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Period Pain Relief Tips in Hindi: पीरियड्स पेन से राहत के टिप्स

पीरियड्स के दौरान महिलाएं क्रैंप्स से गुजरती है। पीरियड्स के ठीक पहले और पीरियड्स के दौरान क्रैंप्स होता है। कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स क्रैंप्स सिर्फ असुविधा का कारण बन सकता है और कुछ महिलाओं के लिए इतना गंभीर हो सकता है की रोजमर्रा की एक्टिविटी में भी दिक्कतें आ सकती है। ऐसे में कई महिलाएं पीरियड क्रैंप्स से छूटकारा पाने अलग-अलग नुस्खे आजमाती है, आप हमारे (Period Pain Relief tips in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे पीरियड्स पेन रिलीफ टिप्स जानकारी उपचार इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।

पीरियड्स पेन क्या होता है? (What is Period Pain)

पीरियड्स पेन, मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को कहते हैं। यह दर्द पेट के निचले हिस्से में, पीठ, और कभी-कभी जांघों में भी महसूस होता है। मासिक धर्म के पहले दो-तीन दिनों में यह दर्द अधिक होता है, गर्भाशय अपनी परत निकालने के लिए सिकुड़ता है, जिसके कारण दर्द होता है। आइये जानते है, पीरियड में क्रैम्प होने के कारण को।

पीरियड क्रैम्प के कारण क्या हैं? (What are the Causes of Period Cramps)

पीरियड्स के दौरान गर्भाशय अपनी लाइनिंग को बहार निकालने के लिए सिकुड़ता है। दर्द और सूजन के लिए जिम्मेदार हार्मोन – प्रोस्टाग्लैंडीन (Prostaglandins)की वजह से मसल्स में कोन्ट्रैक्शन होता है। गंभीर पीरियड्स क्रैंप्स के लिए प्रोस्टाग्लैंडीन का उच्च लेवल जिम्मेदार होता है। इसके अलावा निम्नलिखित और भी कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

• एडिनोमायोसिस : गर्भाशय को घेरने वाला टिशू जब गर्भाशय के मसल्स की दीवारों में बढ़ने लगता है।

• गर्भाशय फाइब्रॉयड : गर्भाशय की दीवारों में हो रही ट्यूमर दर्द का कारण बन सकती है। हालांकि यह ट्यूमर नॉन कैंसरस होती है।

• एंडोमेट्रियोसिस : गर्भाशय की लाइनिंग जैसा टिशू जब गर्भाशय के बहार यानी कि फैलोपियन ट्यूब, ओवरी या फिर पेल्विस एरिया में बढ़ने लगता है तब पीरियड्स क्रैंप्स गंभीर रूप धारण कर सकते हैं।

• पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज : गर्भाशय में बैक्टीरिया की वजह से होने वाला यह संक्रमण धीरे धीरे दूसरे प्रजनन अंगो में भी फैलने लगता है।

• प्री-मैन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) : पीरियड्स के शुरू होने के 1-2 हफ्ते पहले हार्मोनल परिवर्तन की वजह से PMS की स्थिति होना एक आम बात है। ब्लीडिंग शुरू होते ही परिस्थिति ठीक हो जाती है।

• सर्वाइकल स्टेनोसिस : यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें गर्भाशय की ग्रीवा इतनी छोटी होती है कि वह मैन्स्ट्रुअल ब्लीडिंग को धीमा कर देती है, जिसकी वजह से गर्भाशय के अंदर दबाव बढ़ता है और दर्द होता है।

और पढ़े : पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय

पीरियड्स पेन रिलीफ टिप्स (Period Pain Relief tips in Hindi)

पीरियड्स के दर्द को कम करने के 5 बेहतरीन टिप्स :

• पेट पर गर्माहट लगाएं : मसल्स को आराम देने के लिए और पीरियड क्रैंप्स से राहत पाने के लिए पेट पर गर्म पानी की बोतल या फिर हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें। पीठ दर्द होने पर पीठ के नीचे हिस्से पर भी हीटिंग पैड रखने से आराम मिलता है।

• हल्के व्यायाम या योगाभ्यास करें : बहुत महिलाएं पीरियड्स क्रैंप्स में व्यायाम और योगाभ्यास से दूर रहती है लेकिन पीरियड्स क्रैंप्स से राहत पाने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। हल्की स्ट्रेचिंग, वॉक करना और योग करने से एंडोर्फिन रिलीज होता है जो प्राकृतिक पेन रिलीफ का काम करता है।

• शारीरिक संबंध : पीरियड्स क्रैंप्स को कम करने के लिए ऑर्गेजम मदद कर सकता है। ऑर्गेज्म के दौरान गर्भाशय सिकुड़ता है और फिर वापस नोर्मल हो जाता है, जिससे पीरियड क्रैंप्स में राहत मिलती है। कसरत की तरह ही ऑर्गेज्म में भी एंडोर्फिन रिलीज होता है।

