Female Infertility

Irregular Periods in Hindi: अनियमित पीरियड्स के लक्षण और उपचार

नियमित पीरियड्स (Irregular Periods)आपके स्वास्थ होने की एक निशानी है, इतना ही मातृत्व के लिए भी नियमित पीरियड्स होना अनिवार्य है। जब आपके पीरियड्स वक्त से पहले, देर से या फिर तो आते हीं नहीं है। आम तौर पर पीरियड्स की साइकिल 28 दिन की होती है। उदाहरण के तौर पर बात करें तो अगर आपके पीरियड्स 21 दिन पहले या 35 दिन बाद आते हैं, या फिर लगातार 3 या उससे ज्यादा बार पीरियड्स मिस हो जाते हैं तो उसे अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods in Hindi) कहते हैं। अनियमित पीरियड्स के लिए स्ट्रेस, हार्मोनल बदलाव, अन्य बीमारियां या फिर दवाई जैसे कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

अनियमित पीरियड्स क्या हैं? (Irregular Periods in Hindi)

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आप हमारे (Irregular Periods in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की अनियमित पीरियड्स के लक्षण और उपचार इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।

इर्रेगुलर पीरियड्स (Irregular Periods) हर महिला की तरह उनकी पीरियड्स साइकिल भी अलग अलग होती है। आमतौर पर पीरियड्स की साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच होती है। कुछ महिलाओं को समय पर पीरियड्स आ जाते हैं लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी होती है जिनके पीरियड्स समय से पहले, समय के बाद या फिर तो उसका समय तय कर पाना मुश्किल होता है। इतना ही नहीं कभी कभी कुछ महिलाओं को ज्यादा या कम ब्लीडिंग होती या तो ज्यादा दिन तक चलता है या समय से पहले ही ब्लीडिंग आना बंद हो जाता है, तो उसे (Irregular periods)अनियमित पीरियड्स कहते हैं। अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) को ओलिगोमेनोरिया भी कहां जाता है।

अनियमित पीरियड्स के कारण क्या हैं? (Causes of Irregular Periods in Hindi)

अनियमित पीरियड्स आने के की कारण हो सकते हैं,(Irregular periods reasons) लेकिन इनमें से सामान्य रूप से देखें जाने वाले कारण निम्नलिखित हैं।

1. हार्मोनल असंतुलन : महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होना आम बात है। इसे आप लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करके संतुलित कर सकते हैं लेकिन फिर भी डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। इनका सहीं समय पर इलाज न किया जाए तो इससे गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।

2. PCOD : हार्मोन की वजह से महिला की ओवरी में छोटी छोटी सिस्ट यानी गांठ हो जाती है। इसकी वजह से ओवरी पर बुरा असर पड़ता है। यह सिस्ट महिला के पीरियड्स के साथ साथ गर्भधारण करने में भी दिक्कत हो सकती है। और पढ़े : PCOD in Hindi

3. थाइराइड : कई बार अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods)के लिए थाइराइड भी जिम्मेदार हो सकता है। नियमित पीरियड्स के लिए हार्मोन का संतुलित होना जरूरी है। TSH हार्मोन बढ़ने की वजह से प्रोलैक्टिन हार्मोन बढता है, जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।

4. डायबिटीज़ : अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो ने एक अध्ययन में पाया है की टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लड़कियों में अनियमित पीरियड्स की समस्या हो सकती है। उनकी मैन्स्ट्रुअल साइकिल भारी और दर्दनाक हो सकती है।

5. पेरिमेनोपॉज : इसे मेनोपॉज ट्रांजिशन भी कहां जाता है। मेनोपॉज से पहले पेरिमेनोपॉज की अवस्था आती है। इस परिस्थिति में भी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। आम तौर पर 40 की उम्र पार करते ही पेरिमेनोपॉज के लक्षण नजर आने लगते है।

6. मोटापा (ओबेसिटी) : बढ़ा हुआ वजन भी अनियमित पीरियड्स के लिए जिम्मेदार हो सकता है। ज्यादा वजन के चलते शरीर अतिरिक्त मात्रा में एस्ट्रोजन का उत्पादन करने लगता है। जिसकी वजह से पीरियड्स प्रभावित होते हैं।

अनियमित पीरियड्स के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Irregular periods in Hindi)

  • लगातार 3-4 पीरियड्स मिस हो जाना
  • आम तौर पर पीरियड्स साइकिल 21 से 35 दिनों की होती है, ऐसे में 21 दिन पहले या फिर 35 दिन बाद पीरियड्स आना
  • ज्यादा ब्लीडिंग या बहुत ही कम ब्लीडिंग
  • 5 से कम या 8 दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग आना
  • ब्लड क्लॉट ज्यादा हो
  • जी मिचलाना, ऐंठन, दर्द

