Male Infertility

Sperm Cramps Meaning in Hindi : स्पर्म क्रैम्प्स क्या है? लक्षण, उपचार

आम तौर पर महिलाओं को क्रैंप्स की समस्या के बारे में चर्चा की जाती है, लेकिन क्या आपको पता है पुरुषों को भी क्रैंप्स का सामना करना पड़ सकता है? जी, हां, उसे स्पर्म क्रैंप्स (Sperm Cramps Meaning in Hindi) कहा जाता है। स्पर्म क्रैंप्स के लिए संक्रमण, जेनेटिक जैसे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। यह स्थिति पुरुष में हीं नहीं महिलाओं को भी प्रभावित कर सकती है। इसके कारण का पता लगाकर इसे घरेलू उपचार से भी ठीक किया जा सकता है।

स्पर्म क्रैम्प्स क्या है? ( Sperm Cramps Meaning in Hindi)

पुरूषों में हार्मोनल बदलाव की वजह से स्पर्म क्रैंप्स हो सकता है। स्पर्म क्रैंप्स यानी ‘वीर्य का दर्द’ पुरूषों के लिए दर्दनाक भी हो सकता है।‌ स्पर्म क्रैंप्स में पुरूष को टेस्टिकल एरिया (अंडकोष क्षेत्र) में दर्द होता है। स्पर्म क्रैंप्स को पोस्ट-ऑर्गेज़मिक दर्द के रूप में भी जाना जाता है। यह क्रैंप्स कई बार घंटों तक या कई दिनों तक चल सकता है।

हार्मोनल बदलाव की वजह से वीर्य निर्माण की प्रक्रिया में अवरोध पैदा हो सकता है, जिसकी वजह से दर्द या सूजन की समस्या हो सकती है। स्पर्म क्रैंप्स में पुरूष को वीर्य निकालने के बाद पेट में दर्द महसूस हो सकता है। सेक्स के दौरान पेल्विक क्षेत्र में मांसपेशियों के संकुचन की वजह से स्पर्म क्रैंप्स हो सकते हैं।

स्पर्म क्रैम्प्स के कारण (Causes of Sperm Cramps)

स्पर्म क्रैंप्स के लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।

संक्रमण (Underlying Infection) : मूत्र मार्ग या फिर टेस्टिकल्स में संक्रमण होने के कारण भी दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है।

टेस्टिक्युलर टॉरशन : इस स्थिति में टेस्टिकल्स में ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है। जिसकी वजह से टेस्टिकल में दर्द हो सकता है।

मांसपेशियों में संकुचन : वीर्य निकालने के दौरान प्रजनन तंत्र के मांसपेशियों में संकुचन होता है। यह संकुचन दर्द का कारण बन सकता है।

एपिडीडिमाइटिस : इस स्थिति में टेस्टिकल के आसपास संकुचन या सुजन आ जाती है। बैक्टेरियल इंफेक्शन की वजह से इस स्थिति का निर्माण होता है।

प्रोस्टेटाइटिस : 50 वर्ष से कम उम्र के पुरूषों में होना आम बात है। इसकी वजह से बार बार युरीन जाने की जरूरत पड़ती है।

प्रोस्टेट कैंसर : इस स्थिति में दर्दनाक स्खलन हो सकता है।

वेरिकोसेल : इस स्थिति में टेस्टिकल्स कि वेंस में बदलाव आता है, जिसकी वजह से क्रैंप्स और दर्द महसूस हो सकता है।

इसके अलावा सर्जरी, सिस्ट या स्टोन, पुडेंडल न्यूरोपैथी, रेडियोथेरेपी, स्पर्म के प्रति एलर्जी, टेस्टिक्युलर इंजरी की स्थिति में स्पर्म क्रैंप्स हो सकते हैं।

स्पर्म क्रैम्प्स के लक्षण (Sperm Cramps symptoms in Hindi)

स्पर्म क्रैंप्स के लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाएं तो उसे जल्दी ठीक किया जा सकता है। स्पर्म क्रैंप्स के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं।

सूजन : टेस्टिकल्स में सूजन आना स्पर्म क्रैंप्स के संकेत हो सकते हैं। यहां की त्वचा भी लाल रंग की हो जाती है और स्पर्श करने पर दर्द भी महसूस हो सकता है। इसके आकार में भी परिवर्तन देखा जा सकता है, आकार आम रूप से छोटा या बड़ा हो सकता है।

स्खलन के दौरान दर्द : स्खलन के दौरान या बाद में दर्द या जलन होना स्पर्म क्रैंप्स का प्रमुख संकेत हैं। हल्के से लेकर गंभीर दर्द हो सकता है।

पेट में दर्द : यह भी स्पर्म क्रैंप्स का एक आम संकेत हैं। पेट के नीचे के क्षेत्र (ग्रोइन) में दर्द होने पर यह स्पर्म क्रैंप्स के संकेत हो सकते हैं। रोज़मर्रा की जिंदगी में भी इसका असर पड़ सकता है।

कमजोर और थकान : क्रैंप्स की वजह से पुरुष को कमजोरी और थकावट, नींद की कमी, भारीपन महसूस हो सकती है।

स्पर्म क्रैंप्स को कैसे रोकें (How to prevent Sperm Cramps in Hindi)

स्पर्म क्रैंप्स से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सुरक्षित सेक्स : स्पर्म क्रैंप्स को रोकने के लिए सुरक्षित सेक्स पर ज़ोर दे। कॉन्डम का इस्तेमाल करें।

