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3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi: Pregnancy Signs

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना (3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi) एक रोमांचक समय होता है। इस महीने में, आप कई बदलावों का अनुभव करेंगी, जिनमें से कुछ सुखद और कुछ थोड़े परेशान करने वाले हो सकते हैं।

इस ब्लॉग में, हम प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में होने वाले लक्षणों, खाने के लिए स्वस्थ भोजन, बच्चे के विकास और इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

3 महीने गर्भावस्था के लक्षण क्या है? (3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi)

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना जो लगभग 9 से 12 सप्ताह तक का होता है, एक महत्वपूर्ण अवधि होती है। इस समय, महिला का शरीर गर्भधारण के बदलावों के अनुरूप ढलना शुरू करता है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न शारीरिक और भावनात्मक लक्षण दिखाई देते हैं।

इन लक्षणों को समझना और उनका प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है ताकि आप इस खूबसूरत अनुभव का आनंद ले सकें।प्रेगनेंसी के (3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi) तीसरे महीने में क्या क्या लक्षण दिखते हैं?

  • कम होता है मॉर्निंग सिकनेस: पहले दो महीनों में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस धीरे-धीरे कम होने लगती है।
  • बढ़ती है ऊर्जा: मॉर्निंग सिकनेस कम होने से आपको पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस हो सकता है।
  • बढ़ता है पेट: गर्भाशय के बढ़ने से पेट थोड़ा फूला हुआ महसूस हो सकता है।
  • दर्द और ऐंठन: गर्भाशय के खिंचाव से पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है।
  • कब्ज: हार्मोन में बदलाव और आयरन सप्लीमेंट के कारण कब्ज हो सकती है।
  • दस्त: हार्मोन में बदलाव के कारण दस्त हो सकते हैं।
  • बार-बार पेशाब लगना: बढ़ते हुए गर्भाशय से मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण बार-बार पेशाब लगने की इच्छा हो सकती है।
  • त्वचा में बदलाव: हार्मोन में बदलाव के कारण त्वचा शुष्क, तैलीय या मुंहासेदार हो सकती है।
  • नाक बंद होना: बढ़ते हुए रक्त प्रवाह के कारण नाक बंद हो सकती है।
  • मनोदशा में बदलाव: हार्मोन में बदलाव के कारण मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और चिंता हो सकती है।

याद रखें, प्रेगनेंसी एक अद्भुत यात्रा है। इन परिवर्तनों को समझने और अपने शरीर की देखभाल करने से आप इस अनुभव का आनंद ले सकती हैं और अपने बच्चे के स्वस्थ आगमन की तैयारी कर सकती हैं।

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प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या खाना चाहिए?

इस समय, आपको और आपके बच्चे को दोनों के लिए पर्याप्त पोषण मिलना महत्वपूर्ण है। इसलिए, अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करें:

  • फल और सब्जियां: विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
  • साबुत अनाज: साबुत अनाज में फाइबर, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं।
  • दालें और बीज: दालें और बीज प्रोटीन, आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।
  • डेयरी उत्पाद: डेयरी उत्पादों में कैल्शियम और विटामिन डी होता है, जो आपके बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक हैं।
  • लीन मीट, मछली और अंडे: लीन मीट, मछली और अंडे प्रोटीन और आयरन का अच्छा स्रोत हैं।
  • स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा, जैसे कि जैतून का तेल, नट्स और बीज, आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन खाद्य समूहों के अलावा, आपको अपने डॉक्टर से प्रसवपूर्व विटामिन भी लेना चाहिए। प्रसवपूर्व विटामिन में फोलिक एसिड, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे के जन्मजात दोषों को रोकने में मदद करते हैं।

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए?

कच्चा या अधपका मांस, मछली और अंडे: इनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो आपको और आपके बच्चे को बीमार कर सकते हैं।

  • असुरक्षित दूध और डेयरी उत्पाद: इनमें भी हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं।
  • अत्यधिक कैफीन: कैफीन आपके बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है।
  • शराब: शराब आपके बच्चे को जन्मजात दोष पैदा कर सकता है।
  • धूम्रपान: धूम्रपान आपके बच्चे के विकास को रोक सकता है और जन्म के समय कम वजन का कारण बन सकता है।
  • कच्चा मछली (जैसे सुशी): कुछ प्रकार के कच्चे मछली में पारा होता है, जो आपके बच्चे के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ भोजन का सेवन करना आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। एक विविध और संतुलित आहार खाने से आपको और आपके बच्चे को आवश्यक सभी पोषक तत्व मिलते हैं।

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प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में बच्चे का विकास

इस महीने में, आपके बच्चे का विकास तेजी से होता है। इस दौरान, निम्नलिखित विकास होते हैं:

  • बच्चे की लंबाई लगभग 9 सेंटीमीटर (3.5 इंच) और वजन लगभग 140 ग्राम (5 औंस) हो जाता है।
  • बच्चे के चेहरे की विशेषताएं बनने लगती हैं, जैसे कि आंखें, नाक और मुंह।
  • बच्चे की उंगलियां और पैर की उंगलियां अलग होने लगती हैं।
  • बच्चे के अंग, जैसे कि हृदय, मस्तिष्क और फेफड़े, विकसित होना जारी रखते हैं।
  • बच्चा हिलना-डुलना शुरू कर देता है, जिसे आप अल्ट्रासाउंड में महसूस कर सकती हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये विकास अनुमानित हैं और प्रत्येक बच्चे में भिन्न हो सकते हैं। विकास की गति और क्रम भिन्न हो सकते हैं, लेकिन तीसरे महीने के अंत तक, अधिकांश प्रमुख संरचनाएँ और प्रणालियाँ अपनी जगह पर होती हैं। विशेषज्ञ के साथ नियमित प्रसव पूर्व जांच से बच्चे के विकास की निगरानी करने और स्वस्थ प्रेगनेंसी सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में रखें ये सावधानियां

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान, माँ और विकासशील बच्चे दोनों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी महत्वपूर्ण हैं। यहां ध्यान रखने योग्य कुछ प्रमुख सावधानियां दी गई हैं:

  • स्वस्थ भोजन खाएं: पर्याप्त मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन लें।
  • पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-9 घंटे की नींद लेने का लक्ष्य रखें।
  • नियमित व्यायाम करें: हल्का व्यायाम, जैसे कि पैदल चलना, तैराकी या प्रसव पूर्व योग, करें। व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
  • शराब, धूम्रपान और नशीले पदार्थों से दूर रहें: ये पदार्थ आपके बच्चे के विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • कैफीन का सेवन सीमित करें: ज्यादा कैफीन आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • तनाव प्रबंधन करें: तनाव आपके स्वास्थ्य और आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करें।
  • ध्यान रखें, आपकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत सलाह और किसी विशिष्ट सावधानियों के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

तीसरा महीना प्रेगनेंसी का एक महत्वपूर्ण समय होता है। इस दौरान शारीरिक और भावनात्मक बदलावों का अनुभव हो सकता है। (3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi) स्वस्थ भोजन करना, नियमित व्यायाम करना और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना इस समय में महत्वपूर्ण होता है। अपने बच्चे के विकास के बारे में सीखना और किसी भी चिंता के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना भी फायदेमंद होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?

यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ दिए गए हैं जिनसे आपको बचना चाहिए:
कच्चा या अधपका मांस, मछली और अंडे, असुरक्षित दूध और डेयरी उत्पाद, अत्यधिक कैफीन, शराब, धूम्रपान, कच्चा मछली (जैसे सुशी), अतिरिक्त नमक, अतिरिक्त चीनी, कच्चे अंडे, अनुशंसित मात्रा से अधिक विटामिन ए, हर्बल सप्लीमेंट और चाय|

3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या क्या महसूस होता है?

कम होता है मॉर्निंग सिकनेस: पहले दो महीनों में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस धीरे-धीरे कम होने लगती है।
 
बढ़ती है ऊर्जा: मॉर्निंग सिकनेस कम होने से आपको पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस हो सकता है।
बढ़ता है पेट: गर्भाशय के बढ़ने से पेट थोड़ा फूला हुआ महसूस हो सकता है।
दर्द और ऐंठन: गर्भाशय के खिंचाव से पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है।
कब्ज: हार्मोन में बदलाव और आयरन सप्लीमेंट के कारण कब्ज हो सकती है।
दस्त: हार्मोन में बदलाव के कारण दस्त हो सकते हैं।
बार-बार पेशाब लगना: बढ़ते हुए गर्भाशय से मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण बार-बार पेशाब लगने की इच्छा हो सकती है।
त्वचा में बदलाव: हार्मोन में बदलाव के कारण त्वचा शुष्क, तैलीय या मुंहासेदार हो सकती है।
नाक बंद होना: बढ़ते हुए रक्त प्रवाह के कारण नाक बंद हो सकती है।

3 महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है?

3 महीने का बच्चा लगभग एक अंगूर के आकार का होता है। इस दौरान बच्चे के चेहरे की विशेषताएं बनने लगती हैं, उंगलियां और पैर की उंगलियां अलग होने लगती हैं, और अंग विकसित होना जारी रखते हैं।

3 महीने की प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना?

यदि आपको प्रेगनेंसी के किसी भी समय, खासकर पहले तीन महीनों में, ब्लीडिंग हो रही है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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