और पढ़े : PCOS Symptoms in Hindi

अनियमित पीरियड्स का इलाज (Treatment of Irregular periods in Hindi)

इर्रेगुलर पीरियड्स ट्रीटमेंट (Irregular periods treatment)अनियमित पीरियड्स की समस्या होने पर तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें। योग्य जांच करने के बाद डॉक्टर हीं आपको सहीं उपचार का सुझाव दे सकते है। इसके अलावा कुछ आम उपचार भी है।

  • लेजर थेरेपी
  • दवाइयां
  • संक्रमण की परिस्थिति में दवाइयां
  • हार्मोन थेरेपी

अनियमित पीरियड्स के घरेलू उपचार (Home Remedies for Irregular Periods in Hindi)

अगर आपके पीरियड्स हार्मोन में असंतुलन के कारण अनियमित है तो हार्मोन को संतुलित करने के लिए नियमित व्यायाम और योग करें, तनाव को कम करें, पर्याप्त नींद लें, कैफीन, शराब और सिगरेट पीने से बचें और प्रोसेस्ड फूड खाने से भी दूर रहें। इसके अलावा पीरियड्स को नियमित करने के लिए आप निम्नलिखित फूड्स का सेवन भी कर सकते हैं।

1. जीरा : रात को एक कप पानी में दो चम्मच जीरा डालकर छोड़ दें, सुबह खाली पेट इस पानी को पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने पर आपकी पीरियड्स साइकिल नियमित हो जाएगी।

2. अनानास : अनानास में मौजूद ब्रोमेलेन पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। यह लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है जिसकी वजह से पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग सही होता है।

3. सौंफ वाला पानी पिएं : एक गिलास पानी को उबालें, उसमें 1-2 चम्मच सौंफ डाल दें। जब पानी आधा हो जाए तब इस पानी को छानकर पी लें। इससे अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर होती है।

4. हल्दी : रात को सोने से पहले शहद के साथ गर्म हल्दी वाला दूध पिएं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एस्ट्रोजन अनियमित पीरियड्स को ठीक करने में मदद करता है।

5. दालचीनी : PCOS की समस्या हो तो दालचीनी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसके नियमित सेवन से यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियमित करता है जिसकी वजह से पीरियड्स संबंधित समस्या दूर होती है।

डॉक्टर से कब परामर्श लें?

अगर आपके लगातार 3 या उससे ज्यादा पीरियड्स मिस हो गए हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपके पीरियड्स 5 से कम या 8 दिन से ज्यादा चलते हो या ब्लीडिंग ज्यादा या कम हो रही हो तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) के कारण को जानने के लिए डॉक्टर के सुझाव का पालन करें।

निष्कर्ष

आज कल की बदलती लाइफस्टाइल की वजह से अनियमित पीरियड्स होना आम बात है लेकिन 3 महिने से ज्यादा समय तक पीरियड्स न आए हो तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods in Hindi) गर्भधारण करने में भी बाधा डाल सकते हैं। आम तौर पर आप लाइफस्टाइल बदलकर भी इसे ठीक कर सकते हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर डॉक्टर आपको दवाइयां भी दे सकते है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

अनियमित पीरियड कितने दिन के होते हैं?

आम तौर पर पीरियड्स साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच में होती हैं। 21 दिन से पहले या 35 दिन के बाद पीरियड्स आए तो उसे अनियमित पीरियड्स कहते हैं।

अनियमित पीरियड्स से कौन सा रोग होता है?

अनियमित पीरियड्स ओवरी में सिस्ट, थाइराइड, PCOD जैसी बीमारियों के भी संकेत है।

पीरियड कितने दिनों तक लेट हो सकता है?

पीरियड्स साइकिल हर महिला में अलग अलग होती है। आम तौर पर पीरियड्स 21 से 35 दिन में आ जाने चाहिये।

अनियमित पीरियड्स में क्या नहीं खाना चाहिए?

अनियमित पीरियड्स में मैदा, प्रोसेस्ड फूड, शुगर, व्हाइट ब्रैड, व्हाइट पास्ता जैसी चीजों से दूर रहें।

पीरियड्स में कितनी देरी नार्मल मानी जाती है?

21 से 35 दिन में पीरियड्स आना नोर्मल माना जाता है। इससे पहले या बाद में पीरियड्स आते हैं तो उसे अनियमित पीरियड्स कहते हैं।

पीरियड्स आने से पहले क्या संकेत देता है?

पीरियड्स शुरू होने से कुछ दिन पहले ब्लॉटिंग, ऐंठन, पेट दर्द, स्तनों में सूजन, मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती है।

पीरियड्स लेट होने के कारण क्या है?

पीरियड्स लेट होने के पीछे वजन में बदलाव, हार्मोनल बदलाव, पेरिमेनोपॉज, तनाव, गर्भनिरोधक गोलियां, थाइराइड, सिस्ट भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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