सुरक्षित कपड़े पहने : स्पर्म क्रैंप्स एक आम समस्या है लेकिन इससे बचने के लिए सुरक्षित कपड़े पहने। फिजिकल एक्टिविटी के वक्त कम्प्रेशन शॉर्ट्स पहने।

प्राइवेट पार्ट की सफाई रखें : सिर्फ स्पर्म क्रैंप्स हीं नहीं बल्कि दूसरी यौन समस्याओं से भी बचना के लिए प्राइवेट पार्ट की सफाई रखें।

नियमित बॉडी चेक अप : स्पर्म क्रैंप्स से बचने के लिए उनके लक्षणों को पहचानें और टेस्टिकल में बदलाव आ रहे हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं : ब्लड सर्कुलेशन के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मांसपेशियों का दर्द कम होता है।

स्पर्म क्रैम्प्स का उपचार (Sperm Cramps Treatment in Hindi)

स्पर्म क्रैंप्स के संकेत दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श कर इसका उपचार किया जा सकता है।

मेडिसिन : स्पर्म क्रैंप्स की स्थिति में टेस्टिकल्स में सूजन या फिर दर्द की समस्या हो सकती है। इसके उपचार के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाइयां दे सकते है।

पेन किलर : स्पर्म क्रैंप्स की स्थिति में दर्द में राहत के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर पेन किलर दे सकते है।

फिजिकल थेरेपी : पेल्विक फ्लोर फिजिकल थेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है। जिससे स्खलन के दौरान दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल में बदलाव : रोज़मर्रा की जिंदगी में योगा, कसरत और संतुलित डाइट को शामिल कर स्पर्म क्रैंप्स को कम किया जा सकता है।

सर्जरी : कभी कभी दर्द को कम करने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है।

इमेजिंग टेस्ट्स : डॉक्टर आपको इमेजिंग टेस्ट्स की सलाह दे सकते है। स्पर्म संबंधी समस्या की स्थिति में अल्ट्रासाउंड या इमेजिंग टेस्ट्स के लिए कह सकते हैं।

स्पर्म टेस्ट्स : स्पर्म क्रैंप्स के संकेत दिखने पर डॉक्टर स्पर्म काउंट, मोबिलिटी टेस्ट्स कर सकते हैं।

स्पर्म क्रैंप्स में राहत पाने के लिए घरेलू उपचार भी किए जा सकते हैं, जैसे कि गर्म पानी से स्नान, अदरक का उपयोग, सरसों का तेल, अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

और पढ़े : टेस्टोस्टेरोन के लाभ और जरूरी स्तर

निष्कर्ष

आम तौर क्रैंप्स की समस्या महिलाओं में देखी जाती है लेकिन पुरूषों में भी स्पर्म क्रैंप्स की समस्या हो सकती है। यह समस्या स्खलन के वक्त हो सकती है। स्पर्म क्रैंप्स (Sperm Cramps Meaning in Hindi) में टेस्टिकल्स में सुजन और दर्द हो सकता है। कभी कभी लाइफस्टाइल में बदलाव करके या ओवर-द-काउंटर दवाई के जरिए भी इसे ठीक किया जा सकता है। हालांकि इसके संकेत दिखते हीं डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. पुरुष में शुक्राणु ऐंठन क्यों होता है?

हार्मोनल बदलाव की वजह से वीर्य निर्माण की प्रक्रिया में अवरोध पैदा हो सकता है, जिसकी वजह से दर्द या सूजन की समस्या हो सकती है। यौन संबंध के दौरान मांसपेशियों में संतुलन की वजह से भी स्पर्म क्रैंप्स हो सकते हैं।

Q2. स्पर्म क्रैम्प्स क्यों होते हैं?

संक्रमण, टेस्टिक्युलर टॉरशन, मांसपेशियों में संकुचन, एपिडीडिमाइटिस, प्रोस्टेट कैंसर, वेरिकोसेल, सर्जरी, सिस्ट या स्टोन, पुडेंडल न्यूरोपैथी, रेडियोथेरेपी, स्पर्म के प्रति एलर्जी, टेस्टिक्युलर इंजरी की स्थिति में स्पर्म क्रैंप्स हो सकते हैं।

Q3. स्पर्म क्रैम्प होने पर क्या करें?

स्पर्म क्रैंप्स होने पर एंटीबायोटिक्स, इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर पेन किलर, फिजिकल थेरेपी, लाइफस्टाइल में बदलाव और ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर सर्जरी के लिए भी कह सकते हैं। स्पर्म क्रैंप्स में राहत पाने के लिए घरेलू उपचार का सहारा भी लिया जा सकता है।

Q4. क्या अधिक स्पर्म पुरूषों में दर्द का कारण बन सकता है?

नहीं, अधिक स्पर्म पुरूषों में दर्द का कारण नहीं बनता है। हालांकि कुछ मेडिकल कंडिशन में टेस्टिकल्स या पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।

Q5. स्पर्म क्रैंप्स की वजह से इनफर्टिलिटी हो सकती है?

इनफर्टिलिटी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन स्पर्म क्रैंप्स की वजह से इनफर्टिलिटी नहीं होती है। इनफर्टिलिटी का सहीं कारण जानने के लिए मेडिकल टेस्ट्स जरूरी है।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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