यादा मोनिटर करते हैं। गर्भस्थ महिला का HCG लेवल उनकी गर्भावस्था के बारे में बहुत सारी जानकारी देता है।

3. मिसकैरिज : HCG के लेवल से गर्भपात का पहले से ही लगाया जा सकता है। HCG का लेवल लगातार कम आ रहा है तो गर्भपात की संभावना ज्यादा है। ऐसे में डॉक्टर पहले से ही अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह देते हैं।

4. भ्रूण का विकास : भ्रूण के विकास के साथ हीं मां के शरीर में HCG का लेवल बढ़ने लगता है, जो गर्भस्थ शिशु के स्वस्थ होने का संकेत है।

5. जटिल गर्भावस्था : एक्टोपिक गर्भावस्था और एकाधिक गर्भधारण की अवस्था का पता लगाने में भी HCG लेवल मदद कर सकता है।

Beta HCG टेस्ट कब करना चाहिए? (When to Do a Beta HCG Test)

• अगर नेचुरल प्रेगनेंसी हो तो पीरियड्स के अपेक्षित अगले दिन से टेस्ट किया जा सकता है। यह 28 दिनों की नियमित साइकिल पर ओवुलेशन के बाद 14वां दिन होता है।

• अगर IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए प्रेगनेंसी हो तो एग कलेक्शन के 13 या 14 दिन बाद टेस्ट किया जा सकता है।

• अगर एग डोनेशन के जरिए प्रेगनेंसी हो तो प्रोजेस्ट्रॉन का उत्पादन शुरू होने के 13 या 14 दिनों बाद टेस्ट किया जा सकता है।

Beta HCG टेस्ट के बाद (After Beta HCG test in Hindi)

Beta HCG टेस्ट के परिणाम के बाद आपको आपके डॉक्टर जरूरी सुझाव दे सकते है।

अगर बीटा लेवल अच्छा है तो डॉक्टर आपको दवा जारी रखने और 2 से 3 सप्ताह बाद अल्ट्रासाउंड के लिए कह सकते हैं।

• परिणाम अगर नेगेटिव आता है तो इसका मतलब है कि भ्रूण का प्रत्यारोपण नहीं हुआ है, तो इस पर डॉक्टर आपको दवा बंद करने की सलाह दे सकते है।

• अगर HCG लेवल कम है तो यह अच्छा संकेत नहीं है लेकिन फिर भी सामान्य गर्भावस्था की संभावना रहती है। इस वजह से डॉक्टर आपको दवा जारी रखने के लिए और कुछ दिनों बाद फिर से टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं।

Beta HCG टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? (Risk of Beta HCG test in Hindi)

Beta HCG टेस्ट महत्वपूर्ण है लेकिन उसके साइड इफेक्ट्स को भी ध्यान में रखना जरूरी है। (Beta HCG Test in Hindi)

  • इंजेक्शन की जगह पर दर्द
  • हेमाटोमा (Hematoma)
  • जिन में इंजेक्शन के लिए नस का पता नहीं चल पाता उनमें अलग अलग जगह पर पंक्चर करना
  • पंक्चर वाली जगह पर ब्लीडिंग या खून के थक्के जम जाना
  • पंक्चर वाली जगह पर इंफेक्शन हो जाना
  • थ्रोम्बोफ्लिबिटिस

निष्कर्ष

गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए (Beta HCG Test in Hindi) किया जा सकता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान कई टेस्ट किए जाते हैं लेकिन यह टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है जिस पर डॉक्टर कड़ी निगरानी रखते हैं। गर्भावस्था की जटिलता से लेकर गर्भस्थ शिशु के विकास की जांच करने के लिए यह टेस्ट काफी महत्वपूर्ण है। अगर इनफर्टिलिटी संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं और आपको Beta HCG टेस्ट की आवश्यकता है? तोह आज ही पटना के सबसे प्रसिद्ध आईवीएफ क्लिनिक, दिव्य वात्सल्य ममता IVF Centre in Patna में विशेषज्ञ परामर्श प्राप्त करें।

Read to know: Blocked Fallopian Tubes To Beat Infertility

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या बीटा एचसीजी टेस्ट गलत हो सकता है?

कभी कभी गर्भावस्था की बहुत पहले की शुरुआत में यह टेस्ट किया जाए तो इसका परिणाम अलग हो सकता है।

Beta HSG टेस्ट कब करना चाहिए?

अगर नेचुरल प्रेगनेंसी हो तो पीरियड्स के अपेक्षित अगले दिन से टेस्ट किया जा सकता है, अगर IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) के जरिए प्रेगनेंसी हो तो एग कलेक्शन के 13 या 14 दिन बाद टेस्ट किया जा सकता है।

Beta एचसीजी रिपोर्ट को कैसे समझें?

महिला में अगर HCG का स्तर 5 MIU से ज्यादा है तो यह गर्भावस्था का संकेत है और अगर HCG का लेवल 9.5 MIU से कम है तो यह महिला में पोस्ट मेनोपॉज की स्थिति को दर्शाता है।

पॉजिटिव बीटा एचसीजी के बाद क्या करें?

पॉजिटिव बीटा HCG एक अच्छा संकेत है यह गर्भावस्था की शुरुआत को दर्शाता है, पॉजिटिव रिजल्ट के बाद डॉक्टर के सुझाव का पालन करें।

पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए कितना बीटा एचसीजी होना चाहिए?

पॉजिटिव प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए HCG का स्तर 5 MIU से ज्यादा होना चाहिए।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Call Now