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Adenomyosis Meaning in Hindi: एडीनोमायोसिस क्या है? और इलाज

एडीनोमायोसिस (Adenomyosis Meaning in Hindi) महिलाओं में होने वाली एक मेडिकल स्थिति है। आज की बदलती लाइफस्टाइल इसके लिए जिम्मेदार है। कई मामलों में इसे खान-पान, घरेलू उपायों से भी ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर दवाएं या सर्जरी के लिए भी सुझाव दे सकते हैं।

एडीनोमायोसिस क्या है? (Adenomyosis Meaning in Hindi)

एडीनोमायोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें यूट्रस के अंदर एंडोमेट्रियल टिशू विकसित होने लगते हैं। जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं को तेज दर्द, हेवी ब्लीडिंग की समस्या से गुजरना पड़ता है। पूरी पीरियड सायकिल के दौरान इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। एडीनोमासिस की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। आम तौर पर मेनोपॉज के बाद एडीनोमासिस की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है।

एडीनोमायोसिस के लक्षण (Symptoms of Adenomyosis in Hindi)

एक तिहाई महिलाओं में एडीनोमायोसिस के किसी भी तरह के लक्षण देखने नहीं मिलते हैं। हालांकि आम तौर पर निम्नलिखित लक्षण एडीनोमायसिस की ओर संकेत करते हैं।

  • पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना, पीरियड्स लंबे समय तक चलना
  • पीरियड्स के दौरान तेज़ दर्द होना, ब्लड क्लॉट्स
  • पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग
  • सेक्स करते समय दर्द होना
  • मल त्याग ने में समस्या
  • गर्भाशय का आकार बढ़ना
  • गर्भधारण करने में समस्या

एडीनोमायोसिस के कारण (Causes of Adenomyosis in Hindi)

  • हार्मोनल असंतुलन : गर्भाशय की मांसपेशियों में एंडोमेट्रियल परत बढ़ाने के लिए एस्ट्रोजन जिम्मेदार होता है। बढ़ती उम्र या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से यह हो सकता है।
  • सूजन और इम्यून सिस्टम : गर्भाशय में लंबे समय तक सूजन हो तो वह एडीनोमायोसिस का कारण बन सकता है। सूजन की वजह से गर्भाशय परत की सामान्य संरचना बिगड़ जाती है। इसके अलावा इम्यून सिस्टम खराब हो तो उसका प्रभाव भी पड़ सकता है।
  • एस्ट्रोजन की मात्रा : एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा गर्भाशय की परत को बढ़ाने का काम कर सकती हैं।
  • आक्रमक ऊतक : सर्जरी के दौरान आई हुई चोट भी एडीनोमायोसिस का कारण बन सकती है।

एडीनोमायोसिस के दौरान आपका खान-पान

  • एस्ट्रोजन संतुलित करने के लिए ब्रोकोली, केल, ब्रसेल स्प्राउट्स, फूलगोभी, शिमला मिर्च, पालक, डेयरी का सेवन करना चाहिए।
  • पपीता, सेब, नारियल, नाशपाती, अनानास जैसे फलों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सूजनरोधी होते हैं।
  •  हार्मोनल संतुलन के लिए साबुत दालें का सेवन
  • जई, ब्राउन राइस, साबुत अनाज, मल्टिग्रेन में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।
  • पीरियड्स के दौरान दर्द को कम करने के लिए एवोकाडो, फिश, बीज, जैतून का तेल फायदेमंद हो सकता है।

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एडीनोमायोसिस होने पर क्या करे (Adenomyosis Hone par kya kare)

एडीनोमायसिस आधुनिक लाइफस्टाइल की देन है। एडीनोमायसिस होने पर निम्नलिखित चीज़ों का पालन करें।

  • वजन को नियंत्रित करें
  • अपने रोजमर्रा की जिंदगी में एक्सरसाइज को शामिल करें
  • संतुलित खान-पान अपनाएं, पर्याप्त पानी पीएं
  • तनाव से दूर रहें