• पेट की मालिश करें : पेट पर मालिश करने से पैल्विक मसल्स को आराम मिलता है और क्रैंप्स कम हो जाता है। मसाज ऑइल, बॉडी लोशन या कोकोनट ऑइल से भी मालिश कर सकते हैं।

• ओवर-द-काउंटर दवाइयां : घरेलू नुस्खे से पीरियड क्रैंप्स में राहत न मिले तो ओवर-द-काउंटर दवाइयां जैसे कि एस्पिरिन या इबुप्रोफेन का भी इस्तेमाल कर सकते है।

पीरियड्स के दौरान पेन से राहत पाने के लिए डाइट टिप्स

• डेयरी प्रोडक्ट्स : दूध, दही, चीज़ कैल्शियम के अच्छे स्रोत है और कुछ रिसर्च में पाया गया है कि कैल्शियम से पीरियड क्रैंप्स (period cramps), मूड स्विंगस में राहत मिलती है।

• हल्दी : इससे शरीर की सूजन दूर होती है जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान होने वाली असुविधा में राहत मिलती है।

• जिंजर : यह नॉन-इंफलेमेटरी होता है जिसकी वजह से पीरियड्स से जुड़े मसल्स को आराम मिलता है।

• डार्क चॉकलेट : एक रिसर्च के मुताबिक डार्क चॉकलेट में मैग्नीशियम पाया जाता है और यह PMS के लक्षण को दूर करने में मदद करता है।

• विटामिन C: पीरियड्स के दौरान लेमन और ऑरेंज का अधिकतम सेवन करना चाहिए।

डॉक्‍टर से कब संपर्क करें?

पीरियड्स के दौरान सभी महिलाएं पीरियड क्रैंप्स से गुजरती है। पीरियड्स के 1-2 दिन तक यह स्थिति आम होती है। पीरियड क्रैंप्स को दो प्रकार में बांटा जाता है – प्राइमरी डिस्मेनोरिया और सेकंडरी डिस्मेनोरिया।

• प्राइमरी डिस्मेनोरिया : मैन्स्ट्रुअल के दौरान इस प्रकार का पीरियड क्रैंप्स आम माना जाता है। प्रोस्टाग्लैंडीन में परिवर्तन की वजह से इस तरह के क्रैंप्स होते हैं। पीरियड्स की शुरुआत में प्रोस्टाग्लैंडीन का लेवल अधिक होता है। बढ़ती उम्र के साथ साथ इस तरह के क्रैंप्स कम हो जाते हैं।

• सेकंडरी डिस्मेनोरिया : यह एक दुर्लभ मेडिकल कंडिशन है और यह महिला के प्रजनन संबंधी स्थिति जैसे कि संक्रमण, प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD), एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय फाइब्रॉयड के कारण हो सकता है। इस तरह के पीरियड क्रैंप्स दो दिन से ज्यादा दिन तक हो सकता है, पीरियड्स शुरू होने से पहले ही पीरियड क्रैंप्स शुरू हो जाना और इस तरह के पीरियड क्रैंप्स वक्त के साथ ज्यादा दर्दनाक हो सकते हैं।

निष्कर्ष

हर महिला हर महीने मेन्स्ट्रुअल साइकिल से गुजरती है और इस दौरान पीरियड क्रैंप्स होना काफी आम है, लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह बहुत ही ज्यादा असुविधा का कारण बन सकता है, ऐसे में पीरियड क्रैंप्स से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खे (Period Pain Relief tips in Hindi) आजमाएं जा सकते हैं लेकिन परिस्थिति गंभीर होने पर तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पीरियड के दर्द को तुरंत कम कैसे करें?

पेट पर गर्माहट लगाएं, गर्म पानी पिए, डेयरी प्रोडक्ट्स, जिंजर, विटामिन C, डार्क चॉकलेट का सेवन करने से पीरियड के दर्द को दूर किया जा सकता है।

पीरियड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?

पीरियड्स में दूध, दहीं, चीज़, फाइबर और प्रोटीनयुक्त चीजें खानी चाहिए।

क्या पीरियड्स के दौरान व्यायाम करना सुरक्षित है?

पीरियड्स के दौरान हल्के व्यायाम करने से दर्द में आराम मिल सकता है, हल्कि स्ट्रेचिंग, योगाभ्यास भी किया जा सकता है।

पीरियड्स के दौरान दर्द क्यों होता है?

पीरियड्स के दौरान गर्भाशय अपनी लाइनिंग को बहार निकालने के लिए सिकुड़ता है। जिसकी वजह से मसल्स में कोन्ट्रैक्शन होता है और पीरियड्स के दौरान दर्द होता हैं।

पीरियड में गर्म पानी क्यों पीना चाहिए?

पीरियड्स के दौरान गर्म पानी पीने से सूजन में राहत मिलती है, इसकी वजह से पीरियड्स के दौरान गर्म पानी पीना चाहिए।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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