एडीनोमायोसिस होने पर क्या ना करे (Adenomyosis hone par kya Na Kare)

  • संतृप्त वसा और अतिरिक्त चीनी के सेवन से दूर रहें
  • शराब और कैफ़ीन के सेवन से बचें
  • रेड मीट और ग्लूटेन का सेवन न करें
  • तला, मसालेदार भोजन और जंक फूड से दूर रहें

एडीनोमायोसिस का इलाज (Treatment of Adenomyosis in Hindi)

एडीनोमायोसिस ‌के इलाज (Adenomyosis in Hindi) के लिए निम्नलिखित परिक्षण आवश्यक है।

  • अल्ट्रासाउंड : अल्ट्रासाउंड से गर्भाशय परत के टिशू की स्थिति जानने में मदद मिलती है।
  • एंडोमेट्रियल बायोप्सी : एंडोमेट्रियल टिशू का छोटा सा नमूना लेकर उसका परिक्षण किया जाता है। इससे बिमारी की अवस्था का पता लगाया जाता है।
  • MRI: गर्भाशय की आंतरिक मांसपेशियों को देखने के लिए यह परिक्षण किया जाता है।
  • परिक्षण के बाद अगर उपचार की आवश्यकता हो तो डॉक्टर निम्नलिखित उपचार का सुझाव दे सकते हैं।
  • एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाएं : सूजन कम करने के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन जैसी दवाएं का सुझाव दे सकते हैं।
  • अन्य दवाएं : गर्भ निरोधक गोलियां या इंजेक्शन भी दे सकते हैं
  • लैप्रोस्कोपिक सर्जरी : लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से एडीनोमायोटिक टिशू को इनवेसिव तरीके से दूर किया जा सकता है।
  • हिस्टरेक्टॉमी सर्जरी : इस सर्जरी में गर्भाशय को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। इस सर्जरी के बाद महिला गर्भधारण नहीं कर सकती।

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निष्कर्ष

एडीनोमायोसिस (Adenomyosis Meaning in Hindi) में गर्भाशय के अंदर एंडोमेट्रियल टिशू विकसित होने लगते हैं। जिसकी वजह से महिला को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द और हैवी ब्लीडिंग का सामना करना पड़ सकता है। बदलती लाइफस्टाइल एडीनोमायोसिस के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में संतुलन खान-पान अपनाने से भी इससे बचा जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. एडीनोमायोसिस क्या होता है?

एडीनोमायोसिस  में गर्भाशय के अंदर एंडोमेट्रियल टिशू विकसित होने लगते हैं। इसकी वजह से मासिक धर्म के दौरान कई समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की हैवी ब्लीडिंग, अत्यधिक दर्द, पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग इत्यादि।

Q2. एडीनोमायोसिस इतना दर्दनाक क्यों है?

इस स्थिति में एंडोमेट्रियल टिशू गर्भाशय की दीवार में चिपक जाता है। जिससे गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। जिसके कारण महिला को पीरियड्स के दौरान दिक्कतें हो सकती है।

Q3. एडीनोमायोसिस का मुख्य कारण क्या है?

एडीनोमायोसिस का मुख्य कारण खान-पान में बदलाव, हार्मोनल असंतुलन, ज्यादा वजन, सर्जरी के दौरान चोट लगना इत्यादि है।

Q4. एडीनोमायोसिस में क्या खाना चाहिए?

एडीनोमायोसिस में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन से भरपूर भोजन जैसे की सब्जियां, फल, साबूत अनाज, मल्टिग्रेन, ब्राउन राइस, पपीता, सेब, नारियल, नाशपाती, अनानास इत्यादि खाना चाहिए।

Q5. क्या एडीनोमायोसिस की मरीज गर्भवती हो सकती है?

एडीनोमायोसीस की स्थिति में महिला को गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। हालांकि समय पर इलाज से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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